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On Camera क्यों लड़ पड़े ट्रंप और जेलेंस्की? 45 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बड़े सवाल पर बिगड़ी बात

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की के बीच आमने-सामने की बातचीत व्हाइट हाउस में हुई, लेकिन दोनों नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक हो गई. ट्रंप के लिए खास मुद्दा मिनरल डील था, जबकि जेलेंस्की ने सिक्योरिटी की गारंटी पर जोर दिया और कहा कि ट्रंप की शुरुआत अच्छी है लेकिन पुतिन को रोकने के लिए काफी नहीं है और यहीं से बात बिगड़ गई.

व्लोदिमीर जेलेंस्की, डोनाल्ड ट्रंप व्लोदिमीर जेलेंस्की, डोनाल्ड ट्रंप
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 7:40 AM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की के बीच ऑन-कैमरा तीखी नोकझोंक के बाद पूरी दुनिया हैरान है. बात यहां तक पहुंच गई कि जेलेंस्की को व्हाइट हाउस से चले जाने तक के लिए कहा गया. ट्रंप ने बीच में ही बातचीत बंद कर दी. मीडिया के सामने इसी आम चर्चा के बाद ट्रंप खास बात करने वाले थे. यानी मिनरल डील पर समझौता, लेकिन बीच में ही बात बिगड़ गई, और इसकी शुरुआत भी हुई तो सिक्योरिटी डील के सवाल से.

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दरअसल, राष्ट्रपति ट्रंप पूर्व प्रेसिडेंट जो बाइडेन प्रशासन द्वारा यूक्रेन को दिए गए आर्थिक और सैन्य मदद का मुआवजा मांग रहे हैं. वह चाहते हैं कि बस अमेरिका को किसी तरह उस इन्वेस्टमेंट का रिटर्न मिल जाए. अपने बयानों में वह कई बार कहते सुने जा रहे थे कि दिए गए सपोर्ट के बदले अमेरिका को 500 अरब डॉलर चाहिए, लेकिन 350 अरब डॉलर बात फाइनल करना चाह रहे थे. उन्होंने शर्त भी रखी कि इसके बदले यूक्रेन को कुछ नहीं मिलेगा, सुरक्षा तो कतई नहीं.

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सिक्योरिटी पर बात करने से ट्रंप का इनकार

बिना सिक्योरिटी गारंटी के बावजूद डील पर साइन करने के लिए राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की शुक्रवार को अमेरिका पहुंचे और व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात की. ट्रंप खुद उनके स्वागत में बाहर दरवाजे तक आए. दोनों नेताओं की अच्छी तस्वीर भी आई. फिर ट्रंप जेलेंस्की और अपने कैबिनेट के साथ प्रेस को संबोधित करने के लिए बैठे. इस दौरान एक पत्रकार ने यूक्रेन की सिक्योरिटी पर सवाल पूछा तो उन्होंने इस मुद्दे पर बात करने से साफ इनकार कर दिया.

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डोनाल्ड ट्रंप ने जवाब में कहा, "मैं अभी सुरक्षा के बारे में बात नहीं करना चाहता. मैं चाहता हूं कि बस डील हो जाए. आप भी उसी ट्रैप में फंसे हैं जहां सभी फंसे हैं. आपने भी लाखों बार कहा है. मैं बस डील डन करना चाहता हैं. सिक्योरिटी तो बहुत आसान है. ये तो समस्या का बस दो फीसदी है. मुझे सिक्योरिटी की कोई चिंता नहीं है."

ट्रंप ने यूक्रेन के सिक्योरिटी के सवाल पर आगे कहा, "यूरोप अपने लोगों को वहां भेजेगा. मुझे पता है फ्रांस, ब्रिटेन और अन्य देश हैं जो (यूक्रेन को सुरक्षा देंगे). हम सिक्योरिटी के लिए कमिटेड नहीं हैं, लेकिन हम संभवत: यह सोच सकते हैं." ट्रंप ने कहा कि हमारी सुरक्षा दूसरे तरीके से मिलेगी. हमारे कर्मी वहां होंगे, वे डिगिंग, डिगिंग, डिगिंग करके खनिज निकालकर लाएंगे, और हम इस देश में कुछ अच्छे प्रोडक्ट्स बनाएंगे."

