Advertisement

'अपने रिश्तेदारों को गलत साबित किया', पाकिस्तान की पहली हिंदू महिला DSP ने ऐसा क्यों कहा?

पाकिस्तान की मनीषा रोपेटा अपने देश में डीएसपी यानी की उप पुलिस अधीक्षक बनने वाली पहली हिंदू महिला बन गई है, लेकिन उनका ये सफर इतना भी आसान नहीं रहा है. उनका कहना है कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने अपने रिश्तेदारों को गलत साबित किया, समाज और परिवार की सोच को तोड़ा. उन्होंने अपने पुलिस सर्विस ज्वॉइन करने की वजह भी बताई.

मनीषा रोपेटा (Photo : Twitter) मनीषा रोपेटा (Photo : Twitter)
aajtak.in
  • कराची,
  • 29 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 8:18 PM IST
  • बताई पुलिस सर्विस ज्वॉइन करने की वजह
  • आगे की चुनौतियों के लिए पूरी तरह तैयार

पाकिस्तान में मनीषा रोपेटा ने वो करके दिखाया, जो काफी अलग है. सिविल सर्विस एग्जाम पास करने के बाद मनीषा देश की पहली हिंदू महिला डीएसपी होने की उपलब्धि हासिल कर चुकी हैं. हालांकि उनकी ये राह बिल्कुल भी आसान नहीं रही. यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें ना सिर्फ अपने रिश्तेदारों को गलत साबित करना पड़ा, बल्कि समाज की 'अच्छे घर की महिलाएं पुलिस सेवा में नहीं जाती', वाली सोच से भी उन्हें लड़ना पड़ा.

Advertisement

ऐसे मंजिल तक पहुंची मनीषा

मनीषा रोपेटा की उम्र 26 साल है. उन्होंने पिछले साल ही सिंध लोक सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण की और अभी उनकी ट्रेनिंग चल रही है. परीक्षा में सफल 152 लोगों की मेरिट में उनका स्थान 16वां रहा. उन्हें बहुत जल्द क्राइम के लिए कुख्यात ल्यारी इलाके का डीएसपी तैनात किया जाएगा. ऐसा करने वाली वह देश की पहली हिंदू महिला हैं.

इसलिए मनीषा ने ज्वॉइन की पुलिस सर्विस

सिंध प्रांत के जैकबाबाद से आने वाली मनीषा रोपेटा ने इस मुकाम को हासिल करने के लिए कई चुनौतियों को पार किया. सबसे बड़ी चुनौती समाज की सोच रही. मनीषा रोपेटा का कहना है कि बचपन से लेकर जवानी के दिनों तक मैंने और मेरी बहनों ने यही पुरानी व्यवस्था देखी है. अगर किसी लड़की को पढ़ना है या शिक्षित होना है, तो वह बस डॉक्टर या टीचर ही बन सकती है.

Advertisement

मनीषा का कहना है कि मध्यम वर्गीय परिवार से आने के नाते उन्हें हमेशा सुनना पड़ा कि अच्छे परिवार की लड़कियां पुलिस में नहीं जाती या उन्हें जिला अदालतों में काम नहीं करना चाहिए. वो इसी सोच को तोड़ना चाहती थीं. हमारे समाज में महिलाओं को सबसे ज्यादा दबाया जाता है और कई अपराधों में उन्हें टारगेट बनाया जा सकता है. मैं पुलिस सेवा में इसलिए आई, क्योंकि मुझे लगता है कि हमारे समाज में 'महिला रक्षकों' की जरूरत है.

चुनौतियों के लिए तैयार हैं मनीषा

मनीषा रोपेटा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि उन्हें अब बहुत अच्छा लगता है कि उन्होंने अपने सभी रिश्तेदारों को गलत साबित कर दिया है. वो अब नई चुनौतियों के लिए तैयार हैं. वो महिलाओं की रक्षक बनेंगी. वो इस पितृसत्तात्मक समाज में लैंगिक समानता और नारीवाद को प्रोत्साहित करने के लिए काम करेंगी. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement