
चीन समर्थक मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को चीन से लौटते ही बड़ा झटका लगा है. मालदीव के भारत समर्थक विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) ने राजधानी माले के मेयर चुनावों में शानदार जीत की है. MDP के एडम अजीम ने मुइज्जू की पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (PNC) के ऐशाथ अजीमा शकुर को भारी अंतर से मात दी है.
MDP के एडम अजीम को माले का नया मेचर चुन लिया गया है. अजीम मुइज्जू की जगह लेंगे, जिन्होंने पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने के लिए पद से इस्तीफा दे दिया था. मालदीव की मीडिया ने एडम को जीत को 'बड़ा' बताया है और कहा है कि अजीम ने यह जीत बड़े अंतर से हासिल की है. MDP का नेतृत्व भारत समर्थक पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद सोलिह कर रहे हैं जो पिछले राष्ट्रपति चुनाव में मुइज्जू से हार गए थे.
कौन हैं एडम अजीम?
स्थानीय अखबार Adhadhu के मुताबिक, अजीम पिछली सरकार में मालदीव ट्रांसपोर्ट एंड कॉन्ट्रैक्टिंग कंपनी (MTCC) के सीईओ थे. उन्होंने अपना करियर कूपर्स एंड लाइब्रांड में इंटरनल ऑडिटर के रूप में शुरू किया. वो अपना खुद का बहुत सा बिजनेस चलाते रहे हैं, साथ ही कई सरकारी पदों पर भी रहे.
MTCC के सीईओ बनने से पहले उन्होंने दिसंबर 2018 से लेकर जनवरी 2020 तक मालदीव वाटर एंड सीवरेज कंपनी (MWSC) के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर काम किया. इससे पहले नवंबर 2013 से लेकर फरवरी 2015 तक वो स्टेट ट्रेडिंग ऑर्गेनाइजेशन (STO) के मैनेजिंग डायरेक्टर पद पर कार्यरत थे.
भारी अंतर से जीते चुनाव
अजीम ने मुइज्जू की पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (PNC) के ऐशाथ अजीमा शकुर को भारी अंतर से हरा दिया है. 41 मतपेटियों की गिनती के बाद अजीम को जहां 5,303 वोट मिले तो वहीं, उनके विरोधी अजीमा शकुर को महज 3,301 वोट मिले. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुनाव में बहुत कम वोटिंग हुई है.
मेयर चुनावों में अजीम की जीत से MDP का राजनीतिक भविष्य एक बार फिर सुनहरा दिखने लगा है. हालांकि, अब भी संसद में MDP सांसदों की संख्या ज्यादा है.
भारत से राजनयिक तनाव के बीच जीते भारत समर्थक उम्मीदवार
राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद से ही भारत और मालदीव के बीच तनाव चल रहा है. मुइज्जू 'इंडिया आउट' का एजेंडा लेकर सत्ता में आए और जीत के बाद मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी का मुद्दा लगातार उठाते रहे हैं. हाल ही में उन्होंने भारत को अल्टीमेटम दिया है कि भारत मालदीव से अपने सैनिकों से 15 मार्च तक वापस बुला ले.
मालदीव और भारत के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे की तस्वीरों और वीडियो को लेकर भी काफी बवाल हुआ. पीएम की तस्वीरों और वीडियो पर मालदीव के कुछ मंत्रियों ने आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी जिसके बाद भारी विवाद हुआ और लोगों ने मालदीव का बहिष्कार करना शुरू कर दिया. मालदीव की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर आधारित है और वहां सबसे अधिक पर्यटक भारत से आते हैं. राजनयिक तनाव से मालदीव के पर्यटन को भारी नुकसान हुआ है.
इसी विवाद के बीच मुइज्जू चीन के पांच दिवसीय दौरे पर भी थे जहां उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. इस दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौते हुए और मुइज्जू ने कहा कि उनका देश चीन के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' (BRI) के तहत चीन के साथ सहयोग को और अधिक बढ़ाएगा.
चीन से वापसी के बाद ही मुइज्जू ने भारत को लेकर एक और टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा कि हमें बुली करने का लाइसेंस किसी के पास के पास नहीं है. उन्होंने बिना भारत का नाम लिए कहा था, 'भले ही हम एक छोटा देश हैं लेकिन इससे किसी को भी हमें डराने-धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता.'