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ISRAEL: 7 अक्टूबर के हमले में जिंदा बची लड़की ने 22वें जन्मदिन पर किया सुसाइड, परिवार बोला- मानसिक अवसाद में थी

शिरेल के परिवार का दावा है कि वह 7 अक्टूबर की घटना के बाद पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) से जूझ रही थी. इजरायली मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक शिरेल इजरायल के पोरात में अपने अपार्टमेंट में मृत पाई गईं. 7 अक्टूबर के हमले के बाद उसे दो बार अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका था.

Shirel Golan (File Photo) Shirel Golan (File Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 7:22 AM IST

इजरायल पर 7 अक्टूबर को हुये हमास के हमले को एक साल से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन उस अटैक से जुड़ा दर्द अब तक कम होने का नाम नहीं ले रहा है. दक्षिणी इजरायल में सुपरनोवा म्यूजिक कंसर्ट में हुये हमले में किसी तरह जिंदा बची लड़की शिरेल गोलान ने अपने 22वें जन्मदिन पर सुसाइड कर लिया है.

शिरेल के परिवार का दावा है कि वह 7 अक्टूबर की घटना के बाद पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) से जूझ रही थी. इजरायली मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक शिरेल इजरायल के पोरात में अपने अपार्टमेंट में मृत पाई गईं. 7 अक्टूबर के हमले के बाद उसे दो बार अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका था. शिरेल के भाई इयाल ने कहा कि उसकी बहन में PTSD के लक्षण देखे गये थे. वह खुद को दोस्तों से दूर करने जैसे काम कर रही थी.

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खुद को अलग-थलग कर लेती थी शिरेल

शिरेल के भाई ने आगे कहा,'मैंने देखा कि उसमें पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस के लक्षण थे. वह खुद को अलग-थलग कर लेती थी. मैंने उसे अपना ख्याल रखने के लिए कहा था.' शिरेल के परिवार का आरोप है कि जरूरत के समय सरकार ने उनके परिवार को अकेला छोड़ दिया. क्योंकि अगर पर्याप्त मदद की गई होती तो उनकी बहन की मौत को रोका जा सकता था. 

शिरेल के 11 दोस्तों की हो गई थी मौत

बता दें कि शिरेल पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं. इयाल ने शिरेल के हमले से बच निकलने की घटना को याद करते हुए बताया कि वह एक कार से बाहर निकलने के बाद भागकर पुलिस वाहन तक पहुंच गई थी. शिरेल तो बच गई थी, लेकिन इस हमले में उसके 11 दोस्तों की मौत हो गई थी.

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7 अक्टूबर को कैसे बची थी शिरेल की जान

दरअसल, 7 अक्टूबर के हमले के दौरान जितने भी लोग कार में बैठे थे, सभी की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद शिरेल पुलिस की गाड़ी में बैठकर उसे चलाते हुये कफर मैमोन (दक्षिणी इजरायल के एक शहर) ले गई थी. इस तरह वह बच सकी थी. शिरेल की देखभाल करने के लिये उसकी मां ने अपनी नौकरी तक छोड़ दी थी.

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