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कंगाली के कगार पर खड़े पाकिस्तान पर वर्ल्ड बैंक ने ठोका 6 अरब डॉलर का जुर्माना

बलूचिस्तान स्थित रेको डिक खदान सौदे को रद्द करने पर पाकिस्तान पर पांच अरब 97 करोड़ डॉलर का जुर्माना ठोंका है. यह हर्जाना पाकिस्तान को टेथयान कॉपर कंपनी (TCC) को चुकाना होगा. गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए यह एक बड़ा झटका है.

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान (फाइल फोटो) पाकिस्तान के पीएम इमरान खान (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 5:52 PM IST

वर्ल्ड बैंक से संबंधित न्यायाधिकरण इंटरनेशनल सेंटर फॉर सेटलमेंट ऑफ इंवेस्टमेंट डिस्प्यूट्स (ICSID) ने बलूचिस्तान स्थित रेको डिक खदान सौदे को रद्द करने पर पाकिस्तान पर पांच अरब 97 करोड़ डॉलर का जुर्माना ठोका है, जिसमें 4.08 अरब डॉलर हर्जाना और 1.87 अरब डॉलर ब्याज शामिल है.

कंगाल पाकिस्तान को लगा झटका!

यह हर्जाना पाकिस्तान को टेथयान कॉपर कंपनी (TCC) को चुकाना होगा. गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए यह एक बड़ा झटका है. वहीं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने यह जानने के लिए आयोग का गठन किया है कि इस मामले में नौबत यहां तक क्यों पहुंची. पाकिस्तान सरकार ने यह भी साफ किया है कि वह इस फैसले के खिलाफ आईसीएसआईडी समेत अन्य संबंधित न्यायिक मंचों पर अपील करने पर विचार कर रही है.

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ICSID के इतिहास का सबसे ज्यादा जुर्माना

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इस सौदे के करार में गड़बड़ी बताकर इसे रद्द किए जाने के बाद टेथयान कॉपर कंपनी (टीसीसी) ने साल 2012 में वर्ल्ड बैंक के आईसीएसआईडी के सामने 11.43 अरब डॉलर का दावा पाकिस्तान के खिलाफ दायर किया था.  2017 में आईसीएसआईडी टीसीसी के पक्ष को सही करार दिया था लेकिन हर्जाने की राशि नहीं तय की थी. न्यायाधिकरण ने बीते शुक्रवार यानी 12 जुलाई को हर्जाने की राशि तय करते हुए अपना फैसला सात सौ पेज में दिया. पाकिस्तान पर लगाया गया यह जुर्माना, आईसीएसआईडी के इतिहास में इसके द्वारा लगाए गए सबसे ज्यादा अर्थदंड में से एक है.

पाकिस्तान ने रद्द की डील

टीसीसी ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में रेको डिक में बहुत बड़े पैमाने पर सोने और तांबे की खानों का पता लगाया था. कंपनी का कहना है कि वह इस इलाके में करीब 22 करोड़ डॉलर खर्च कर चुकी थी, लेकिन अचानक 2011 में पाकिस्तान सरकार ने उसके खनन के लिए पट्टे को देने से मना कर दिया और इसके खिलाफ उसकी अपील सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश इफ्तेखार चौधरी ने सौदे में अनियमितता बताते हुए रद्द कर दी थी.

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जांच के लिए इमरान खान ने किया आयोग का गठन

समाचार एजेंसी आईएएएस के मुताबिक टीसीसी के चेयरमैन विलियम हेस ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने भी अपने कानूनी विकल्प अभी खुले रखे हैं, साथ ही पाकिस्तान के साथ बातचीत का रास्ता भी अभी बंद नहीं हुआ है. वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस मामले की और इतने भारी नुकसान के लिए कौन जवाबदेह है, इसकी जांच के लिए एक आयोग का गठन किया है.

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