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EXPLAINER- ईरान में राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले कट्टरपंथी इब्राहीम रईसी कौन हैं?

कट्टरपंथी नेता इब्राहीम रईसी (Ebrahim Raisi) ईरान के राष्ट्रपति चुने गए हैं. वह अगस्त में हसन रूहानी की जगह लेंगे. रईसी फिलहाल ईरान के शीर्ष जज हैं.

ईरान के नए राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी ईरान के नए राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 जून 2021,
  • अपडेटेड 4:39 PM IST
  • इब्राहीम रईसी के रूप में ईरान को नया राष्ट्रपति मिला है
  • इब्राहीम रईसी ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामनेई के करीबी हैं

कट्टरपंथी नेता इब्राहीम रईसी (Ebrahim Raisi) के रूप में ईरान को अपना नया राष्ट्रपति मिल गया है. राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने से पहले भी कई वजहों से इब्राहीम रईसी चर्चाओं में रहे हैं. इसमें सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई से उनकी करीबी, सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में उनकी भूमिका और 'डेथ कमीशन' प्रमुख है. इसके साथ-साथ उनपर पहले से ही अमेरिका के प्रतिबंध भी लगे हुए हैं.

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अति रूढ़िवादी विचारों के माने जाने वाले इब्राहीम रईसी अगस्त में हसन रूहानी की जगह लेकर राष्ट्रपति का पद संभालेंगे. फिलहाल वह ईरान के शीर्ष जज हैं. इब्राहीम रईसी और ईरान के देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई की नजदीकियां जगजाहिर हैं. माना जाता है कि वह ही खामनेई के उत्तराधिकारी होंगे.

इब्राहीम रईसी और 'डेथ कमीशन'

1988 की बात है. ईरान (इस्लामिक रिपब्लिक) से संस्थापक अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी ने तब एक गुप्त आदेश दिया था. इसमें हजारों राजनीतिक कैदियों (ज्यादातर सद्दाम हुसैन के समर्थक, फेडियन और टुडेह पार्टी के समर्थक शामिल) को जान से मारने का आदेश दिया गया था. इस आदेश का पालन करने के लिए चार सदस्यों का कमीशन बनाया गया था. इसे ही डेथ कमीशन कहा जाता है. इन चार सदस्यों में एक नाम रईसी का था. माना जाता है कि कमीशन ने करीब 5 हजार से ज्यादा कैदियों को मौत की सजा दी थी.

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ईरान ने कभी भी सामूहिक फांसी को स्वीकार नहीं किया है और इब्राहीम रईसी ने भी कभी उन पर अपनी भूमिका के आरोपों पर सफाई नहीं दी. 

रईसी पर पहले से अमेरिका ने लगा रखी हैं पाबंदियां

इब्राहीम रईसी पहले ईरानी राष्ट्रपति हैं जिन पर पदभार संभालने से पहले ही अमेरिका प्रतिबंध लगा चुका है. इसकी वजह 1988 में हुई वही राजनीतिक कैदियों की सामूहिक हत्या है. कई ईरानियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने 1980 के दशक में राजनीतिक कैदियों की सामूहिक फांसी में इब्राहीम रईसी की भूमिका पर चिंता जताई है.

ईरान के नए राष्ट्रपति का जन्म 1960 में मशहद शहर में हुआ था. स्कूली शिक्षा के बाद ईरान के बाकी छात्रों की तरह रईसी भी कई विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा रहे. फिर पहलवी राज व्यवस्था के खात्मे के बाद ईरान इस्लामिक रिपब्लिक बना तो रईसी ने फिर पढ़ाई शुरू की. वह कानूनी पढ़ाई में आगे गए. 1985 में वह तेहरान के उप अभियोजक बने थे. तब ही वह अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी की नजरों में आए थे, जिसके बाद उन्हें डेथ कमीशन में भी शामिल किया गया. ईरान की न्यायिक व्यवस्था में रईसी ने कई पद संभाले हैं. इसमें डिप्टी चीफ जस्टिस. ईरान के अटॉर्नी जनरल आदि भी शामिल हैं.

 

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