
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने वाले वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन अब बेलारूस पहुंच गए हैं. इसके साथ ही रूस में तीन दशकों में आया सबसे बड़ा खुला सैन्य विद्रोह भी खत्म हो गया है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आरोप लगाया कि येवगेनी ने वैगनर कर्मियों और रूस के लोगों के बीच उनकी छवि को धूमिल किया.
लुकाशेंको ने कराया था समझौता
बीते शनिवार को प्रिगोझिन के नेतृत्व में भाड़े के सैनिकों ने दक्षिणी रूसी शहर रोस्तोव पर कब्ज़ा कर मास्को की तरफ मार्च करना शुरू कर दिया था. इसके बाद पुतिन को सफाई देने आना पड़ा और उन्होंने दो टूक कहा कि गद्दारी करने वालो को बख्शा नहीं जाएगा. बाद में बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको की मदद से एक समझौता होने के बाद यह विद्रोह खत्म हो सका. समझौते के अनुसार, प्रिगोझिन रूस छोड़कर जा सकते हैं और आपराधिक आरोपों से बचने के लिए पड़ोसी देश बेलारूस में रह सकते हैं. यह भी समझौता हुआ कि वैगनर सेनानियों को दोषमुक्त किया जाएगा और उन्हें रूसी सैन्यबलों में शामिल होने की पेशकश की जाएगी.
बेलारूस पहुंचे प्रिगोझिन
बेलारूसी राष्ट्रपति लुकाशेंको ने 27 जून को पुष्टि की कि प्रोगोझिन बेलारूस पहुंच चुके हैं. इस जानकारी को पुष्ट करने के लिए, इंडिया टुडे की OSINT (ओपन सोर्स इन्वेस्टिगेशन) टीम ने वैगनर प्रमुख के स्वामित्व वाले दो बिजनेस जेट को फ्लाइटराडार डेटा के माध्यम से ट्रैक किया, जो कथित तौर पर बेलारूस के माचुलिश सैन्य हवाई क्षेत्र से रूस की तरफ से उड़ान भर रहे थे. दोनों जेट का सेंटिनल हब से सेटैलाइट तस्वीरों का विश्लेषण किया गया. RA02795 और RA02878 जेट एक ही एयरबेस पर थे जिनकी लंबाई क्रमशः लगभग 15 मीटर और 26 मीटर है.
RA02795 के अलावा, प्रिगोझिन के पास M-VITO, VP-CSP और M-SAAN जैसे कई अन्य व्यावसायिक विमान (जेट) हैं. इसके अलावा, आने-जाने के लिए एक नौका (Yacht) सेंट विटामिन कहा जाता है. इनमें से अधिकांश संपत्तियों को अवैध गतिविधियों के संचालन के लिए मंजूरी दे दी गई है, विशेष रूप से अफ्रीकी प्रायद्वीप के भीतर जहां वैगनर ग्रुप की सबसे अधिक पकड़ है.
पुतिन-प्रिगोझिन विवाद में कैसे आए बेलारूसी राष्ट्रपति?
रूस में विद्रोह की इस आग को शांत करने का श्रेय बेलारूस के नेता और पुतिन के सहयोगी अलेक्जेंडर जी लुकाशेंको को दिया गया. लुकाशेंको ने ही प्रिगोझिन और पुतिन के बीच में समझौता कराया. उन्होंने कहा, 'नए वैश्विक संघर्ष का खतरा कभी इतना करीब नहीं रहा जितना आज है.' उन्होंने खुद बताया कि कैसे वह पुतिन और प्रिगोझिन के बीच सौदा कराने में कामयाब रहे.
कितने सुरक्षित येवगेनी
अगर विद्रोह शांत नहीं होता तो पुतिन की छवि को गहरा धक्का पहुंचता और इससे रूस के करीबी सहयोगी और पड़ोसी भी असुरक्षित हो जाते. यही कारण रहा कि लुकाशेंको अपने संरक्षक की मदद करने आगे आए. हालाँकि यह स्पष्ट नहीं है कि प्रिगोझिन बेलारूस में कितने सुरक्षित हो सकते हैं. पुतिन का रिकॉर्ड रहा है कि उन्होंने धोखा देने वाले अपने किसी भी दुश्मन को छोड़ा नहीं है चाहे वह दूसरे देश में क्यों ना चले गया हो. दिमित्री किसेलेव द्वारा होस्ट किए जाने वाले एक रूसी साप्ताहिक टेलीविजन शो में पुतिन की एक पुरानी क्लिप प्रसारित की गई जिसमें वह कह रहे हैं कि विश्वासघात करने वालों को वह कभी माफ नहीं कर सकते हैं.
क्या बेलारूस में फील्ड कैंप स्थापित करेगा वैगनर?
कई अटकलों के बाद, लुकाशेंको ने उन दावों का खंडन किया कि बेलारूसी अधिकारियों ने वैगनर सैनिकों के लिए फील्ड कैंप स्थापित करना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि बेलारूस केवल तभी कैंप बनाएगा जब वैगनर उनसे अनुरोध करेगा.लुकाशेंको ने कहा कि वैगनर बल बेलारूसी सेना की तुलना में अधिक ट्रेंड हैं और वैगनर समूह के व्यापक युद्ध अनुभव से लाभ उठा सकती है.लेकिन वैगनर के पास बेलारूस में भर्ती केंद्र नहीं होंगे जैसा कि रूस में थे. बेलारूस के लोगों को वैगनर समूह में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी. वैगनर समूह संभवतः बेलारूसी सेना के लिए प्रशिक्षण और सलाहकार भागीदार के रूप में कार्य करेगा.
