अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा करने के बाद तालिबान (Taliban) ने ऐलान किया था कि वो किसी से बदला नहीं लेगा. लेकिन अब जब तालिबानी राज को कुछ वक्त हो गया है, अब जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है. बता दें कि अफगानिस्तान का हजारा समुदाय शिया मुसलमानों का एक समूह है. धार्मिक मान्यताओं के चलते ये समुदाय तालिबान के निशाने पर रहता है. कट्टरपंथी सुन्नी और तालिबान हजारा समुदाय को मुसलमान नहीं मानते हैं, हजारा समुदाय हमेशा से तालिबान के निशाने पर रहा है. इन्हें तालिबान अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है, जिसका वजूद अफगानिस्तान से मिटाने के लिए आमादा रहता है. इस पूरे मामले को लेकर मानवाधिकार कार्यकर्ता सलीम जावेद से आजतक की गीता मोहन ने एक्सक्लूसिव बातचीत की है. देखें पूरी बातचीत.