बात बेशक 12 जून को होने जा रही है. मगर दोनों नेताओं को बातचीत के टेबल तक लाना इतना आसान नहीं था. ट्रंप और किम के रिश्तों की तरह दोनों की मुलाकात का प्लान भी कभी बना. कभी बिगड़ा. कई बार तो लगा कि बात का तो पता नहीं पर बहम का बटन जरूर दब जाएगा. पर तमाम तनाव के बावजूद आखिरकार दोनों नेता मुलाकात को राज़ी हो गए. लेकिन अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद चौकन्ना रहने वाला किम जोंग उन आखिर किसके भरोसे सिंगापुर जा रहा है? ये जानना भी आपके लिए बेहद जरूरी है.