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Pakistan: इमरान खान ने क्यों लिए मीर जाफर, मीर सादिक के नाम? गद्दारी के लिए इतिहास में दर्ज हैं दोनों

Pakistan Political Crisis: इमरान ने मीर जाफर का जिक्र करते हुए कहा कि मीर जाफर ने अग्रेजों के साथ मिलकर बंगाल को गुलाम बनाया और नवाब सिराजुद्दौला को मरवाया. वहीं, मीर सादिक की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मीर सादिक ने टीपू सुल्तान के साथ गद्दारी की.

इमरान खान इमरान खान
aajtak.in
  • इस्लामाबाद,
  • 31 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 11:02 PM IST
  • इमरान ने संबोधन के दौरान विपक्ष पर साधा निशाना
  • पाकिस्तान के पीएम ने अंग्रेजों की गुलामी के दौर का जिक्र किया

Pakistan Political Crisis: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार रात वहां की आवाम को संबोधित किया. उम्मीद की जा रही थी कि इमरान इस संबोधन में कोई बड़ा ऐलान करेंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर से लेकर विपक्षी दलों तक कई मुद्दों पर बात की और अमेरिका पर गंभीर आरोप लगाते हुए संबोधन का अंत कर दिया.

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इमरान ने अपने संबोधन में इतिहास से जुड़े 2 व्यक्तियों मीर जाफर और मीर सादिक का भी नाम लिया. इतिहास में इन दोनों को गद्दारों के तौर पर याद किया जाता है. इमरान ने कहा, 'मेरे माता-पिता गुलामी के दौर में पैदा हुए. वो अंग्रेजों के दौर में पैदा हुए. वो मुझे हमेशा यह अहसास दिलाते थे कि तुम खुशकिश्मत हो आजाद मुल्क में पैदा हुए हो.  

इमरान ने मीर जाफर का जिक्र करते हुए कहा कि मीर जाफर ने अंग्रेजों के साथ मिलकर बंगाल को गुलाम बनाया और नवाब सिराजुद्दौला को मरवाया. वहीं, मीर सादिक की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मीर सादिक ने टीपू सुल्तान के साथ गद्दारी की. अंग्रेजों के साथ मिलकर अपनी कौम को गुलाम बनाया. इमरान ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के नेता मौजूदा दौर में मीर जाफर और मीर सादिक हैं. ये हमें गुलाम बनाना चाहते हैं.

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मीर सादिक ने दिया था टीपू सुल्तान को धोखा

मीर सादिक टीपू सुल्तान के शासन में मंत्री था. 1798 से 1799 के बीच चौथे एंग्लो-मैसूर युद्ध के दौरान सादिक ने टीपू को धोखा देकर अंग्रेजों के हाथों मरवा दिया था. टीपू के घेराव करने के लिए 5 हजार सैनिक महल के करीब खाई में छिप गए थे. इनमें 3 हजार अंग्रेज थे. जब दुश्मन सैनिकों ने हमला किया तो मीर सादिक ने टीपू सुल्तान के सैनिकों को तनख्वाह देने के बहाने महल के दूसरी तरफ बुला लिया और अंग्रेजों ने हमला कर टीपू को मार डाला.

मीर जाफर ने सिराजुद्दौला कि साथ किया विश्वासघात

बंगाल में नवाज सिराजुद्दौला के शासन के समय मीर जाफर उनका सेनापति था. उसने 2 जुलाई 1757 में अंग्रेजों का साथ देकर नवाज सिराजुद्दौला को मरवा दिया था. नवाब सिराजुद्दौला को आख‍िरी आजाद नवाब कहा जाता है. नवाब की जान जाते ही भारतीय उपमहाद्वीप में अंग्रेजी शासन की नींव रखी गई थी.

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