
रूस और यूक्रेन के युद्ध ने विश्व के देशों को दो धड़ों में बांट दिया है. जंग इतनी बढ़ गई है कि सब कुछ तबाह कर देने वाले परमाणु बम की धमकियां लगातार दी जा रही हैं. अंतराष्ट्रीय संस्थाएं शांति की अपील कर रही हैं, लेकिन हालात को देखते हुए लगता नहीं है कि दुनिया भर में फैली यह अशांति जल्द शांति का रूप लेगी. इसका ताजा उदाहरण रूस का बीते दिनों यूक्रेन में अब तक का सबसे घातक हमला है, जिसमें 11 लोगों की मौत की खबर है. अगर तनाव ऐसे ही बढ़ता गया तो डर है कि यह कहीं तीसरे विश्व युद्ध में तब्दील न हो जाए. पिछले दिनों में ही कई देश और वैश्विक नेता तीसरे विश्व युद्ध की आशंका जाहिर कर चुके हैं.
अमेरिका के पू्र्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से होने वाले खतरे पर चेतावनी दी है. डोनाल्ड ट्रंप ने परमाणु युद्ध को लेकर कहा कि दुनिया में कुछ नहीं बचेगा, और यह सब उन अहंकारी लोगों की वजह से होगा, जिन्हें नहीं पता कि वो क्या कर रहे हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि रूस और यूक्रेन की जंग को शांति से थामने के लिए हमें तुरंत वार्ता की अपील करनी चाहिए, नहीं तो यह सब तीसरे विश्वयुद्ध के साथ खत्म होगा और दुनिया में कुछ नहीं बचेगा.
ट्रंप का यह बयान जो बाइडन के उस बयान के बाद आया है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने 60 साल में पहली बार परमाणु जंग के खतरे की चेतावनी दी. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि क्यूबा मिसाइल अटैक के बाद ऐसा पहली बार है, जब परमाणु हमले का खतरा बढ़ गया है. बाइडेन ने एक बयान में ये भी कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन परमाणु हमले को लेकर मजाक नहीं कर रहे हैं.
बेलारूस ने बढ़ाई रूस की ताकत तो पोलैंड ने दिया परमाणु पर बयान
रूस और यूक्रेन के बीच का युद्ध अब कई देशों के बीच की लड़ाई का रूप लेता जा रहा है. यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में बेलारूस की सेना रूसी सैनिकों का साथ देगी. हाल ही में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने व्लादिमीर पुतिन से रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में मुलाकात की थी.
बेलारूस के राष्ट्रपति ने कहा कि हम इसके लिए दशकों से तैयार थे, अगर जरूरत पड़ी तो हम जवाब देंगे. हालांकि, बेलारूस के रक्षा मंत्री ने यूक्रेन के खिलाफ जंग में शामिल होने वाली बात को खारिज कर दिया और कहा कि हम किसी के साथ नहीं लड़ना चाहते हैं.
बता दें कि बेलारूस यूक्रेन के साथ करीब 1000 किलोमीटर लंबा बॉर्डर साझा करता है. ऐसे में रूस अगर बेलारूस से यूक्रेन पर हमला करे तो वह आसानी से यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से में घुसपैठ कर पाएगा. 24 फरवरी को यूक्रेन में हुए हमले में भी रूसी सैनिकों ने बेलारूस की मदद ली थी. ऐसा माना जाता है कि यूक्रेन के खिलाफ मिसाइल और ड्रोन अटैक के लिए रूस से बेलारूस का लॉन्च पैड के तौर पर इस्तेमाल किया था.
हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु हथियार के इस्तेमाल की धमकी दी भी थी, जिसके बाद से परमाणु को लेकर अलग-अलग देशों की प्रतिक्रियाएं भी आने लगी. रूस की मदद करने वाले बेलारूस पर पोलैंड का आरोप है कि रूस अपने परमाणु हथियारों के लिए बेलारूस को अड्डा बना रहा है. ऐसे में पोलैंड ने अमेरिका से मांग करते हुए कहा कि यूएस अपने परमाणु हथियारों को भी पोलैंड भेजे.
