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हथियार या जरूरत? चीन ब्रम्हपुत्र नदी पर बनाएगा 'ग्रह' का सबसे बड़ा डैम, भारत को हो सकता है ये नुकसान

चीन दुनिया का सबसे बड़ा डैम ब्रह्मपुत्र नदी पर भारतीय सीमा के करीब तिब्बत में बनाने जा रहा है. यह परियोजना भारत और बांग्लादेश के लिए चुनौतियों का कारण बन सकती है. चीन की तरफ से डैम का एक रणनीतिक हथियार के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जो क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित कर सकता है.

ये थ्री गॉर्जेस डैम है (प्रतिकात्मक) (फोटोः AFP) ये थ्री गॉर्जेस डैम है (प्रतिकात्मक) (फोटोः AFP)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 6:25 PM IST

चीन दुनिया का सबसे बड़ा डैम बनाने जा रहा है. परेशानी की बात ये है कि इसे भारतीय सीमा के नजदीक ब्रम्हपुत्र नदी पर बनाया जाएगा. चीन ने इस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को 'ग्रह का सबसा बड़ा प्रोजेक्ट' बताया है और कहा इसे पूरा करने में 137 अरब डॉलर का खर्च आएगा. इसका निर्माण तिब्बत में भारत की सीमा के करीब किया जाएगा, जो कि भारत-बांग्लादेश दोनों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है.

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चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने जिनपिंग शासन के आधिकारिक बयान को शेयर किया और बताया कि, ब्रम्हपुत्र पर बनाए जाने वाले हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को निचले क्षेत्रों में हरी झंडी दे दी गई है. यह डैम हिमालय के उस हिससे में बनाया जाएगा, जहां से ब्रम्हपुत्र नदी एक बड़े यू-टर्न के साथ अरुणाचल प्रदेश में गिरती है और फिर बांग्लादेश की तरफ बढ़ती है.

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अगर चीनी करेंसी में बात की जाए तो इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में एक ट्रिलियन युआन का खर्च आएगा, और ये डैम थ्री गॉर्जिज डैम से बड़ा होगा, जो कि फिलहाल दुनिया का सबसे बड़ा डैम है. चीन के पास पहले से ही तिब्बत में जैम हाइड्रोपावर स्टेशन ऑपरेशनल है, जिसे 2015 में 1.5 अरब डॉलर की लागत से बनाया गया था.

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चीन डैम का हथियार की तरह कर सकता है इस्तेमाल

चीन द्वारा अप्रूव किए गए डैम से भारत की मुश्किल बढ़ सकती है. मसलन, चीन इस डैम का इस्तेमाल हाइड्रोपावर के लिए तो करेगा ही, लेकिन इसका इस्तेमाल एक हथियार के रूप में भी किया जा सकता है. जैसे कि अगर दोनों मुल्कों में तनाव बढ़ते हैं तो चीन इस डैम से भारत के सीमाई इलाकों में भारी मात्रा में वाटर फ्लो करके बाढ़ जैसे हालात पैदा कर सकता है. हालांकि, भारत भी अरुणाचल प्रदेश में ब्रम्हपुत्र पर एक डैम का निर्माण कर रहा है.

भारत-चीन के बीच सीमा पार की नदियों पर समझौते

भारत और चीन ने सीमा पार की नदियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 2006 में एक्सपर्ट लेवल मकेनिज्म स्थापित की थी, जिसके तहत चीन बाढ़ के मौसम में भारत को ब्रह्मपुत्र नदी और सतलुज नदी पर वाटर साइंस से संबंधित जानकारी मुहैया कराता है.

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भारत, सीमा मुद्दे पर चीन के विशेष प्रतिनिधियों (एसआर) एनएसए अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच 18 दिसंबर को यहां हुई बातचीत में सीमा पार की नदियों के डेटा साझा करने का मुद्दा उठा था. बाद में विदेश मंत्रालय के बयान में बताया गया था कि स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव की मीटिंग में सीमा पार नदियों पर डेटा शेयरिंग करने सहित सीमा पार सहयोग के लिए सकारात्मक दिशा-निर्देश प्रदान किए गए थे.

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