Advertisement

आर्थिक संकट से बदहाल पाक का साथ छोड़ रहे युवा, बीते साल 8 लाख से अधिक पाकिस्तानियों ने छोड़ा देश

रेगुलेटरी एंड मॉनीटरिंग बॉडी  ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन एंड ओवरसीज एम्प्लॉयमेंट के अनुसार, पिछले साल 8 लाख से अधिक पाकिस्तानियों ने देश छोड़ दिया, जो कि 2019 में 625,876 के पूर्व-महामारी से और उससे पहले के वर्ष 382,439 से अधिक है. कई और शिक्षा या अन्य कारणों से जाते हैं, और वापस नहीं आते हैं.

पाकिस्तान में आर्थिक संकट पाकिस्तान में आर्थिक संकट
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 2:13 PM IST

पाकिस्तान में आर्थिक संकट के चलते हजारों युवा और शिक्षित श्रमिक अपना बैग पैक कर देश छोड़ने को मजबूर हो गए हैं. रेगुलेटरी एंड मॉनीटरिंग बॉडी  ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन एंड ओवरसीज एम्प्लॉयमेंट के अनुसार, पिछले साल 8 लाख से अधिक पाकिस्तानियों ने देश छोड़ दिया, जो कि 2019 में 625,876 के पूर्व-महामारी से और उससे पहले के वर्ष 382,439 से अधिक है. कई और शिक्षा या अन्य कारणों से जाते हैं, और वापस नहीं आते हैं. पिछले साल विनाशकारी बाढ़ ने पाकिस्तान की आर्थिक समस्याओं को बढ़ा दिया.

Advertisement

तेजी से हो रहा ब्रेन ड्रेन बड़ी चिंता

पाकिस्तान घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में डिफ़ॉल्ट आशंकाओं को दूर करने के लिए संघर्ष कर रहा है. वहीं, एक कार्यक्रम की समीक्षा पर मतभेदों के कारण अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से $ 1.1 बिलियन की राहत राशि अटकी हुई है, जिसे नवंबर में पूरा किया जाना चाहिए था. जैसा कि सरकार संकट को कम करने के लिए लड़ती है,  यहां भी अधिकारी तेजी से बढ़ते ब्रेन ड्रेन के बारे में चिंतित हैं जो देश के हालातों में सुधार में बाधा बन सकता है. योजना, विकास और विशेष पहल मंत्री अहसान इकबाल ने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को बताया, "शिक्षित युवाओं का भारी संख्या में पलायन बड़ी चिंता का विषय है."

उन्होंने कहा "यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनके पलायन को रोकने के लिए एक बेहतर एनवायरनमेंट प्रदान करें." उन्होंने कहा कि सरकार ने कई विकास पहलें शुरू की हैं, जिनसे प्रतिभा को बनाए रखने में मदद मिलने की उम्मीद है. इनमें युवा इंजीनियरों के लिए 200,000 पेड इंटर्नशिप, 10 अरब रुपये (37.35 मिलियन डॉलर) का इनोवेशन फंड और 20 गरीब जिलों को विकसित करने के लिए 40 अरब रुपये का कार्यक्रम शामिल है.
 
फ्रस्टेटेड यूथ

Advertisement

एक युवक ने कनाडा में एक बेहतर और अधिक समृद्ध भविष्य की तलाश में चार महीने पहले पाकिस्तान छोड़ दिया.  नाम न जाहिर करने की शर्त पर उन्होंने कहा, "मुझे लगा कि यहां चीजें खराब हो रही हैं तो मुझे निकलना होगा." बता दें कि 30 साल से कम उम्र के तीन पाकिस्तानियों में से लगभग एक विदेश में नौकरी करना चाहता है. बाढ़ से पहले पिछले जून में पोलिंग फर्म गैलप पाकिस्तान और इसकी गैर-लाभकारी सहायक कंपनी गिलानी फाउंडेशन द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में ऐसा पाया गया है. गैलप पाकिस्तान के कार्यकारी निदेशक बिलाल गिलानी ने कहा कि यूनिवर्सिटी एजुकेटेड युवाओं में यह 50% से अधिक हो गया है. 

युवक ने कहा कि उनकी पीढ़ी अपने माता-पिता से भी बदतर थी, जो पिछले दशकों में अचल संपत्ति खरीदने, निवेश करने और संपत्ति बनाने में तो सक्षम थे. व्हाट्सएप कॉल के दौरान उन्होंने कहा, " एक परिवार और अच्छी जीवन शैली को स्वतंत्र रूप से बनाए रखने के लिए सैलरीड लोग क्या खर्च कर सकते हैं और बचत और धन उत्पन्न करने के लिए आवश्यक आय के बीच असमानता है."  

इसके अलावा नाम न जाहिर करने की शर्त पर चार महीने पहले एक साल के छात्र वीजा पर ब्रिटेन जाने से पहले पाकिस्तान में दो नौकरियों बदल चुकी एक 33 वर्षीय महिला ने कहा, एक साल से अधिक डबल डिजिट इंफ्लेशन ने जीवन स्तर पर और दबाव डाला है. अब मैं पाकिस्तान में रहना अफोर्ड नहीं कर सकती. पाकिस्तान में मेरा खर्च मां बाप को उठाना पड़ता था, और वर्तमान में ब्रिटेन में एक पार्ट टाइम सुपरमार्केट नौकरी के साथ मैं बचत कर पा रही हूं. 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement