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कला-संस्कृति

Classical Dance

भरतनाट्यम, कथक से गरबा और भांगड़ा तक... हमारी संस्कृति की धड़कन है नृत्य

23 फरवरी 2025

भारत में शास्त्रीय नृत्य केवल एक कला नहीं, बल्कि एक साधना है. यह नृत्य रूप नाट्यशास्त्र पर आधारित होते हैं और इनमें भाव, राग, ताल एवं मुद्राओं का गहन समन्वय देखने को मिलता है. प्रमुख भारतीय शास्त्रीय नृत्य अलग-अलग प्रदेशों की खासियत के साथ सामने आता है.

 chromalog canvas painting

भागवत का उपदेश, रंगों का संदेश और जीवन उद्देश्य... क्रोमालॉग, जहां कैनवस पर बिखरी हैं रुहानी कहानियां

22 फरवरी 2025

द स्टेनलेस गैलरी में 22 फरवरी से 25 फरवरी 2025 तक 'क्रोमालॉग: कलर्स एंड कन्वर्सेशंस' कला प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है. 'द आर्ट एक्सचेंज प्रोजेक्ट' की ओर से आयोजित इस सातवें सामूहिक प्रदर्शन में 15 कलाकारों की कृतियां प्रदर्शित की जा रही हैं.

Dance Nritya

सनातन से शास्त्र और सृष्टि से संहार तक... कला ही नहीं योग-साधना भी है नृत्य

21 फरवरी 2025

नृत्य केवल एक कला का रूप नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति की अनमोल धरोहर है. भारतीय पौराणिक कथाओं, दर्शन और धार्मिक ग्रंथों में भी इसका खास स्थान है. यह न केवल अभिव्यक्ति का जरिया है, बल्कि देवताओं की आराधना, आध्यात्मिक साधना और सांस्कृतिक परंपराओं का अभिन्न अंग भी रहा है.

Natraj

सृजन, संरक्षण और संहार... नर्तक शिव नटराज के नृत्य में कितने प्रतीक शामिल हैं?

19 फरवरी 2025

शिव का दाहिना हाथ एक विशेष मुद्रा में उठाया होता है, जिसे अभय मुद्रा कहा जाता है, जो 'निर्भीक मुद्रा' के रूप में परिभाषित होती है. यह मुद्रा शिव के भक्तों को सुरक्षा और उनके आशीर्वाद का आश्वासन देती है. सृजन और विनाश के निरंतर चक्र के बीच भी, इसमें एक आशा और सुरक्षा की भावना है.

यज्ञ बनाम तप – देवदत्त पटनायक ने खोले कुंभ स्नान के आध्यात्मिक पहलू

16 फरवरी 2025

प्रसिद्ध लेखक देवदत्त पटनायक ने साहित्य आजतक के मंच से समझाया कुंभ स्नान का वास्तविक अर्थ क्या है. यज्ञ और तप के बीच क्या अंतर है? वेदों में अग्नि और यज्ञ का महत्व समझें. शिव के नृत्य से जानें मंत्रों का गूढ़ अर्थ. भभूत और विभूति का रहस्य. यज्ञ में देवताओं का आह्वान और आहुति का महत्व. मन के परिवर्तन की आवश्यकता. तीर्थ यात्रा का असली उद्देश्य क्या होना चाहिए? वेदों में भूख और भोग का सिद्धांत. यज्ञ में नैवेद्य और प्रसाद का महत्व. ऋण और मुक्ति का संबंध.

धर्म की रक्षा कैसे संभव? देखें सत्ता, आस्था और आत्मज्ञान पर देवदत्त पटनायक का दृष्टिकोण

16 फरवरी 2025

प्रसिद्ध लेखक देवदत्त पटनायक ने धर्म की रक्षा और आत्मज्ञान के बीच संबंध पर गहन चर्चा की. सनातन धर्म, महावीर और हनुमान जी के उदाहरणों से समझाया गया कि सच्चा धर्म क्या है. अहंकार और आत्मज्ञान के बीच अंतर, पैगंबर और दिगंबर परंपरा की तुलना, तथा रामायण और महाभारत से लिए गए प्रसंगों द्वारा धार्मिक कथाओं का वास्तविक अर्थ समझाया गया है. धर्म के नाम पर स्पर्धा और व्यावसायिकता पर भी चर्चा की गई है.

