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Russia-Ukraine War: कौन हैं Karim Khan जो यूक्रेन में रूस के 'युद्ध अपराधों' की करेंगे जांच?

यूक्रेन में हो रहे रूस के 'युद्ध अपराधों' की जांच अब इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट करेगी. इसकी जांच ICC के चीफ प्रॉसिक्यूटर करीम खान करेंगे. करीम खान पिछले साल ही चीफ प्रॉसिक्यूटर चुने गए हैं.

करीम खान इंटरनेशनल क्रिमिल कोर्ट के चीफ प्रॉसिक्यूटर हैं. (फाइल फोटो-ICC) करीम खान इंटरनेशनल क्रिमिल कोर्ट के चीफ प्रॉसिक्यूटर हैं. (फाइल फोटो-ICC)
Priyank Dwivedi
  • नई दिल्ली,
  • 01 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 5:12 PM IST
  • 30 मार्च 1970 को जन्मे थे करीम खान
  • पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक हैं खान

रूस और यूक्रेन की जंग का मामला अब इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (International Criminal Court) में चला गया है. इस अदालत में अब यूक्रेन में रूस के 'युद्ध अपराधों' की जांच होगी. इन अपराधों की जांच आईसीसी के चीफ प्रॉसिक्यूटर करीम खान करेंगे. करीम खान ने ट्विटर पर एक पोस्ट कर इस बात की जानकारी दी है.

करीम खान फरवरी 2021 में ही आईसीसी के चीफ प्रॉसिक्यूटर चुने गए थे. उनके पक्ष में 123 में से 72 देशों ने वोट दिया था. करीम खान इंटरनेशनल क्रिमिनल लॉ और इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स लॉ के एक्सपर्ट माने जाते हैं.

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पाकिस्तानी मूल के हैं करीम खान

करीम खान पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक हैं. उनका पूरा नाम करीम असद अहमद खान (Karim Khan) है. 30 मार्च 1970 को उनका जन्म हुआ था. करीम खान 25 साल से भी ज्यादा समय से इंटरनेशनल क्राइम और ह्यूमन राइट्स की वकालत कर रहे हैं. 

करीम खान संयुक्त राष्ट्र में असिस्टेंट सेक्रेटरी जनरल भी रहे हैं. इसके साथ ही इराक में आतंकी संगठन ISIS के अपराधों की जांच के लिए गठित संयुक्त राष्ट्र की इन्वेस्टिगेटिव टीम के एडवाइजर और हेड भी रहे हैं. 

करीम खान ने लंदन के किंग्स कॉलेज से LLB की डिग्री हासिल की है. इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से लॉ में Phd की डिग्री ली. 

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जून 2021 तक इराक में थे खान

इराक में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) ने भयंकर कत्लेआम मचाया था. इन अपराधों की जांच के लिए 2018 में संयुक्त राष्ट्र ने एक टीम का गठन किया था. इस टीम को खान ने न सिर्फ लीड किया था, बल्कि एडवाइजर के तौर पर भी जुड़े थे. 

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विवादों में भी रहे हैं करीम खान

करीम खान का करियर विवादों में भी रहा है. 2007 में केन्या में चुनाव के बाद जबरदस्त हिंसा हुई थी. इस हिंसा में 1,200 से ज्यादा लोग मारे गए थे. इस मामले में केन्या के उपराष्ट्रपति विलियम रूटो को आरोपी बनाया गया था.

खान ने विलियन रूटो के वकील थे. लेकिन ये मामला काफी विवादित रहा था. दिसंबर 2014 में मामले के मुख्य गवाह की हत्या कर दी गई थी. ये मामला 2016 में इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट से खारिज हो गया था, लेकिन कोर्ट ने इसे 'परेशान करने वाली घटना' बताया था.

इस केस को लड़ने की वजह से पिछले साल ICC के चीफ प्रॉसिक्यूटर के लिए करीम खान शॉर्टलिस्ट भी नहीं हुए थे. केन्या की सरकार की अपील पर उनका नाम जोड़ा गया था.

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