हालांकि, व्हाइट हाउस ने कहा कि उनके पास ऐसी कोई मांग नहीं आई है. लेकिन अगर पोलैंड का रूस पर आरोप ठीक निकलता है या अमेरिकी परमाणु हथियार पोलैंड जाते हैं तो यह एनपीटी यानी न्यूक्लियर नॉन-प्रॉलिफरेशन ट्रीटी और साल 1997 में बने नाटो-रूस एक्ट का उल्लंघन होगा.
द फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स (FAS) का अनुमान है कि कोल्ड वॉर के बाद अमेरिका के 100 परमाणु हथियार नीदरलैंड, बेल्जियम, जर्मनी, इटली और तुर्की में हैं. पोलैंड ने यह मुद्दा ऐसे समय पर उठाया है, जब पिछले 60 सालों में पहली बार परमाणु हथियारों को इस्तेमाल में लाने की स्थिति बनती जा रही है.
पुतिन ने किया था बड़ा ऐलान
यूक्रेन से जंग के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी देते हुए कहा था कि रूसी सीमा की रक्षा करने के लिए वे हर तरह की ताकत का इस्तेमाल करने के लिए तैयार हैं. व्लादिमीर पुतिन की इस चेतावनी को सीधा परमाणु हमले की धमकी से जोड़कर देखा जाने लगा. अमेरिका ने रूसी राष्ट्रपति के इस बयान पर कड़ी आपत्ति भी जताई और चेतावनी दी कि अगर पुतिन ने इस युद्ध में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया तो उसका विनाशकारी परिणाम मिलेगा.
हालांकि, पुतिन के बयान के बाद पूरे विश्व में हलचल मच गई और चर्चा होने लगी कि अगर ऐसा हो गया तो इसका परिणाम कैसा होगा और क्या तीसरी विश्व युद्ध शुरू होने जा रहा है.
सोमवार को रूस ने यूक्रेन पर लगातार दागी मिसाइल
व्लादिमीर पुतिन अभी यूक्रेन के साथ युद्ध रोकने की तैयारी में नहीं हैं. इसका उदाहरण उन्होंने बीते दिनों कई बड़े यूक्रेनी शहरों में लगातार मिसाइली हमलों से दिया. रूस के हेवी अटैक में काफी लोगों की जान चली गई और काफी संख्या में लोग घायल भी हो गए.
रूस की ओर यह हमला उस समय किया गया, जब हाल ही में रूस में शान का प्रतीक कहे जाने वाले क्रीमिया पुल पर धमाका हुआ. रूस ने इस हमले के पीछे यूक्रेन का हाथ बताया है तो यूक्रेन ने इस आरोप को खारिज कर दिया है.
रूस के साथ विश्व युद्ध 3 लड़ रहा पश्चिम
व्हाइट हाउस में रूसी मामलों की पूर्व सलाहकार फियोना हिल ने वर्ल्ड वॉर 3 को लेकर ऐसा बयान दिया कि सबकी नजरें उन पर टिक गईं. फियोना हिल ने कहा कि मौजूदा हालात में पश्चिमी देशों का पहले ही रूस के साथ विश्व युद्ध शुरू हो चुका है. फियोना हिल ने कहा कि हम इस स्थिति में लंबे समय से हैं, बस हम इसे पहचान नहीं पाए थे.
कैसे दो धड़ों में बंटता जा रहा रूस और यूक्रेन युद्ध
जब से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ा है, तबसे ही दुनिया भर में खलबली मची हुई है. जंग में कूटनीतिक रूप से कुछ देश यूक्रेन का तो कुछ रूस के साथ देते हुए नजर आ रहे हैं, तो वहीं भारत समेत कई देश ऐसे भी हैं, जो किसी भी एक पक्ष में नहीं है और दोनों देशों से वार्ता के जरिए हल निकालने की अपील कर रहे हैं.
यूक्रेन से जंग लड़ रहे रूस के खिलाफ अमेरिका और यूरोपीय देश कड़े कदम उठा रहे हैं. युद्ध की वजह से ही रूस पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए जा चुके हैं. पश्चिमी देशों की ओर से एशियाई समेत कुछ उन देशों पर दबाव है, जो रूस के साथ कारोबार कर रहे हैं.
बड़े एशियाई देशों की ही बात करें तो अमेरिका से तनातनी रखने वाले चीन का झुकाव जाहिर तौर पर रूस की ओर है तो भारत और पाकिस्तान किसी भी एक पक्ष में न होने की बात कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एससीओ मीटिंग में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से युद्ध को खत्म करने की अपील भी कर चुके है.