लाभ का मतलब ऋण? देवदत्त पटनायक ने समझाया सफलता का अनसुना सच

16 फरवरी 2025

प्रसिद्ध लेखक देवदत्त पठानिया ने महत्वाकांक्षा और ऋण के बीच संबंध पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि भोग बिना ऋण नहीं होता और जितना लाभ, उतना ऋण. पठानिया ने बताया कि बिलियनेयर्स सबसे बड़े ऋणी होते हैं. उन्होंने यज्ञ परंपरा और कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के बीच तुलना की. पठानिया ने कहा कि मोक्ष का मतलब ऋण से मुक्ति है और केवल डुबकी मारने से ऋण मुक्ति नहीं होती. उन्होंने लोगों को महत्वाकांक्षा से बचने की सलाह दी.

शिव भक्त रावण का असली रूप – देवदत्त पटनायक ने बताया छिपा हुआ सत्य

16 फरवरी 2025

प्रसिद्ध लेखक देवदत्त पटनायक ने कहा- रामायण के पात्रों के गहरे अर्थ को समझने की जरूरत है. वाल्मीकि ने रावण को शिव भक्त और वेद ज्ञानी क्यों दिखाया? राम और रावण के चरित्र में क्या अंतर है? यज्ञ का वास्तविक अर्थ क्या है? ज्ञान देने और लेने में पाचन शक्ति का क्या महत्व है? सरस्वती और लक्ष्मी के बीच चुनाव कैसे करें? इन सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ें यह लेख.

कुंभ से शिव तक – देवदत्त पटनायक ने खोले भारतीय संस्कृति के अनसुने रहस्य

16 फरवरी 2025

साहित्य आज तक में देवदत्त पट्टनायक ने महाकुंभ के इतिहास और महत्व पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि कुंभ शब्द का प्रयोग 1857 से शुरू हुआ, इससे पहले इसे माघ मेला कहा जाता था. पट्टनायक ने त्रिवेणी संगम, बृहस्पति ग्रह की स्थिति और कुंभ मेले के विभिन्न स्थानों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने शिव, राम और वेदों के महत्व पर भी प्रकाश डाला, साथ ही शब्दार्थ और भावार्थ के बीच के अंतर को समझाया.

हर उम्र के पाठकों के लिए कैसे लिखते हैं? देवदत्त पटनायक ने बताया अपना तरीका

16 फरवरी 2025

प्रसिद्ध लेखक देवदत्त पटनायक ने अपने लेखन प्रक्रिया का रहस्य खोला. उन्होंने बताया कि वे कैसे विभिन्न आयु वर्ग और रुचि के पाठकों के लिए अलग-अलग विषयों पर लिखते हैं. पटनायक ने देवताओं और संगीत के बीच संबंध पर प्रकाश डाला और कहा कि आजकल लोग देवताओं के हाथों में केवल हथियार देखते हैं, वाद्ययंत्र नहीं. उन्होंने बच्चों के लिए एक नई पुस्तक की योजना का खुलासा किया जो देवताओं को संगीत से जोड़ेगी.

कुंभ, शिव से लेकर सनातन... देवदत्त पटनायक ने खोला आध्यात्मिक ज्ञान का खजाना

16 फरवरी 2025

साहित्य आजतक लखनऊ 2025 का आज दूसरा दिन है. इस दौरान लेखक और वक्ता देवदत्त पटनायक ने 'वेद की अग्नि, अखाड़े का भभूत: राम, रावण, शिव और कुंभ' सेशन में शिरकत की. उन्होंने कुंभ मेला, शिव, और हिंदू धर्म जैसे विषयों पर गहन चर्चा की. साथ ही उन्होंने रामायण और महाभारत के पात्रों के माध्यम से जीवन के गूढ़ रहस्यों को भी समझाया. देखें Video.

