Advertisement

Happiness Report में पाकिस्तान, ईरान से भी पिछड़ा भारत, जानें पहले पायदान पर कौन

World Happiness Report 2025: भारत खुशहाल रहने के मामले में दुनिया के कई गरीब और अस्थिर देशों से भी पीछे है. यहां के लोग पाकिस्तान, ईरान, यूक्रेन जैसे देशों के लोगों से भी ज्यादा दुखी है. वहीं, स्वीडन दुनिया का सबसे खुशहाल देश है.

भारतीय पाकिस्तानियों से भी ज्यादा उदास हैं (Photo- Freepik) भारतीय पाकिस्तानियों से भी ज्यादा उदास हैं (Photo- Freepik)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 3:36 PM IST

गुरुवार को यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के वेलबीइंग रिसर्च सेंटर ने गैलप और यूनाइटेड नेशंस सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशन नेटवर्क के साथ मिलकर वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2025 प्रकाशित की. रिपोर्ट के अनुसार भारत 147 देशों में से 118वें स्थान पर है. भारत खुशहाली के मामले में पाकिस्तान(109वें), नेपाल (92वें), ईरान (100वें), फिलिस्तीन (103वें) और यूक्रेन (105वें) से भी पीछे है. यह रैंकिंग 2022-2024 के दौरान देशों के प्रति व्यक्ति आय, सामाजिक समर्थन, स्वस्थ जीवन प्रत्याशा, स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार की धारणा जैसे कारकों के आधार पर तैयार की गई है.

Advertisement

हैपिनेस रिपोर्ट में इस साल भारत का स्कोर हालांकि सुधरा है. यह सुधरकर 4.389 हो गया है लेकिन भ्रष्टाचार की धारणा और लोगों के बीच उदारता की कमी ने इसकी रैंकिंग पर नकारात्मक असर डाला है.

उत्तरी यूरोप का नॉर्डिक देश फिनलैंड लगातार आठवें साल दुनिया का सबसे खुशहाल देश बना हुआ है, जिसका औसत स्कोर 7.736 है. रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि जिन देशों के नागरिक दूसरों की दयालुता और ईमानदारी पर भरोसा करते हैं, उनमें खुशी का स्तर अधिक होता है. 

उदाहरण के लिए, फिनलैंड के लोगों को भरोसा होता है कि अगर उनका पर्स खोया तो उन्हें वापस मिल जाएगा, साथ ही खोया हुआ पर्स मिलने की संभावना भी वहां सबसे ज्यादा है. यह मजबूत सामाजिक विश्वास को दिखाता है.

भारत के स्कोर में मामूली सुधार एक सकारात्मक संकेत है फिर भी अगर भारत में खुशहाली बढ़ानी है तो सामाजिक समर्थन, भ्रष्टाचार और उदारता के क्षेत्र में काम करना होगा.

Advertisement

खुशहाली को लेकर क्या बोले शोधकर्ता?

शोधकर्ताओं का कहना है कि सेहत और पैसे के अलावा हमारी खुशियों को बहुत आम सी बातें प्रभावित करती हैं जैसे कि दूसरे के साथ खाना शेयर करना, किसी का साथ होना और घर में लोगों का होना. शोध में उदाहरण देते हुए कहा गया है कि मैक्सिको और यूरोप में चार से पांच लोगों वाले घर को सबसे खुशहाल माना जाता है.

गैलअप के सीईओ जॉन क्लिफटन कहते हैं, 'खुशहाली पैसे और विकास के बारे में नहीं है बल्कि यह विश्वास, लोगों से संबंध और यह जानने में है कि आपके अपने आपके साथ हैं. अगर हम खुशहाल समुदाय और मजबूत अर्थव्यवस्था चाहते हैं तो हमें उन चीजों में निवेश करना चाहिए जो हमारे लिए असल मायनों में जरूरी हैं.'

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement