22 मार्च 2025
इस महोत्सव में लगभग 300 आदिवासी कलाकार अपनी कालातीत कृतियों और अनूठे शिल्प को भी लोगों के सामने प्रदर्शित कर रहे हैं. थिएटर, कला, कौशल और संगीत सबकुछ एक ही मंच और एक ही परिसर में मौजूद हैं और प्रवेश द्वार से एंट्री लेते ही आप कला की इस अनूठी दुनिया में रंग जाते हैं, साथ ही यह देखकर आश्चर्य होता है कि सदियों पहले जब मानव जीवन जंगल आधारित था तो भी उसके हाथ कितने कुशल थे.