Advertisement

साई इंग वेन... ताइवान की महिला राष्ट्रपति, जिन्होंने चीन से ले रखा है पंगा

साई इंग वेन का जन्म 31 अगस्त 1956 को हुआ था. वे ताइवान की पहली महिला राष्ट्रपति हैं. वे 2016 से इस पद पर हैं. साई इंग वेन हमेशा ताइवान की पहचान पर जोर देती रही हैं. चीन की लगातार धमकियों के बीच भी साई इंग वेन डटी हुई हैं और ताइवान के लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रही हैं.

साई इंग वेन 2016 से ताइवान की राष्ट्रपति हैं साई इंग वेन 2016 से ताइवान की राष्ट्रपति हैं
aajtak.in
  • ताइपे,
  • 03 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 12:27 PM IST

अमेरिकी सीनेट की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन (Tsai Ing Wen) से बुधवार को मुलाकात की. ये दोनों वहीं महिला नेता हैं, जिन्होंने दुनिया के शक्तिशाली देश चीन की नींद उड़ा रखी है. 2.36 करोड़ आबादी वाला ताइवान दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश चीन को कड़ी चुनौती दे रहा है. इस चुनौतीपूर्ण समय में राष्ट्रपति साई इंग-वेन ताइवान का केंद्र बिंदू बनी हुई हैं. स्पीकर नैंसी पेलोसी ने भी राष्ट्रपति साई इंग-वेन की तारीफ की. आईए जानते हैं कि साई इंग वेन कौन हैं? 

Advertisement

साई इंग वेन का जन्म 31 अगस्त 1956 को हुआ था. वे 2016 से ताइवान की राष्ट्रपति हैं. ताइवान को चीन 'वन चाइना' पॉलिसी के तहत अपना हिस्सा बताता है, जबकि ताइवान खुद को स्वतंत्र देश मानता है. डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी की साई इंग वेन ताइवान की पहली महिला राष्ट्रपति भी हैं. वे 2020 से डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी की अध्यक्ष भी हैं. इससे पहले वे 2008 से 2012 और 2014 से 2018 तक पार्टी की अध्यक्ष रही हैं. 

साई ने कानून और अंतरराष्ट्रीय व्यापार की पढ़ाई की. उन्होंने स्नातक तक ताइवान में पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने अमेरिका से लॉ में मास्टर डिग्री और ब्रिटेन के लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से PhD किया. 

2000 में पहली बार बनीं मंत्री

1984 में पढ़ाई पूरी कर ताइवान लौट आईं. 1990 तक उन्होंने यूनिवर्सिटी में शिक्षा दी. 1993 से वे ताइवान सरकार में शामिल हुईं. तब साई को वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन से बातचीत के लिए ताइवान का नेगोशिएटर नियुक्त किया गया था. 2000 में वे ताइवान के राष्ट्रपति चेन शुई-बियान (Chen Shui-bian) के कार्यकाल में पहली बार मंत्री बनीं. हालांकि, उन्होंने तब तक राजनीतिक पार्टी जॉइन नहीं की थी. साई इंग वेन 2004 में डीपीपी से जुड़ीं. इसके बाद वे राजनीतिक तौर पर सक्रिय हुईं. उनकी पार्टी जब विपक्ष में थी, तब वे पार्टी की अध्यक्ष भी बनीं. 2012 में उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव लड़ा था. हालांकि, इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 

Advertisement

2016 में ताइवान की पहली राष्ट्रपति बनीं

2016 में साई इंग वेन को राष्ट्रपति चुनाव में  प्रचंड बहुमत मिला. वे ताइवान की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं. साई के पहले कार्यकाल में ताइवान की न्यूनतम मजदूरी, निवेश और शेयरों में वृद्धि देखी गई. चाइल्डकेयर और बुजुर्गों की देखभाल, और सार्वजनिक आवास समेत तमाम सामाजिक सेवाओं को भी बढ़ावा मिला. पहले कार्यकाल में साई की लोकप्रियता इस कदर बढ़ी की कि उन्होंने 2020 में एक बार फिर प्रचंड बहुमत हासिल किया. 

2020 में उन्हें 57% वोट हासिल हुए. कोरोना के खिलाफ जंग में ताइवान ने उनके नेतृत्व में जिस तरह के कदम उठाए उनकी दुनियाभर में तारीफ हुई. यहां तक कि कोरोना को लेकर ताइवान के मॉडल की हर तरफ चर्चा हुई, जिसमें ट्रेक और ट्रेस पर फोकस किया गया था. 

चीन को लेकर अपने रुख पर अडिग हैं साई

2020 के चुनाव में जीत में चीन के खिलाफ उनके रुख की अहम भूमिका रही. साई इंग वेन हमेशा ताइवान की पहचान पर जोर देती रही हैं. उन्होंने यह साफ कर दिया है कि चीन के साथ भविष्य के संबंधों के केंद्र में लोकतंत्र होगा. चीन लगातार ताइवान को धमकी देता रहा है. यहां तक कि चीनी लड़ाकू विमान भी अकसर ताइवान के एयर डिफेंस क्षेत्र में आ जाते हैं. लेकिन इन सबके बावजूद वे चीन को कई बार स्पष्ट संदेश दे चुकी हैं. 2020 में चुनाव जीतने के बाद उन्होंने कहा था कि हमें उम्मीद है कि चीन यह समझ सकता है कि  ताइवान के लोगों ने चुनावों में जो उम्‍मीद दिखाई है, वो उसका सम्‍मान करेगा. 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement