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मुझे मुसलमान होने के कारण फंसाया गया: जाकिर नाइक

नाइक जुलाई 2016 में ढ़ाका में हुए आतंकी हमले के बाद एनआईए के राडार पर आया. जिसमें आतंकियों ने कहा था कि जाकिर नाइक के भाषण से प्रेरित होकर उन्होंने यह हमला किया है. जिसके बाद नाइक 1 जुलाई 2016 को भारत से फरार हो गया था

विवादास्पद इस्लामी उपदेशक जाकिर  नाइक विवादास्पद इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 18 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 11:23 AM IST

आतंकवाद को बढ़ावा देने और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी और विवादास्पद इस्लामी उपदेशक जाकिर  नाइक ने  NIA पर आरोप लगाते हुए इंटरपोल से कहा कि उनके साथ मुसलमान होने के नाते ऐसा किया जा रहा है. एनआईए ने इंटरपोल से जाकिर नाइक को रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने को कहा था, इसी मद्दे नजर नाइक ने कहा है. वह इन दिनों भारत से भागकर सऊदी अरब में नागरिकता लेकर रह रहा है.

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दरअसल जाकिर नाइक जुलाई 2016 में ढ़ाका में हुए आतंकी हमले के बाद एनआईए के राडार पर आया. जिसमें आतंकियों ने कहा था कि जाकिर नाइक के भाषण से प्रेरित होकर उन्होंने यह हमला किया है. जिसके बाद नाइक 1 जुलाई 2016 को भारत से फरार हो गया था. एनआईए ने 11 मई को इंटरपोल और सीबीआई को पत्र लिखकर रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए कहा. इसके बाद नाइक ने इंटरपोल को अपने जवाब में कहा कि भारतीय जांच एजेंसी उन्हें केवल इसलिए निशाना बना रही हैं क्योंकि वह मुस्लिम है. उन्होंने दावा किया कि उनके भाषण जिहाद को बढ़ावा देने वाले नहीं हैं. उनके भाषण केवल शांति के लिए हैं.

नाइक ने भी अपनी याचिका को वापस करने के लिए "भारतीय जेलों की खराब स्थिति" और "मानवाधिकार उल्लंघन" का हवाला दिया उन्होंने दावा किया कि उन्हें भारतीय जेलों में यातनाओं का सामना करना पड़ सकता है.

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दरअसल एनआईए ने रेड कॉर्नर नोटिस देने का मतलब है कि नाइक को एक अंतरराष्ट्रीय भगोड़ा घोषित किया जाएगा और उसे दुनिया भर में किसी भी एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया जा सकता है. नाइक पर उनके उत्तेजक भाषण, आतंकवादियों को फंड देने और कई करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है.

सूत्रों की माने तो इंटरपोल के 10 महीने की लंबी जांच के बाद नाइक के खिलाफ संपर्क किया गया था, जिसके दौरान उनके खिलाफ सभी आरोप साबित हुए हैं और उनकी गैर सरकारी संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन और पीस टीवी को सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया है. जबकि नाईक के खिलाफ पिछले साल गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है.  गौरतलब है कि गृह मंत्रालय पहले ही गैर कानूनी गतिविधयां (निरोधक) अधिनियम के तहत  नाईक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा चुकी है. उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी है. अब एनआईए ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए इंटरपोल और सीबीआई को पत्र लिखा है।

 

 

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