Advertisement

बेहद खूंखार है हमास चीफ मोहम्मद डाएफ, जिसकी साजिश ने इजरायल को कर दिया लहूलुहान!

Who is Mohammed Deif: इजरायल पर शनिवार को उसके इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा हमला हुआ और 20 मिनट में गाजा पट्टी से पांच हजार रॉकेट दागे गए. इस हमले में सैकड़ों इजरायली नागरिक मारे गए जिसके पीछे मोहम्मद डायफ को सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है. ऐसे में लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर मोहम्मद डायफ कौन है और इसकी इजरायल-फिलस्तीन युद्ध में क्या भूमिका है.

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 10:08 AM IST

फिलस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने बीते शनिवार की सुबह अपने कट्टर दुश्मन इजरायल पर 20 मिनट के अंदर पांच हजार रॉकेट दागे जिससे पूरी दुनिया हिल गई. इसके बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए युद्ध की घोषणा कर दी. बीते 72 घंटे से इजरायली फाइटर जेट गाजापट्टी और फिलस्तीन के इलाकों में बमों की बारिश कर रहे हैं.

कौन है इजरायल को सबसे बड़ा जख्म देने वाला मोहम्मद डायफ 

Advertisement

हमास के 400 से ज्यादा ठिकानों को इजरायली डिफेंस फोर्सेज निशाना बना चुकी है और फिलस्तीन के सैकड़ों वैसे इमारतों को मलबे में तब्दील कर चुकी है जहां से हमास के आतंकी ऑपरेट करते हैं. दोनों तरफ से अब तक 1600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. हमास के इजरायल पर इस चौंकाने वाले हमले के पीछे जिस शख्स को मास्टरमाइंड माना जा रहा है उसका नाम मोहम्मद डायफ हैं. डायफ हमास के मिलिट्री विंग का चीफ कमांडर है.

इजरायली कब्जे का जवाब था यह हमला: डायफ

एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल पर हमले के बाद हमास के मिलिट्री विंग के हेड मोहम्मद डायफ ने कहा, 'ऑपरेशन अल-अक्सा स्टॉर्म" गाजा की 16 साल की नाकेबंदी, इजरायली कब्जे और हाल की घटनाओं की पूरी श्रृंखला का जवाब था.

Advertisement


Israel-Hamas conflict: ब्लास्ट, मलबा, चीख पुकार... जंग के 72 घंटे में इजरायल के 900 लोगों की मौत, गाजा में मारे गए 700 

हालांकि मोहम्मद डायफ के बारे में सार्वजनिक तौर पर बहुत कम जानकारी उपलब्ध है और कहा जाता है कि वो बिना लाइम लाइट में रहे एक शेडो फिगर के रूप में काम करना पसंद करता है.

2002 में हमास का मिलिट्री विंग का चीफ बना था डायफ

मोहम्मद डायफ साल 2002 से हमास की सैन्य शाखा का प्रमुख है. हाल में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, डायफ का जन्म 1960 के दशक के दौरान गाजा में खान यूनिस शरणार्थी शिविर में हुआ था और उस वक्त उसका नाम मोहम्मद दीब इब्राहिम अल-मसरी था. 

उस समय गाजा, मिस्र के नियंत्रण (1948 से 1967 तक) में था. इसके बाद साल 1967 से 2005 के बीच, यह इजरायली शासन के अधीन रहा. साल 2005 से 2007 तक यहां फिलस्तीन ने शासन किया. 2007 में तख्तापलट करने के बाद इस पर हमास ने अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया.

डायफ के पिता और चाचा भी लड़ चुके हैं जंग

एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मोहम्मद डायफ के चाचा और पिता ने 1950 के दशक में सशस्त्र फिलिस्तीनियों द्वारा उसी क्षेत्र में की गई छापामार युद्ध में हिस्सा लिया था, जहां हमास के लड़ाकों ने शनिवार को इजरायल में घुसपैठ की थी. डायफ ने गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है.

Advertisement

रिपोर्ट के मुताबिक हमास मिलिट्री विंग का चीफ कमांडर मोहम्मद डायफ जब 20 साल का था तो उसे फिलस्तीन के पहले इंतिफादा (विद्रोह) के समय इजरायल की सरकार ने जेल भेज दिया था. उस वक्त उसे इजरायली अधिकारियों ने आत्मघाती बम विस्फोटों में दर्जनों लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था. 

1996 में 50 इजरायली नागरिकों की मौत का जिम्मेदार

1996 में हुए एक बम धमाके में 50 से ज्यादा इजरायली नागरिक मारे गए थे जिसके लिए डायफ को जिम्मेदार बताया गया था. जेल से निकलने के बाद वो पूरी तरह समर्पित होकर हमास के लिए काम करने लगा और 2002 में हमास के मिलिट्री विंग का चीफ कमांडर बन गया. इसी के आदेश पर हमास के लड़ाके इजरायल के खिलाफ हमले को अंजाम देते हैं.

हमास की स्थापना 1980 के दशक के अंत में, वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी पर इजरायल के कब्जे के खिलाफ पहले फिलिस्तीनी इंतिफादा (विद्रोह) की शुरुआत के बाद हुई थी. दोनों क्षेत्रों पर इज़रायल का कब्ज़ा 1967 में अरब युद्ध के दौरान हुआ था.


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement