
कोरोना वायरस की वजह से चीन एक बार फिर सख्त लॉकडाउन की ओर है. चीन में कई शहर तो ऐसे हैं, जिनमें कोविड से बचने के लिए जिनपिंग सरकार जीरो कोविड नीति के तहत काफी ज्यादा सख्ती बरत रही है. आम नागरिकों को कोरोना से बचाने के लिए चीनी सरकार तरह-तरह के अजीबो-गरीब प्रतिबंध भी लगा रही है. सरकार की सख्ती की वजह कई इलाकों में लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं. सिर्फ आपातकाल स्थिति में ही लोगों को घर से निकलने की अनुमति दी जा रही है.
चीन के झेंगझाऊ (zhengzhou) शहर में लोगों को क्वारंटाइन करने के लिए खास प्लास्टिक टेंट तैयार किए गए हैं. इनमें सिर्फ एक इंसान की रहने की जगह है. एक साथ काफी संख्या में टेंट लगाए गए हैं, जिनमें कोरोना संक्रमितों को क्वारंटाइन रखा जा रहा है. कोरोना के नए वेरिएंट्स के मिलने की खबरों के बाद 20 अक्टूबर से झेंगझाऊ शहर में अब तक का सबसे ज्यादा सख्त लॉकडाउन लगाया गया है.
होम क्वारंटाइन लोगों को पहनाई जा रही स्मार्ट ब्रेसलेट
मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार, जिन कोरोना संक्रमितों को होम क्वारंटीन में भेजा गया है, उन्हें एक खास तरह की स्मार्ट ब्रेसलेट पहनाई जा रही है, जिससे उन सभी लोगों को आसानी से ट्रेस किया जा सके. साथ ही उन सभी लोगों को जानकारी भी समय-समय पर ली जा सके. दरअसल, होम क्वारंटाइन में मरीज को अपनी जिम्मेदारी खुद या परिवार की मदद से उठानी पड़ती है, ऐसे में चीनी सरकार किसी भी तरह की ढील नहीं चाहती है.
सख्त लॉकडाउन की वजह से आईफोन फैक्ट्री से हजारों फरार
झेंगझाऊ में चीन की सबसे बड़ी एप्पल आईफोन प्रॉडक्शन फैक्ट्री के हजारों कर्मचारी दीवार फांदकर भाग चुके हैं, जिसने अलग-अलग शहरों में दहशत का माहौल बना दिया है. दरअसल, फैक्ट्री से जुड़े हजारों लोग अभी तक कोरोना संक्रमित निकल चुके हैं. काफी तादाद में इन लोगों को क्वारंटीन भेजा गया है.
चीनी सरकार को ऐसे में डर है कि अगर फैक्ट्री के अन्य लोग संक्रमित होकर दूसरे शहरों में फैल गए तो कोरोना को रोक पाना मुश्किल हो जाएगा. इसी वजह से उन सभी शहरों में इन लोगों को अलग-थलग करने के लिए तेजी से तैयारियां की जा रही हैं.
रिपोर्ट्स की मानें तो शहरों में बड़ी इमारतों को क्वारंटीन सेंटर बनाया जा रहा है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को रखा जा सके. चिंता की बात ये है कि सभी इमारतें अभी निर्माणधीन है. इस वजह से क्वारंटाइन हो चुके लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बिल्डिंग से बाहर उनका संपर्क भी किसी ओर से होना मुश्किल हो गया है. क्वारंटीन सेंटरों के बाहर खाने के लिए लोग एक दूसरे से लड़ाई कर रहे हैं.
झेंगझाऊ में ही काफी संख्या में ऐसे संक्रमित भी हैं, जिन्हें बसों के जरिए करीब 100 किलोमीटर दूसरे शहर में ले जाया जा रहा है, जहां उन्हें क्वारंटाइन किया जाएगा. हालांकि, अभी तक कोरोना के मामलों की संख्या काफी ज्यादा नहीं है लेकिन सख्त लॉकडाउन के जरिए कम से कम केस रखने की कोशिश की जा रही है.
बीजिंग के स्कूल-कॉलेजों में छात्रों का हंगामा
चीन की राजधानी बीजिंग में स्कूल और कॉलेजों को पूरी तरह सील कर दिया गया है. वहां हॉस्टलों में रहने वाले छात्र न भाग पाए, इसके लिए कटीले तारों को चारों ओर बांध दिया गया है. बीजिंग के ही कॉलेज और स्कूलों में छात्र जमकर हंगामा मचा रहे हैं. अपने कमरों में बंद छात्र, जिस तरह चिल्लाते हैं, उसे देखकर किसी का भी मन सहम जाए.
हैरानी की बात यह है कि एक ट्रक जब लॉकडाउन में फंसा तो उसके ड्राइवर को ट्रक में ही क्वारंटीन कर दिया गया. क्वारंटीन में उन लोगों की स्थिति और ज्यादा खराब है, जिन्हें खुली हवा में क्वारंटाइन रखा गया है. काफी लोगों का खुले आसमान के नीचे एक साथ क्वारंटीन होने का इंतजाम किया गया है.
चीन सरकार की जीरो कोविड पॉलिसी का विरोध
बेशक चीनी सरकार जीरो कोविड पॉलिसी को कोरोना जैसे खतरनाक वायरस से बचाने के लिए चला रही हो, लेकिन आम जनता इतने ज्यादा सख्त नियमों से परेशान आ गई है. जहां चीनी सरकार कोविड के मामलों को रोकने की पूरी कोशिश में है तो वहीं लोगों का सब्र का बांध अब टूटता हुआ जा रहा है. इसका सबसे ताजा उदाहरण आईफोन फैक्ट्री से कर्मचारियों का भाग जाना भी है.
बीजिंग से शुरू होकर अन्य शहरों तक जीरो कोविड पॉलिसी का विरोध किया जा रहा है. कई जगहों पर पोस्टर भी लगाए जा रहे हैं. बीजिंग में हाल ही में दो सरकार की पॉलिसी का विरोध करते हुए पोस्टर लगाए थे, जिसको लेकर एक व्यक्ति को गिरफ्तार तक कर लिया गया था. हालांकि, सरकार की ओर से इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.