
पाकिस्तान में सत्ता के खेल में इमरान खान मैच फिक्स कर चुके हैं. इमरान खान ने पहले पाकिस्तान की संसद में डिप्टी स्पीकर से अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करवा दिया उसके बाद राष्ट्रपति से संसद भंग करवाने में कामयाब हो गए. लेकिन अब सत्ता का पेंच सुप्रीम कोर्ट में फंस गया है जिस पर मंगलवार को फैसला आ सकता है. हालांकि, इस सबके बीच दिलचस्प बात ये है कि पाकिस्तान के इतिहास में आज तक कोई भी प्रधानमंत्री लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर सत्ता में नहीं आया है और दूसरी बात पाकिस्तान में ये पहली बार नहीं है कि जब किसी प्रधानमंत्री ने संसद भंग करने की कामयाब सिफारिश की हो.
इससे पहले 1988 में मार्शल लॉ खत्म होने के बाद बेनजीर भुट्टो प्रधानमंत्री बनीं, लेकिन 1990 में चुनाव हार गई और दूसरी बार सत्ता में नहीं लौट पाईं. वहीं, 1993 में नवाज शरीफ ने असेंबली भंग की थी, लेकिन उसके बाद हुए चुनावों में उनकी पार्टी हार गई थी. साथ ही 2008 में तत्कालीन आर्मी चीफ परवेज मुशर्रफ ने मार्शल लॉ खत्म करने के बाद चुनाव करवाया, लेकिन पाकिस्तान की जनता ने उन्हें भी नकार दिया. अगर ये सिलसिला चलता रहा तो इस बात की आशंका बढ़ जाती है कि इमरान खान के लिए सत्ता में वापसी की राह मुश्किल हो सकती है.
चिट्ठी वाला बाउंसर फेंका
इमरान खान सत्ता के आखिरी ओवर में आउट होने वाले थे, लेकिन आखिरी मौके पर उन्होंने एक चिट्ठी वाला बाउंसर फेंका और सारी बाज़ी पलट दी. इस चिट्ठी के जरिए इमरान खान ये आरोप लगा रहे हैं कि उनकी सरकार गिराने के पीछे अमेरिका का बहुत बड़ा हाथ है. आश्चर्य इस बात का है कि जिस अमेरिका के टुकड़ों पर पाकिस्तान इतने वर्षों तक जीवन यापन कर रहा था वो आज सीधे- सीधे अमेरिका से टक्कर ले रहा है. ऐसे में आज ये समझना भी ज़रूरी है कि इमरान खान को इतनी शक्ति कहां से मिल रही है कि वो अमेरिका को आंख दिखाने की गुस्ताखी कर रहे हैं?
इसे समझने के लिए इमरान खान के अमेरिका विरोधी कुछ बयान देखिए:
- प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी चिट्ठी में दावा किया है कि अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू सरकार गिराने की साजिश में शामिल थे.
- डोनाल्ड लू अमेरिका विदेश मंत्रालय के तहत Assistant Secretary of State for South and Central Asian Affairs यानी यूएस के दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के सहायक सचिव हैं. उनके पास दक्षिण एशिया और सेंट्रल एशियाई देशों में अमेरिकी नीतियां लागू करने का जिम्मा है.
- इमरान सरकार को गिराने में अमेरिका का कितना हाथ है, इसके पुख्ता सबूत तो अब तक नहीं मिले हैं. लेकिन इमरान किसके इशारे पर अमेरिका से टक्कर ले रहे हैं वो देखना ज़्यादा ज़रूरी है.
चीन का 18 अरब डॉलर कर्ज
- जब से इमरान खान सत्ता में आए हैं तब से वो चीन की गोद में बैठकर अपनी सत्ता चला रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि पाकिस्तान ने चीन से 18 अरब डॉलर का कर्ज ले रखा है. इमरान खान के पीएम बनने के बाद पाकिस्तान का कर्ज 70 फीसदी बढ़ चुका है. खान के कार्यकाल में पाकिस्तान की मुद्रा 35 प्रतिशत तक गिर चुकी है.
- पाकिस्तान को दिवालिया होने से बचाने के लिए इमरान ख़ान ने अपने देश को चीन के प्रति समर्पित कर दिया है और अब चीन इसका पूरा आनंद ले रहा है. चीन, पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर बेल्ट एंड रोड इनिशएटिव प्रोजेक्ट तैयार कर रहा है. ग्वादर में चीन का नया पोर्ट और पूरा का पूरा एक शहर तैयार हो चुका है.
- आसान भाषा में कहा जाए तो इमरान चीन की कूटनीतिक गोद में सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और वहां के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इशारे रिसीव करके अमेरिका पर बयानों की पत्थरबाजी कर रहे हैं.