
लेबनान और सीरिया के कुछ इलाकों में सीरियल ब्लास्ट हुए हैं. ये धमाके पेजर्स के फटने से हुए, जिसने सबको हैरान कर दिया है. इसमे 8 लोगों की मौत हुई है, वहीं 2700 से ज्यादा जख्मी हैं. इस सीरियल ब्लास्ट के निशाने पर हिज्बुल्लाह के मेंबर्स थे. आरोप लग रहा है कि इजरायल ने ये धमाके करवाए हैं. अब हर तरफ इस बात की चर्चा है कि आखिर पेजर में धमाके कैसे हो सकते हैं.
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पेजर होता क्या है? यह कैसे काम करता है? क्या पेजर को हैक किया जा सकता है? सुरक्षा और प्राइवेसी के हिसाब से देखें तो पेजर को कितना सुरक्षित माना जा सकता है? आइए जानते हैं इन सारे सवालों के जवाब.
पेजर क्या है?
पेजर एक ऐसा डिवाइस है, जिसका इस्तेमाल मैसेज भेजने और प्राप्त करने के लिए किया जाता है. इसका उपयोग 1990 के दशक में काफी लोकप्रिय था, खासकर डॉक्टर, बिज़नेसमैन और इमरजेंसी सेवाओं के प्रोफेशनल्स द्वारा. पेजर का काम होता है एक रेडियो सिग्नल के जरिए टेक्स्ट मैसेज को रिसीव करना. यह मुख्य रूप से तब काम आता था जब मोबाइल फोन इतने प्रचलित नहीं थे. आज भी, कुछ विशेष उद्योगों में जैसे कि हेल्थकेयर और इमरजेंसी सर्विसेज, पेजर का उपयोग किया जाता है क्योंकि यह एक भरोसेमंद और सीधा-साधा संचार माध्यम है.
पेजर कैसे काम करता है?
पेजर काम करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी का उपयोग करता है. जब किसी को मैसेज भेजना होता है, तो पेजर नेटवर्क उस मैसेज को सेंड करता है, जिसे पेजर डिवाइस रिसीव करता है. इस प्रक्रिया में कोई इन्टरनेट या कॉलिंग सुविधा की आवश्यकता नहीं होती. यही कारण है कि पेजर दूरदराज के क्षेत्रों और उन जगहों पर भी काम कर सकता है, जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं होता. पेजर के तीन मुख्य प्रकार होते हैं:
1. वन-वे पेजर- इसमें केवल मैसेज रिसीव किए जा सकते हैं.
2. टू-वे पेजर- इसमें मैसेज रिसीव करने के साथ-साथ जवाब भी भेजा जा सकता है.
3. वॉयस पेजर- इसमें वॉयस मेसेजेस रिकॉर्ड किए जा सकते हैं.
पेजर की सुरक्षा और प्राइवेसी
अब सवाल यह उठता है कि क्या पेजर हैक किया जा सकता है? पेजर की सुरक्षा व्यवस्था मोबाइल फोन या अन्य इंटरनेट आधारित डिवाइसों की तुलना में सीमित होती है. पेजर सिस्टम में एन्क्रिप्शन नहीं होता, जिससे इसका डेटा किसी भी इंटरसेप्टर द्वारा कैप्चर किया जा सकता है. हालांकि, पेजर का उपयोग करने वाले मुख्य तौर पर छोटे टेक्स्ट मैसेज ही भेजते हैं. लेकिन फिर भी इसकी मदद से संवेदनशील जानकारी जैसे मरीजों के मेडिकल रिकॉर्ड या गोपनीय बिजनेस प्लान्स का आदान-प्रदान किया जाता है.
विशेषज्ञों के अनुसार पेजर को आसानी से हैक किया जा सकता है, खासकर अगर कोई व्यक्ति रेडियो सिग्नल्स को इंटरसेप्ट कर ले. 2016 में एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें बताया गया कि हेल्थकेयर सेक्टर के पेजर्स में मरीजों की निजी जानकारी लीक होने की घटनाएं देखी गई थीं. इसलिए, अगर आप संवेदनशील जानकारी का आदान-प्रदान कर रहे हैं, तो पेजर को सबसे सुरक्षित विकल्प नहीं माना जा सकता.
कितना सुरक्षित है पेजर?
पेजर का इस्तेमाल कम संवेदनशील या तत्काल जानकारी भेजने के लिए सही हो सकता है, लेकिन इसका एन्क्रिप्शन न होना इसे कमजोर बनाता है. मोबाइल फोन और अन्य सुरक्षित नेटवर्क आधारित संचार माध्यमों के मुकाबले पेजर को कमजोर माना जा सकता है, क्योंकि इसे इंटरसेप्ट करना आसान होता है.
हालांकि, पेजर की एक खासियत यह है कि यह मोबाइल नेटवर्क के बिना भी काम करता है, जिससे इसे कठिन परिस्थितियों में भी उपयोग में लाया जा सकता है. इसलिए, आज भी कुछ क्षेत्रों में इसकी जरूरत और उपयोगिता बनी हुई है.