
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ मंगलवार को 2020 के चुनाव परिणाम को पलटने की कोशिश के आरोप लगाए गए. बीते चार महीने में यह तीसरी बार है जब ट्रंप पर आपराधिक आरोप तय किए गए हैं. डोनाल्ड ट्रंप को चुनावी हार की भरपाई करने और सत्ता के हस्तांतरण को विफल करने के प्रयास के लिए जांच में आरोपी ठहराया गया है.
अभियोग में कहा गया है कि ट्रम्प के चुनाव जीतने के दावे झूठे थे. उन्हें पता था कि उनके दावे गलत हैं फिर भी उन्हें दोहराकर व्यापक रूप से प्रसारित किया. उन्होंने देश में अविश्वास, जनता को भड़काने का माहौल बनाने और चुनाव प्रशासन में जनता के विश्वास को कम करने के लिए ऐसा किया. संघीय अभियोजकों का कहना है कि डोनाल्ड ट्रम्प इन साजिशों के जरिए सत्ता में बने रहना चाहते थे.
ट्रंप के खिलाफ क्या आरोप लगे?
2020 के अमेरिकी चुनाव के परिणामों को पलटने के डोनाल्ड ट्रम्प के प्रयासों की जांच कर रहे विशेष वकील ने 45 पेज की चार्जशीट दायर की है. इसमें ट्रंप के खिलाफ चार आरोप लगे हैं- अमेरिका को धोखा देने की साजिश, आधिकारिक कार्यवाही में बाधा डालने की साजिश, किसी आधिकारिक कार्यवाही में बाधा डालना और बाधा डालने का प्रयास करना और अधिकारों के खिलाफ साजिश.
पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ यह अभियोग तीसरा आपराधिक मामला है. वह 2024 में व्हाइट हाउस को फिर से पाना चाहते हैं. ट्रंप को गुरुवार को अमेरिकी जिला न्यायाधीश तान्या छुटकन के समक्ष अदालत में पेश होना है.
रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति पद के प्रबल दावेदार
ट्रंप के खिलाफ आपराधिक मामला ऐसे समय में सामने आया है, जबकि वह अपनी पार्टी के राष्ट्रपति पद के नामांकन पर कब्जा करने की होड़ में आगे चल रहे हैं. ट्रंप और उनके समर्थक इसे राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं. फिर भी उनके खिलाफ ये आरोप आधुनिक इतिहास में अमेरिकी लोकतंत्र के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है.
अमेरिका में 2020 में हुए थे चुनाव
अमेरिका में नवंबर 2020 में चुनाव हुए थे, जिसके परिणाम आने के बाद ट्रंप ने अपनी हार स्वीकार करने से इनकार कर दिया था और झूठ फैलाया कि उनकी जीत हुई है. इसके बाद छह जनवरी, 2021 को यूएस कैपिटल हिंसा हुई. ट्रंप के समर्थकों ने व्हाइट हाउस में घुसकर तोड़-फोड़ की और अधिकारियों पर हमला कर चुनावी गिनती को भी बाधित किया.