
राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध प्रवासियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. चुनाव प्रचार में भी ट्रंप ने अवैध प्रवासियों का मुद्दा उठाया था और कहा था कि ये लोग अमेरिका को बर्बाद कर रहे हैं. अब अमेरिकी विमान से अवैध लोगों को चिह्नित करके उन्हें उनके देश में डिपोर्ट कर रहे हैं. इसमें 104 अवैध भारतीय प्रवासी भी शामिल हैं. ऐसे में ये सवाल उठता है कि आखिर ट्रंप अवैध प्रवासियों को लेकर इतने हमलावर क्यों हैं. उनकी इस रणनीति के पीछे किसका हाथ है और क्यों अमेरिका में ये एक बड़ा मुद्दा है.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप की इस नीति के पीछे जो मास्टरमाइंड है उसका नाम है स्टीफन मिलर. 39 साल के मिलर धुर कंजर्वेटिव रिपब्लिकन हैं. मिलर ने ही ट्रंप के पहले कार्यकाल में कई कड़े नियम बनाए थे. इसमें आप्रवासी परिवारों को अलग करना भी शामिल था.
कौन हैं स्टीफन मिलर
कहा जाता है कि मिलर का व्हाइट हाउस में बड़ा रुतबा है. वह अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और नीतिगत मामलों के डिप्टी डायरेक्टर हैं. ट्रंप ने जब कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए थे तब वहां मिलर भी मौजूद थे. बता दें कि इस आदेश में ट्रंप ने जन्मसिद्ध नागरिकता को खत्म करने और मैक्सिको सीमा पर सख्ती करने समेत कई फैसले लिए थे.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्टीफन मिलर की शादी कैटी वाल्डमैन से हुई है, जो पूर्व उप राष्ट्रपति माइक पेंस की प्रेस सेक्रेटरी हुआ करती थीं. एक यहूदी परिवार में जन्मे मिलर ने शुरुआती दिनों से ही राजनीति में कदम रखा था. 16 साल की उम्र में ही उन्होंने अपने स्कूल में देशप्रेम की कमी की आलोचना की थी.
ट्रंप के भरोसेमंद हैं मिलर
मिलर साल 2009 से ही अवैध प्रवासियों के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं. वह ट्रंप के भरोसेमंद माने जाते हैं. साल 2016 में वह ट्रंप के नजदीक आए थे. पॉलिटिको की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप अपने भाषण में अवैध प्रवासियों, मुस्लिमों के लिए जो सख्ती दिखाते हैं उसके पीछे मिलर का ही हाथ है. ट्रंप के पहले कार्यकाल में स्टीफन मिलर उनके भाषण लिखने और कड़े आप्रवासन नीतियां बनाने में सक्रिय रूप से भागीदार थे.
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अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम शुरू किया है. इस प्रोग्राम के तहत ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को उनके मुल्क भेजने की कवायद शुरू कर दी है. पिछले हफ्ते ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि भारत और अमेरिका ने ऐसे लगभग 18000 भारतीयों की शिनाख्त की है, जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं.
पिछले हफ्ते अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी और अवैध प्रवासियों से जुड़ी समस्या का समाधान करने की इच्छा जताई थी.