Advertisement

फिलिस्तीन के 'नेल्सन मंडेला' की रिहाई की मांग, हमास क्यों चाहता है इस शख्स की आजादी?

फिलिस्तीनी मारवान बरघौटी को अपने 'नेल्सन मंडेला' के रूप में देखते हैं. उन्हें राष्ट्रपति महमूद अब्बास का नेचुरल उत्तराधिकारी माना जाता है. अगर उनकी रिहाई होती है तो फिलिस्तीन एकजुट हो सकता है. एक सर्वे में पाया गया कि बरघौटी हमास नेता इस्माइल हानियेह और राष्ट्रपति अब्बास से भी ज्यादा मशहूर हैं लेकिन इजरायल उन्हें एक "कट्टर आतंकवादी" मानता है.

मारवान बरघौटी मारवान बरघौटी
एम. नूरूद्दीन
  • नई दिल्ली,
  • 03 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 9:24 PM IST

इजरायल के साथ जंग के बीच हमास ने फिलिस्तीन के 'नेल्सन मंडेला' की आजादी की मांग रखी है. मारवान बरघौटी, राष्ट्रपति महमूद अब्बास की फतह पार्टी के नेता हैं और कुछ फिलिस्तीनी उन्हें देश के अगले राष्ट्रपति के रूप में देखते हैं. वह दो दशकों से भी ज्यादा समय से इजरायल की जेल में बंद हैं. कहा जा रहा है कि हमास ने उनकी रिहाई की मांग अपनी छवि सुधारने के लिए रखी है.

Advertisement

इजरायल और हमास के बीच कमोबेश चार महीने से जंग चल रही है और युद्ध खत्म करने का दबाव बढ़ रहा है. कोशिश है कि इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम हो और हमास की कैद से बंधकों को रिहा कराया जाए. इसके बदले हमास भी इजरायल से कुछ उम्मीदें लगा रखी है. फिलिस्तीनियों की रिहाई की मांग हमास के लिए अहम है लेकिन हमास की हालिया डिमांड ने बरघौटी की तरफ दुनिया का ध्यान खींचा है.

ये भी पढ़ें: क्या सऊदी अरब को नहीं फिलिस्तीन की परवाह? इजरायल के साथ शांति पर US को भेजा ये संदेश

हमास सुधारना चाहता है अपनी छवि!

मारवान बरघौटी के बारे में कहा जाता है कि वह फिलिस्तीन की राजनीति के एक केंद्रीय नेता हैं. अगर उनकी रिहाई होती है तो फिलिस्तीनी अथॉरिटी के चुनाव में उनके लिए राजनीतिक ग्राउंड तैयार किया जा सकता है. बरघौटी की आजादी के जरिए हमास फिलिस्तीनियों का समर्थन चाहता है, जिसकी वजह से कहा जा रहा है कि गाजा में हजारों आम लोगों, बच्चों और महिलाओं ने अपनी जान गंवाई.

Advertisement

 

एक न्यूज एजेंसी ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी कैदी मामलों के मंत्रालय के प्रमुख कडौरा फारेस के हवाले से कहा, "हमास फिलिस्तीनी लोगों को दिखाना चाहता है कि वे एक बंद आंदोलन नहीं है. वे फिलिस्तीनी सामाजिक समुदाय के हिस्से की अगुवाई करते हैं. वे जिम्मेदार दिखने की कोशिश कर रहे हैं." कमोबेश चार महीने के युद्ध के बीच फिर से युद्धविराम की अपील की जा रही है. इसी बीच हमास के वरिष्ठ नेता ओसामा हमदान ने बरघौटी की रिहाई की अपील की.

कौन हैं मारवान बरघौटी?

मारवान बरघौटी, फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास की फतह पार्टी के नेता हैं. 64 वर्षीय बरघौटी को फिलिस्तीनी 88 वर्षीय अब्बास के नेचुरल उत्तराधिकारी के रूप में देखते हैं. अब्बास फिलिस्तीन अथॉरिटी की अगुवाई करते हैं और उनका शासन वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों में चलता है. गाजा में सिर्फ हमास का शासन है और हमास लड़ाकों ने अब्बास की सेना को गाजा से 2007 में बेदखल कर दिया था और शहर पर कथित रूप से कब्जा कर लिया था. इसके बाद से यहां हमास का हुकूमत चलता है और फिलिस्तीनी अथॉरिटी के दखल को वे स्वीकार नहीं करते.

इजरायल की जेल में कैद हैं 9000 फिलिस्तीनी

इजरायल की जेलों में बताया जाता है कि कम से कम 9000 फिलिस्तीनी कैद हैं और हमास उन सभी की रिहाई चाहता है. हालांकि, हालिया मांग में हमास नेता ने जिन दो लोगों को रिहा करने की मांग रखी है, उनमें एक मारवान बरघौटी और दूसरे अहमद सआदत हैं. सआदत एक छुटे गुट का प्रमुख है जिसपर 2001 में एक इजरायली कैबिनेट मंत्री की हत्या का आरोप है. कथित तौर पर हमलों में शामिल रहने के लिए लिए उसे 30 साल जेल की सजा सुनाई गई थी और वह दो दशक से जेल में है.

Advertisement

गाजा युद्ध में अब तक 27,000 लोगों ने गंवाई जान

हमास ने इजरायल के 130 से ज्यादा लोगों को अब भी बंधक बना रखा है, जिसमें कम से कम 20 की मौत हो चुकी है. इजरायल में भी उनके परिवारजनों का गुस्सा बढ़ रहा है, जो लगातार प्रधानमंत्री बेंजामीन नेतन्याहू से उन्हें रिहा कराने की अपील कर रहे हैं. हमास भी गाजा में युद्ध खत्म करने के साथ-साथ हजारों फिलिस्तीनियों की रिहाई चाहता है. हमास को मिटाने की मंशा के साथ शुरू हुए नेतन्याहू के युद्ध में अब तक 27,000 से ज्यादा फिलिस्तीनियों की जान जा चुकी है और नेतन्याहू की सेना ने पूरे गाजा में भयंकर तबाही मचाई है.

ये भी पढ़ें: 'Pakistan में पहली बार इद्दत पर सजा', इमरान बोले- मुझे और बुशरा को किया जा रहा बेइज्जत

2006 के बाद से फिलिस्तीन में नहीं हुए चुनाव

2006 के बाद से फिलिस्तीन में चुनाव नहीं हुए हैं, जब हमास ने संसदीय बहुमत हासिल कर ली थी. फिलिस्तीन अथॉरिटी के नेता भी मानते हैं कि अगर बरघौटी की रिहाई होती है तो वह सर्वसम्मति से राष्ट्रपति उम्मीदवार बन सकते हैं. इतना ही नहीं बरघौटी का रुतबा ये है कि अगर वह राष्ट्रपति बनते हैं तो उन्हें फिलिस्तीन की तमाम पार्टियां - हमास, फतह और अन्य पार्टियां भी समर्थन करेंगी. आसान भाषा में कहें तो फिलिस्तीन (गाजा प्लस वेस्ट बैंक) एकजुट हो सकता है.

Advertisement

एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर महीने में एक सर्वे में पाया गया कि बरघौटी फिलिस्तीनियों के बीच हमास नेता इस्माइल हानियेह और राष्ट्रपति महमूद अब्बास से भी ज्यादा मशहूर हैं. हालांकि, इजरायल उन्हें एक कट्टर-आतंकवादी मानता है. अब देखने वाली बात होगी कि राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू उनकी रिहाई पर सहमत होते हैं या नहीं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement