
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने मंगलवार को कहा कि चीन भारत के साथ मिलकर सीमा क्षेत्र में शांति और स्थिरता की रक्षा के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि भारत और चीन के लिए साझा उपलब्धियों का भागीदार बनना सही विकल्प है. चीनी राष्ट्रपति की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है जब 2020 में पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण चार सालों से तनावपूर्ण चल रहे रिश्तों में अब सुधार आ रहा है.
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की ओर से जारी बयान के अनुसार, दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बधाई संदेश में शी ने कहा कि भारत-चीन संबंधों को 'ड्रैगन-हाथी टैंगो' का रूप लेना चाहिए. ड्रैगन चीन और हाथी भारत का प्रतीक माना जाता है.
शी ने कहा कि दोनों देशों को द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक ऊंचाई तक ले जाना चाहिए और एक-दूसरे के साथ मिलकर शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, आपसी विश्वास, आपसी लाभ के लिए काम करना चाहिए. शी ने कहा कि दोनों देशों को मिलकर बहुध्रुवीय दुनिया और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में लोकतंत्र को बढ़ावा देना चाहिए.
उन्होंने कहा, 'चीन-भारत संबंधों का आगे बढ़ना दिखाता है कि चीन और भारत के लिए एक-दूसरे की उपलब्धियों में भागीदार बनना और ड्रैगन-हाथी टैंगो को साकार करना सही विकल्प है. यह दोनों देशों और उनके लोगों को फायदा पहुंचाता है.'
राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ पर शी ने कहा कि वो राष्ट्रपति मुर्मू के साथ मिलकर विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने, प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मामलों में वार्ता बढ़ाने और भारत-चीन सीमा क्षेत्र में शांति और स्थिरता की रक्षा के लिए तैयार हैं.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों को विश्व शांति और समृद्धि में योगदान देना चाहिए.
और क्या बोले शी जिनपिंग?
भारत और चीन को प्राचीन सभ्यताएं बताते हुए शी ने कहा कि दोनों देश प्रमुख विकासशील देश हैं और ग्लोबल साउथ के अहम सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि दोनों देश 'अपने-अपने आधुनिकीकरण के महत्वपूर्ण चरण में हैं.'
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, राष्ट्रपति मुर्मू ने एक स्थिर और मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंध का आह्वान किया, जिससे दोनों देशों और विश्व को लाभ होगा.
सरकारी एजेंसी ने बताया, 'उन्होंने (राष्ट्रपति मुर्मू ने) राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ को भारत-चीन संबंधों के सुदृढ़ और स्थिर विकास को बढ़ावा देने के अवसर की तरह लेने का प्रस्ताव रखा.'
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि राष्ट्रपति जिनपिंग और मुर्मू के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने भी एक-दूसरे को बधाई संदेश भेजे हैं.
गलवान के बाद द्विपक्षीय संबंधों को पटरी पर लाने की कोशिश
दोनों देश भारत-चीन सीमा पर तनाव कम करने का काम तय कार्यक्रम के अनुसार कर रहे हैं. फरवरी में, चीन ने कहा था कि वह पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को खत्म करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम कर रहा है.
इससे पहले भारत ने कहा था कि वो पिछले साल अक्टूबर में पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग पर चीन के साथ पीछे हटने के समझौते पर पहुंच गया है. दोनों ही देशों के सैनिक इन प्वाइंट्स पर तैनात थे जिन्हें हटाने को लेकर भारत-चीन के बीच समझौता हो गया है. सैनिकों की इन प्वॉइंट्स से हटाना 2020 में गलवान संघर्ष के बाद से सीमा पर बढ़े तनाव को खत्म करने की दिशा में एक प्रयास था.
द्विपक्षीय संबंधों को फिर से पटरी पर लाने के लिए पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग ने रूस के कजान में मुलाकात की थी. यह पांच साल में उनके बीच पहली मुलाकात थी.
इसके बाद, दिसंबर में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने तनाव कम करने की प्रक्रिया को और मजबूत करने के लिए बीजिंग में 23वीं विशेष प्रतिनिधि वार्ता आयोजित की थी.
इस साल 21 फरवरी को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान वांग से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने भू-राजनीतिक चुनौतियों, बहुपक्षीय सहयोग और हालिया वैश्विक घटनाक्रम पर चर्चा की.