
भारत के हिंदूजा ग्रुप ने ब्रिटेन के चर्चित द ओल्ड वॉर ऑफिस (OWF) को एक लग्जरी होटल में तब्दील कर दिया है. वॉर ऑफिस को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल की आखिरी निशानी समझा जाता है. चर्चिल का रवैया भारत के प्रति बेहद सख्त था और उन्होंने गुलाम भारत को लेकर कई आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं. उन्होंने भारतीयों को लेकर कहा था कि भारतीय खरगोश की तरह बच्चे पैदा करते हैं. उन्होंने भारत के लोगों को मुफ्तखोर और दुष्ट तक कह दिया था. अब उसी चर्चिल के ऑफिस का अस्तित्व मिट गया है और उसकी जगह खड़ा है एक शानदार लग्जरी होटल जिसका मालिक भारत का हिंदुजा ग्रुप है.
वॉर ऑफिस द्वितीय विश्व युद्ध के समय चर्चिल का ऑफिस हुआ करता था. यह लंदन के बीचोबीच स्थित है जिसे अब हिंदुजा ग्रुप ने रैफल्स होटल्स एंड रिसॉर्ट्स के साथ मिलकर एक लग्जरी होटल में बदल दिया है. होटल का भव्य उद्घाटन 26 सितंबर को होने वाला है.
होटल प्रोजेक्ट की देखरेख कर रहे संजय हिंदुजा ने बताया कि उनकी टीम व्हाइट हॉल की राजसी इमारत की सुंदरता को देखकर हैरान रह गई थी. उन्होंने कहा कि वॉर ऑफिस के पुराने गौरव को बहाल करने और इसे पुनर्जीवित कर इसकी विरासत को श्रद्धांजलि देने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है.
लग्जरी होटल में बदला वॉर ऑफिस
हिंदुजा परिवार ने डाउनिंग स्ट्रीट के सामने स्थित वॉर ऑफिस का अधिग्रहण आठ साल पहले रैफल्स होटल्स के साथ मिलकर किया था. इसे अब एक लग्जरी होटल में बदल दिया गया है जिसमें आवास, रेस्तरां और स्पा जैसी कई सुविधाएं हैं.
होटल बनाने के दौरान हालांकि, पुरानी इमारत की बहुमूल्य चीजों को संरक्षित रखने की भरसक कोशिश की गई है. हाथ से बने मोजेक फर्श, ओक पैनलिंग, झूमर और एक शानदार संगमरमर की सीढ़ी को ज्यों का त्यों रखा गया है. इमारत में अतिथियों के ठहरने के लिए 120 कमरे और सुइट्स, एक भव्य बॉलरूम और मनोरंजन के लिए स्थान है.
इमारत के पश्चिमी विंग में छह बेडरूम का सुइट है जिसमें 12 मेहमानों को ठहराया जा सकता है. यह इसे लंदन के सबसे बड़े लक्जरी होटल विंग में से एक बनाता है. वॉर ऑफिस में रैफल्स होटल्स एंड रिसॉर्ट्स के 85 आवास हैं, जिसमें नौ नए रेस्तरां और तीन बार शामिल हैं.
भारत को लेकर चर्चिल के विवादित बयान
एक वक्त वॉर ऑफिस से अपना कामकाज देखने वाले विंस्टन चर्चिल भारत की आजादी के विरोधी थे. उन्होंने भारतीयों को मुफ्तखोर और दुष्ट कह दिया था.
उन पर आरोप है कि 1942 में जब भारत में तूफान और बाढ़ के कारण अकाल पड़ा था तब चर्चिल ने भारत को अनाज भेजने से रोक दिया था. अकाल के दौरान भारत की मदद करने को लेकर चल रही चर्चा में एक बार चर्चिल ने कहा था कि भारत को कितनी भी मदद कर दी जाए, कम ही होगी क्योंकि भारत के लोग खरगोश की तरह बच्चे पैदा करते हैं.