न कहीं जंग हुई, न कहीं कोई बमबारी हुई लेकिन फिर भी दुनिया भर के लाखों लोग मर गए, देश के देश तबाह हो गए, अर्थव्यवस्थाएं बर्बाद हो गईं. दहशत इतनी फैली जितनी एटम बम के गिरने से भी नहीं फैली थी. यही है जैविक हथियार, यानी बायोलॉजिकल वेपन. इतिहास गवाह है कि जब भी इस तरह की कोई अनसुलझी पहेली सामने आती है तो किसी बड़ी साजिश का शक होने लगता है. ऐसा ही कुछ शक कोरोना वायरस और उसके अचानक फैलकर तबाही मचाने को लेकर भी जाहिर किया जा रहा है. देखें ये रिपोर्ट.