
मलेशिया में विवादित मुस्लिम धर्मगुरु जाकिर नाइक की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं. जाकिर नाइक ने गैर-मुस्लिमों के खिलाफ दिए बयान पर माफी मांगी है. जाकिर नाइक ने एक बयान में कहा कि वह जातिवादी नहीं है और उसकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया.
जाकिर नाइक ने एक बयान जारी किया है, जिसमें उसने खुद को शांतिदूत बताया है. उसने कहा, 'मैं शांति में विश्वास रखता हूं क्योंकि कुरान भी इसी पर आधारित है. मेरा मकसद दुनियाभर में शांति को फैलाना है. लेकिन दुर्भाग्यवश मुझे आलोचकों का भी सामना करना पड़ता है, जो मुझे मेरा मिशन पूरा करने से रोकते हैं.'
नाइक ने आगे कहा, 'कुछ दिनों से मुझे नस्लीय टिप्पणी का आरोपी बताया जा रहा है और मेरे विरोधी कुछ खास शब्दों का इस्तेमाल कर उन्हें तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं'. दरअसल मलेशिया में 3 अगस्त को जाकिर नाइक ने हिंदुओं और मलेशिया के जातीय चीनियों के खिलाफ विवादित भाषण दिया था.
उसे सोमवार को दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जहां उससे 10 घंटे तक पूछताछ की गई. अल्पसंख्यकों के खिलाफ दिए गए उसके बयान के बाद मलेशिया में उसके विरुद्ध 115 पुलिस रिपोर्ट्स दर्ज की जा चुकी हैं.
मलेशिया के पीएम भी यह साफ कर चुके हैं कि अगर नाइक की गतिविधियां देश के खिलाफ हैं तो उसका स्थायी निवासी का दर्जा तक वापस लिया जा सकता है. सोमवार को जाकिर नाइक पर मलेशिया के 7 राज्यों ने कड़ी कार्रवाई करते हुए किसी भी सार्वजनिक सभा या भाषण में भाग लेने पर रोक लगा दी.
बता दें कि 2016 से ही भारतीय अधिकारी भी भड़काऊ भाषण देने के मामले में जाकिर नाइक के पीछे लगे हुए हैं. उसके प्रत्यर्पण की कोशिशें भी चल रही हैं.