‘शिव की उपस्थिति महसूस की’ – अमीश त्रिपाठी का केदारनाथ का भावुक अनुभव

16 फरवरी 2025

प्रसिद्ध लेखक अमीश त्रिपाठी ने अपनी केदारनाथ यात्रा का भावुक वर्णन किया. उन्होंने बताया कि कैसे पैदल चलकर मंदिर पहुंचने पर उन्हें अलौकिक अनुभव हुआ. शिव के दर्शन से उनके जीवन के कठिन समय का दुख दूर हुआ. त्रिपाठी ने कहा कि तीर्थयात्रा में तपस्या और परिश्रम का महत्व है. उन्होंने अपनी पुस्तकों में शिव के विभिन्न रूपों का वर्णन किया है, लेकिन फिर भी शिव की महिमा अपार है.

‘समाज के लिए विष पीने को तैयार रहना चाहिए’ – शिव भक्ति पर अमीश त्रिपाठी का नजरिया

16 फरवरी 2025

प्रसिद्ध लेखक अमीश त्रिपाठी ने महाकुंभ के अनुभव और महत्व पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि कैसे महाकुंभ हमें हमारे पूर्वजों से जोड़ता है और हमारी संस्कृति को जीवंत रखता है. त्रिपाठी ने अमृत मंथन की कथा का आधुनिक संदर्भ में विश्लेषण किया और कहा कि बदलाव के साथ कुछ विष भी निकलता है, जिसे शिव भक्तों को पीना चाहिए. उन्होंने यूपी के विकास की भी प्रशंसा की और कहा कि भारत में तेजी से बदलाव हो रहा है.

शिव की अनोखी शक्ति पर अमीष त्रिपाठी का विश्लेषण – क्यों हैं वो सबसे प्रिय?

16 फरवरी 2025

प्रसिद्ध लेखक अमीष त्रिपाठी ने शिव पर बनने वाली नई डॉक्यूमेंट्री के बारे में खुलासा किया. उन्होंने बताया कि यह डिस्कवरी टीवी पर प्रसारित होगी. अमीष ने अपनी लेखनी, होस्टिंग और प्रोड्यूसिंग के अनुभवों पर भी चर्चा की. उन्होंने शिव की लोकप्रियता के कारणों पर प्रकाश डाला और बताया कि शिव भोलेनाथ हैं, लेकिन साथ ही बुद्धिमान भी. अमीष ने कहा कि शिव का दिल साफ है, जो सभी को पसंद आता है.

‘हजारों साल तक वर्चस्व, फिर हार क्यों?’ – अमीश त्रिपाठी ने इतिहास का सच बताया

16 फरवरी 2025

प्रसिद्ध लेखक अमीष त्रिपाठी ने साहित्य साहित्य आजतक के मंच पर अपनी नई डॉक्यूमेंट्री, आगामी फिल्म और महाकुंभ के अनुभवों के बारे में बात की. उन्होंने शिव पर बनने वाली डॉक्यूमेंट्री और कृष्ण पर बनने वाली फिल्म के बारे में जानकारी दी. त्रिपाठी ने केदारनाथ यात्रा और महाकुंभ में स्नान के आध्यात्मिक अनुभवों को साझा किया. उन्होंने भारतीय परंपराओं के महत्व और आधुनिक समय में उनकी प्रासंगिकता पर भी चर्चा की. प्रसिद्ध लेखक अमीष त्रिपाठी ने कुंभ मेले के महत्व और भारतीय संस्कृति की ताकत पर चर्चा की.

विमल पंत की सुरमयी प्रस्तुति, लोकगीतों से गूंज उठा साहित्य आजतक का मंच

16 फरवरी 2025

प्रसिद्ध लोक गायिका विमल पंत ने साहित्य आजतक के मंच पर अपनी नई पुस्तक 'अरि अरि कारी कोयलिया' का विमोचन किया. उन्होंने कहा कि लोक संगीत शास्त्रीय संगीत की जननी है. पंत ने हिंदी, अवधि, ब्रज, कुमाऊनी समेत 10 बोलियों में गीत प्रस्तुत किए. उन्होंने बताया कि उनका रुझान बचपन से ही लोक गीतों पर रहा है. पंत ने कहा कि लोकगीत बिल्कुल बेकार नहीं होते, उनमें भी हृदय की भावना व्यक्त होती है.