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बातचीत में ट्रंप ने यह भी कहा कि वह एक बिजनेसपर्सन हैं, उन्होंने कहा, "हमने फिलहाल (यूक्रेन की) सुरक्षा के बारे में नहीं सोचा है. हमने फ्रांस से बात की है. वे लोग सिक्योरिटी के लिए काफी कमिटेड हैं. मैं बस ये कहूंगा कि एक बार ये डील हो गई, तो बस बात खत्म. रूस दोबारा वहां नहीं जाना चाहेगा. कोई भी वहां नहीं जाना चाहेगा." 

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'बिना सिक्योरिटी गारंटी के सीजफायर नहीं हो सकता'

पत्रकार के सिक्योरिटी के सवाल पर जेलेंस्की ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "बात अगर सिक्योरिटी गारंटी की है और बात अगर सीजफायर की है तो हम सीजफायर के बारे में बात ही नहीं कर सकते, क्योंकि इसका कभी फायदा नहीं हुआ है. पुतिन ने 25 बार सीजफायर तोड़ा है. तब 2016 में (ट्रंप) राष्ट्रपति थे, तो हम सीजफायर के बारे में बात नहीं कर सकते, बिना सिक्योरिटी गारंटी के इसका कुछ फायदा नहीं होगा."

जेलेंस्की ने कहा, "हो सकता है कि राष्ट्रपति (ट्रंप) इन दस्तावेजों (युद्ध रोकने की शर्तों) के बारे में कान्फिडेंट होंगे, लेकिन ये दस्तावेज काफी नहीं है, बल्कि एक मजबूत सेना की जरूरत है. हम मजबूत होंगे तभी पुतिन की सेना हमारी सेना से डरेगी. अगर हम खाली हैं, हमारी सेना खाली है तो हम कल को अपने आपको बचा नहीं पाएंगे. पुतिन बैलिस्टिक का इस्तेमाल करते हैं. ये अच्छी बात है कि राष्ट्रपति ट्रंप इस पर रोक लगाना चाहते हैं. ये अच्छी शुरुआत है, लेकिन इस आदमी (पुतिन) को रोकने के लिए काफी नहीं है."

रूस-अमेरिका की बैठक पर क्या बोले जेलेंस्की?

युद्ध पर रोक लगाने के सिलसिले में रूस-अमेरिका के बीच समझौते को लेकर चल रही बातचीत के सवाल पर व्लोदिमीर जेलेंस्की ने यह स्पष्ट कर दिया कि ये युद्ध रूस और अमेरिका के बीच नहीं है, बल्कि रूस का ये युद्ध यूक्रेन के खिलाफ है. यूक्रेनियों के बगैर कोई इस युद्ध को नहीं रोक सकता. आगे अगर इस तरह के कोई नेगोशियेशंस होते हैं तो ये समझ आने वाली बात है कि नेगोशियेशन टेबल पर युद्ध के दोनों पक्ष (रूस और यूक्रेन) भी होने चाहिए."

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जेलेंस्की ने इस बीच यह भी कहा कि अगर पुतिन को नहीं रोका जाता है तो वह किसी और देश पर चढ़ाई करेंगे, हो सकता है कि वह पोलैंड भी जाएं. चूंकि पोलैंड नाटो का सदस्य है, तो जेलेंस्की ने कहा कि फिर इस स्थिति में अमेरिका की सेना भी लड़ रही होगी.

मसलन, जेलेंस्की की इस बात का ट्रंप को मानो इतना बुरा लगा कि उन्होंने जेलेंस्की पर यह आरोप लगाए कि आप सीजफायर नहीं चाहते हैं, और आप अपने लोगों को मरने देना चाहते हैं. उन्होंने जेलेंस्की पर आगबबूला होते हुए कहा, "आप लाखों लोगों की जिंदगी के साथ जुआ खेल रहे हैं. आप तीसरे विश्व युद्ध का जुआ खेल रहे हैं, और आप जो कर रहे हैं, वह देश के लिए बहुत अपमानजनक है, यह देश उससे कहीं ज्यादा है, जिसके बारे में बहुत से लोगों ने कहा कि आपको (जेलेंस्की) धन्यवाद कहना चाहिए."

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