यूक्रेन को होगा फायदा?
पुतिन-लुकाशेंको-प्रिगोझिन के बीच चल रहा पावरप्ले शायद ही अभी तक समाप्त हुआ है और इसके अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों परिणाम दिखने जारी रहेंगे. इससे यूक्रेन को लाभ होने की संभावना है. इससे पहले, वैगनर ग्रुप ने यूक्रेन में कुछ बड़ी जीत हासिल की थी - लेकिन जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि भाड़े का मालिक (प्रिगोझिन) केवल युद्ध में जीत से संतुष्ट नहीं था उसने रूसी सैन्य अधिकारियों पर अक्षमता और उनके लड़ाकों को कमजोर करने का आरोप लगाया.
युद्ध के मैदान में, वैगनर ग्रुप के सैनिक पिछले साल रूस के आक्रमण के बाद से यूक्रेनी सुरक्षा बलों से मजबूती से लोहा ले रहे थे. यह उनका प्रशिक्षण ही था जो उन्हें रूसी सैन्य बलों से अलग करता था. लेकिन अल्पकालिक विद्रोह के बाद, अब यह स्पष्ट नहीं है कि वैगनर अभी भी युद्ध के मैदान पर एक लड़ाकू शक्ति होगा या नहीं. फिलहाल, वैगनर की अनिश्चित स्थिति यूक्रेनी सैनिकों के लिए राहत की बात है. अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, यूक्रेनी सेना कुछ लाभ लेने की कोशिश करने के लिए अराजकता और कमजोर मनोबल का फायदा उठा सकती है.
पुतिन की कोशिश
हाल ही में रूसी राष्ट्रपति ने वैगनर कर्मियों को रूसी सेना में शामिल होने और यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई जारी रखने के लिए राजी किया. पुतिन ने वैगनर कमांडरों और सेनानियों को प्रिगोझिन के सशस्त्र विद्रोह से दूरी बनाने की पेशकश करते हुए कहा कि 'हम जानते हैं कि वैगनर समूह के अधिकांश लड़ाके और कमांडर भी रूसी देशभक्त हैं, जो अपने लोगों और देश के प्रति समर्पित हैं.' पुतिन ने आगे कहा कि रूस का असली दुश्मन यूक्रेन है.
उन्होंने आगे कहा कि वैगनर लड़ाके जो "रूस की सेवा" जारी रखना चाहते हैं, वे रूसी रक्षा मंत्रालय (एमओडी) या अन्य रूसी सुरक्षा सेवाओं के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर कर सकते हैं, सेवानिवृत्त हो सकते हैं और घर जा सकते हैं, या बेलारूस (प्रिगोझिन के साथ) जा सकते हैं. अपने पक्ष में भाड़े के समर्थन को आकर्षित करने के प्रयास में, उन्होंने वैगनर समूह के कमांडरों के काम की प्रशंसा की.
वैगनर समूह कहां-कहां है मौजूद
पूरे अफ़्रीका में हज़ारों वैगनर सैनिक तैनात हैं. वैगन समूह अभी सीरिया,सेंट्रल अफ्रीका, सूडान, माली, मोंजाबिक, वेनेजुएला
श्रीलंका, रूस और यूक्रेन में मौजूद है. ऐसे में अब उनके भविष्य को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, माली, सूडान या लीबिया में, क्रेमलिन (रूस) अक्सर वैगनर का पर्याय बन जाता है. वैगनर को रूस की ऐसी ताकत के रूप में देखा जाता है जो प्राकृतिक संसाधनों के बदले में सैनिकों को किराए पर देता है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ हुए समझौते के बाद वैगनर के भविष्य को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.
माली में, लगभग 1,500 भाड़े के लड़ाकों ने अल कायदा और इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) से जुड़े सशस्त्र समूहों के खिलाफ देश की सेना के साथ लड़ाई लड़ी है. मध्य अफ्रीकी गणराज्य में, वैगनर समूह लकड़ी उद्योग और देश की सबसे बड़ी सोने की खदान का उपयोग करता है और बदले में सशस्त्र विद्रोहियों से सरकार को सुरक्षा मुहैया कराता है.
सूडान में, जहां वैगनर ने सोने की खनन रियायतों के बदले सरकार को बख्तरबंद वाहन और प्रशिक्षण प्रदान करता है. प्रिगोझिन ने एक शक्तिशाली अर्धसैनिक समूह को हथियार की पेशकश की है जो वर्तमान में सूडानी सेना के खिलाफ लड़ रहा है. लेकिन अब जब रूस ने अफ़्रीका में अपने संचालन के लिए वैगनर को रसद सहायता और संसाधन प्रदान करना बंद कर दिया है, तो सवाल उठता है कि यह वैगनर की गतिविधियों कैसे संचालित होंगी.