
भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अभिजीत बनर्जी को साल 2019 का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया है. उनके अलावा दो और लोग अर्थशास्त्र के नोबेल से सम्मानित किए गए हैं, जिसमें अभिजीत की पत्नी इश्तर डूफलो (46) और माइकल क्रेमर शामिल हैं. अभिजीत दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्र रहे हैं. तीनों अर्थशास्त्रियों को दुनिया भर में गरीबी दूर करने की दिशा में एक्सपेरिमेंट अप्रोच के लिए इस सम्मान से नवाजा गया है. आइए आपको रूबरू कराते हैं अभिजीत की पत्नी और संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार विजेता इश्तर डूफलो से.
मां थी डॉक्टर, पिता मैथ्स प्रोफेसर
25 अक्टूबर 1972 को पेरिस में जन्मी डूफलो ने साल 1999 में मेसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पीएचडी की डिग्री हासिल की थी. इकोनॉमिक साइंसेज में नोबेल पाने वाली वह दुनिया की दूसरी और सबसे युवा शख्स हैं. उनके पिता माइकल डुफलो मैथ्स के प्रोफेसर और मां डॉक्टर थीं.
यहां से की पढ़ाई
Lycée Henri-IV पब्लिक सेकंडरी स्कूल से पढ़ाई के बाद उन्होंने इतिहास पढ़ने के लिए École Normale Supérieure कॉलेज में एडमिशन लिया. पढ़ाई के दूसरे साल में वह अपना करियर सिविल सर्विस या राजनीति में बनाना चाहती थीं. उन्होंने 1993 में 10 महीने मॉस्को में बिताए. यहां वह फ्रेंच भाषा पढ़ाने के साथ-साथ हिस्ट्री थीसस पर काम करने लगीं.
मॉस्को में उन्होंने एक फ्रेंच इकोनॉमिस्ट के साथ बतौर रिसर्च असिस्टेंट काम किया और फिर बैंक ऑफ रशिया के साथ जुड़ गईं. École Normale Supérieure से 1994 में उन्होंने हिस्ट्री और इकोनॉमिक्स में डिग्री खत्म की और 1995 में DELTA (अब पेरिस स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स) से मास्टर्स डिग्री हासिल की.
मिल चुके हैं ये अवॉर्ड