
इजरायल और हमास में जारी जंग के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार दावा किया कि इजरायली सेना ने याह्या सिनेवार के घर को घेर लिया है. हालांकि, सिनेवार अभी तक इजरायल की गिरफ्त में नहीं आया है. इजरायली सेना का मानना है कि वह गाजा पट्टी में ही कहीं अंडरग्राउंड हो गया है. हालांकि, गाजा के खान यूनिस पर इजराइल का आक्रमण जारी है. खान यूनिस को हमास और उसके गुर्गों का गढ़ माना जाता है.
अक्टूबर में शुरू हुए इजरायल-हमास युद्ध की शुरुआत से ही इजरायली सेना याह्या सिनवार की खाक छान रही है. याह्या सिनवार को 'बुचर ऑफ खान युनिस' भी कहा जाता है. आइए जानते हैं कौन है याह्या सिनवार और इजरायली मीडिया इसकी तुलना कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन से क्यों कर रहा है?
इससे पहले इजरायली रक्षा बल के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल रिचर्ड हेचट ने सिनेवार की तुलना 'बुराई का चेहरा' से की थी. इसके अलावा हेचट ने सिनेवार को 'चलता फिरता मरा हुआ आदमी' (dead man walking) बताया था. भयावह 9/11 आतंकी हमले के लिए अमेरिका लादेन को जिम्मेदार मानता था.
कौन है याह्या सिनेवार?
याह्या सिनेवार गाजा में हमास की पॉलिटिकल विंग का प्रमुख है. सिनेवार का जन्म 1962 में गाजा पट्टी के दक्षिण में खान यूनिस में एक फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर में हुआ था.
सिनवार इजरायल की मदद करने के आरोपी फिलिस्तीनियों को भी फांसी देने से नहीं चूकता है. यही वजह है कि उसे 'खान यूनिस का कसाई' के नाम से भी जाना जाता है. 1988 में इजरायली सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उसे गिरफ्तार किया गया था. लेकिन 2011 में उसे रिहा कर दिया गया.
इजरायल के साथ डील के तहत रिहा हुआ था सिनेवार
7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए भयानक हमले के पीछे इसी का हाथ माना जा रहा है. साल 2015 में अमेरिकी विदेशी विभाग ने याह्या सिनेवार को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था. हाल ही में फ्रांस ने सिनेवार की संपत्ति फ्रीज कर दी है और उसे अपनी फ्रांस की राष्ट्रीय प्रतिबंध सूची में शामिल कर दिया है.
सिनेवार 1980 के दशक के अंत में हमास का सदस्य बना था. लेकिन बहुत तेजी से उसने अपनी एक अलग पहचान बना ली. कुछ सालों के बाद ही सिनेवार हमास के आंतरिक खुफिया तंत्र के संस्थापकों में से एक बन गया. इसे मजद के नाम से जाना जाता है.
दो इजरायली सैनिक और चार फिलिस्तीनियों की हत्या के जुर्म में सिनेवार दो दशक से ज्यादा समय इजरायली जेल में बिताया है. सिनेवार ने जिन चार फिलिस्तीनियों की हत्या की थी, उन पर इजरायल का साथ देने का संदेह था. साल 2011 में एक डील के तहत सिनेवार को रिहा किया गया. जिसके बदले फिलिस्तीन ने एक इजरायली सैनिक को रिहा किया था.