Nritya Kala aur Natraj

कला, व्याकरण-शब्दावली... संस्कृत और संस्कृति का आधार है प्राचीन भारत की नृत्य परंपरा

17 फरवरी 2025

डमरू के चौदह बार बजाने से चौदह सूत्रों के रूप में ध्वनियां निकली, इन्हीं ध्वनियों से व्याकरण का स्वरूप सामने आया. इसलिये व्याकरण सूत्रों के आदि-प्रवर्तक नटराज को माना जाता है. महर्षि पाणिनि ने इन सूत्रों को देवाधिदेव शिव के आशीर्वाद से प्राप्त किया जो कि पाणिनीय संस्कृत व्याकरण का आधार बना.

Natraj Lord Shiva

कला ही नहीं उपचार भी है नृत्य... मेडिकल साइंस से कैसे जुड़ा है शिव का तांडव और नटराज अवतार

16 फरवरी 2025

आयुर्वेद में अपस्मार एक गंभीर मानसिक और तंत्रिका संबंधी विकारों के लिए प्रयुक्त शब्द है. मेडिकल साइंस में इसे मिर्गी या फिर दौरे पड़ने जैसी बीमारी के तौर पर देखा जाता है. दौरा पड़ना या मिर्गी आना बीमारी की ऐसी ही अवस्था है, जिसमें दिमाग सोचना-समझना बंद कर देता है. आयुर्वेदाचार महर्षि चरक के अनुसार, अपस्मार के चार प्रकार होते हैं.

Raj Kapoor, Bharat Rang Mahotsav

फिल्मों में नौकरों के 'रामू' नाम का राज कपूर कनेक्शन... NSD में सुनाए गए शोमैन के अनसुने किस्से

15 फरवरी 2025

राज कपूर के साथ अपने बरसों के अनुभव और संस्मरण सुनाते हुए प्रदीप सरदाना ने कहा-'राज कपूर ने 5 वर्ष की उम्र में अपना पहला नाटक ‘द टॉय कार्ट’ किया था. राज कपूर ने नाटक ‘दीवार’ में तो रामू की ऐसी भूमिका की, जिसके बाद फिल्मों तक में नौकर की भूमिका करने वाले चरित्र का नाम रामू या रामू काका हो गया.

Shiva Natraj Tandav

पार्वती से विवाह, दैत्य पर नियंत्रण या फिर... शिवजी ने क्यों धरा नटराज का स्वरूप, नृत्यकला से क्या है कनेक्शन

15 फरवरी 2025

नटराज शिव का वह स्वरूप है, जिसमें वह सबसे उत्तम नर्तक हैं. नटराज शिव का स्वरूप न सिर्फ उनके संपूर्ण काल को दर्शाता है, बल्कि यह भी बिना किसी संशय स्थापित करता है कि ब्रह्माण्ड में स्थित सारा जीवन, उनकी गति कंपन और ब्रह्माण्ड से परे शून्य की नि:शब्दता सभी कुछ एक शिव में ही निहित है. नटराज दो शब्दों के समावेश से बना है- नट (अर्थात कला) और राज. इस स्वरूप में शिव कलाओं के आधार हैं.

Drama and Culture

वेद-पुराणों में वर्णन, अवतार का कॉन्सेप्ट और डेली रुटीन में शामिल... भारतीयों के बीच कैसे विकसित हुई नाट्यकला

14 फरवरी 2025

नाटक क्या है और इस कला का विकास कब, कैसे और किस तरह से हुआ, इन सभी सवालों का जवाब देता है, प्राचीन ऋषि भरतमुनि द्वारा लिखा गया महान ग्रंथ नाट्यशास्त्र. अग्निपुराण में भी नाटक के लक्षण और उसकी प्रकृति दर्ज है. अग्निपुराण में दृश्य काव्य के 27 प्रकार बताए गए हैं. यानी नाटक को हम जितना सिर्फ एक शब्द से समझते हैं, वह सिर्फ इस पूरी कला का एक छोटा सा प्रकार भर है.

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