
विकीलीक्स (WikiLeaks) के संस्थापक जूलियन असांजे (Julian Assange) और उनकी मंगेतर स्टेला मॉरिस (Stella Moris) की आज लंदन की हाई सिक्योरिटी वाले बेलमर्श जेल में शादी हो गई. रॉयटर्स के मुताबिक, विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे और स्टेला मॉरिस की शादी में सिर्फ चार मेहमान, दो आधिकारिक गवाह और दो गार्ड शामिल हुए.
50 साल के ऑस्ट्रेलियाई जूलियन असांजे ने किसी भी तरह के गलत काम से इनकार किया है. वे 2019 से बेलमर्श जेल में है और इससे पहले लंदन में इक्वाडोर के दूतावास में सात साल तक रखा गया था.
2011 में असांजे और मॉरिस की हुई थी मुलाकात
असांजे और मॉरिस की मुलाकात 2011 में तब हुई थी जब असांजे ने अपनी कानूनी टीम में मॉरिस को शामिल किया था. इसके बाद दोनों के बीच 2015 में रिश्ता शुरू हुआ. लंदन में दूतावास में रहने के दौरान मॉरिस ने असांजे के दो बच्चों को जन्म दिया था.
मॉरिस और असांजे की शादी के लिए ब्रिटिश फैशन डिजाइनर विविएन वेस्टवुड ने कॉस्टयूम तैयार किया है. वेस्टवुड ने पहले असांजे के प्रत्यर्पण के खिलाफ अभियान चलाया था.
असांजे पर एक दशक पहले अमेरिकी सेना के गोपनीय दस्तावेज प्रकाशित करने को लेकर जासूसी का आरोप है. अमेरिकी अभियोजकों ने असांजे पर जासूसी के 17 आरोप लगाए हैं. एक आरोप कंप्यूटर के दुरुपयोग का भी है. इन आरोपों में अधिकतम सजा 175 साल कैद है.
स्वीडन के आग्रह पर 2010 में असांजे को किया गया था गिरफ्तार
असांजे को स्वीडन के आग्रह पर 2010 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था. स्वीडन दो महिलाओं के साथ रेप और यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर असांजे से पूछताछ करना चाहता था. असांजे ने स्वीडन भेजे जाने से बचने के लिए 2012 में लंदन स्थित इक्वेडोर के दूतावास में शरण ली थी. इस तरह वह ब्रिटेन और स्वीडन के अधिकारी की पहुंच से दूर हो गए.
इसके बाद असांजे, अप्रैल 2019 में दूतावास से बाहर आए, लेकिन ब्रिटिश पुलिस ने उन्हें जमानत लेकर भागने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. स्वीडन ने नवंबर 2019 में यौन उत्पीड़न के आरोप वापस ले लिए क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा समय लग गया था, लेकिन असांजे लंदन की जेल में ही रहे और प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई के लिए उन्हें जेल की वैन से अदालत लाया गया था.
बता दें कि असांजे को इस महीने की शुरुआत में उस समय झटका लगा था, जब उन्हें प्रत्यर्पित करने के फैसले के खिलाफ ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति नहीं दी गई थी. हालांकि, वह अभी भी प्रत्यर्पण के सरकार के अनुसमर्थन को चुनौती दे सकते हैं.
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