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रूस-यूक्रेन युद्ध में पलट रही बाजी? राष्ट्रपति जेलेंस्की ने किया 6000 वर्ग किमी इलाका छीनने का दावा

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने मंगलवार को देश की जनता को संबोधित कर बताया कि सितंबर की शुरुआत से लेकर अब तक हमारे जवानों ने यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों से 6,000 वर्ग किलोमीटर हिस्से को आजाद करा लिया है. अब हम रूस की सेना से और हिस्से वापस छीनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:10 PM IST

रूस ने इस साल फरवरी में यूक्रेन पर हमला कर दिया था. बीते सात महीनों से जारी इस युद्ध में यूक्रेन डटकर रूस का सामना कर रहा है. यूक्रेन किसी भी कीमत पर घुटने टेकने को तैयार नहीं है. यूक्रेन की इसी हिम्मत और युद्ध कौशल के दम पर बीते शनिवार को रूस की सेना को यूक्रेन के खारकीव क्षेत्र से पीछे हटना पड़ा. अब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने दावा किया है कि बीते 12 दिनों में उनकी सेना ने रूस के कब्जे से अपना लगभग 6,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र वापस छीन लिया है. 

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राष्ट्रपति जेलेंस्की ने मंगलवार को देश की जनता को संबोधित कर बताया, सितंबर की शुरुआत से लेकर अब तक हमारे जवानों ने यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों से 6,000 वर्ग किलोमीटर हिस्से को आजाद करा लिया है. अब हम रूस की सेना से और हिस्से वापस छीनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

इसके अलावा ऐसी भी रिपोर्ट्स हैं कि यू्क्रेन की सेना रूस की सीमा तक पहुंच गई है और वह एक के बाद एक अपने गांवों को रूस के कब्जे से आजाद करा रही है. 

मौजूदा स्थिति से लगता है कि रूस पर भारी पड़ रहा यूक्रेनः अमेरिका

एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशंस के समन्वयक जॉन किर्बी ने कहा कि हम यूक्रेन युद्ध पर करीब से नजर रखे हुए हैं. दक्षिण की तुलना में उत्तर में हो रही घटनाएं अधिक नाटकीय हैं. मैं राष्ट्रपति जेलेंस्की को यह तय करने दूंगा कि क्या उन्हें लगता है कि वे निर्णायक मोड़ पर पहुंच गए हैं. लेकिन स्पष्ट रूप से कम से कम डोनबास में तो यही लगता है कि यूक्रेन की सेना ने रूस पर बढ़त बना ली है.

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किर्बी ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने उत्तर में रूस की सेना को पीछे हटते देखा है, विशेष रूप से खारकीव के आसपास के इलाकों में. वे अपने मोर्चे से पीछे हट गए हैं.

उन्होंने कहा, वे (रूस) इसे रिपोजिशनिंग कह रहे हैं लेकिन यूक्रेन की सेना के सामने से वे पीछे हट गए हैं. यकीनन, कुछ नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिल रहे हैं लेकिन यह युद्ध है और युद्ध अप्रत्याशित होता है. मुझे लगता है कि हम जितना हो सके, उतना करीब से इस पर नजर रखेंगे.

इसे डायनैमिक स्थिति बताते हुए किर्बी ने कहा कि यह देखना होगा कि उनका अगला कदम क्या होगा क्योंकि यूक्रेन की सेना अभी भी उत्तर में आक्रामक तरीके से लड़ रही है और वह दक्षिण में भी मुंहतोड़ जवाब दे रही है.

उन्होंने कहा, यूक्रेन पर हमला किया गया. उनके पास अपने देश और उसकी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने का अधिकार है. 

बता दें कि पिछले हफ्ते अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और  यूएस ज्वॉइन्ट चीफ्स ऑफ स्टाफ जनरल मार्क मिले ने दुनियाभर के लगभग पचास देशों के रक्षा क्षेत्र के वरिष्ठ नेताओं के साथ रैमस्टेन एयरबेस पर हुई पांचवी यूक्रएन डिफेंस कॉन्टैक्ट ग्रुप मीटिंग में हिस्सा लिया था. इस बैठक के दौरान अंतर्राष्ट्रीय नेताओं ने खुद की रक्षा के लिए लड़ रहे यूक्रेन का समर्थन करने की प्रतिबद्धता दोहराई.

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यूक्रेन को अमेरिका की 67.5 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सहायता

इस बैठक के दौरान ही अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने यह भी ऐलान किया था कि अमेरिका, यूक्रेन को अपने बचाव के लिए 67.5 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद देगा, जिससे यूक्रेन अपनी सुरक्षा जरूरतों को पूरा कर सके. 

पेंटागन के प्रवक्ता पैट्रिक राइडर ने एक अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यूक्रेन अपने देश के बचाव के लिए इस आर्थिक मदद का इस्तेमाल करना जारी रख सकता है. 

राइडर ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले की शुरुआत से ही हमने देखा है कि यूक्रेन की सेना ने अपनी युद्धक्षमता का बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल किया है. इसमें कुछ भी चौंकाने वाला नहीं है कि इसी क्षमता के दम पर रूस की सेना कई मोर्चों पर पीछे हटी है.

यह पूछने पर कि अब रूस की अगली रणनीतिक क्या होगी? इसका राइडर ने सीधे-सीधे जवाब देने से कन्नी काटते हुए कहा कि उन्होंने (रूस) ने यूक्रेन में युद्ध जारी रखने और अवैध कब्जे को जारी रखने की मंशा जाहिर की है.

उन्होंने कहा, हम यकीनन अपनी तरफ से इस स्थिति पर नजर रखेंगे. हमारा ध्यान यूक्रेन और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम करने पर होगा ताकि उनकी मदद की जा सके.

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उन्होंने कहा, लेकिन मैं इस बात पर जोर दूंगा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन रूस की सेना को वापस बुला सकते हैं लेकिन जब तक ऐसा नहीं हो सकता है, हम यूक्रेन के साथ खड़े रहेंगे. 

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