ग्राम यात्रा एक विशाल म्यूरल है, जो लगभग 14 फीट लंबी है. इसमें 13 दृश्यों में भारतीय ग्रामीण जीवन की झलकियां समाई हुई हैं. मीडिया बातचीत में सफ्रोनआर्ट के सीईओ और सह-संस्थापक दिनेश वज़ीरानी कहते हैं कि, "हुसैन की ग्राम यात्रा कई कारणों से एक महत्वपूर्ण कृति है. इसका विशाल आकार इसे अद्वितीय बनाता है.
'कंपनी पेंटिंग्स' पर केंद्रित इस प्रदर्शनी में गैलरी के अपने संग्रह से लगभग 200 कलाकृतियां प्रदर्शित हैं. इनमें 'एशियन फेयरी ब्लूबर्ड (इरेना पुएला)', 'ए ब्राउन स्क्विरल और ए ब्लैक स्क्विरल', 'जैकफ्रूट (आर्टोकार्पस हेटेरोफिलस)', 'चीनी का रोजा, आगरा', और 'पिलग्रिम्स एट ए रिवरबैंक' जैसी कृतियां शामिल हैं.
राजा रवि वर्मा को भारत का प्राचीन और सबसे उत्कृष्ट चित्रकार माना जाता है. आज देवी-देवताओं के जिन पौराणिक स्वरूपों को हम इतने सहज तरीके से कागज पर जीवंत हुए देखते हैं, इसका पहला प्रयास उन्होंने ही किया था. प्रख्यात चित्र देवी सरस्वती उन्होंने तकरीबन 1896 में बनाया था, लेकिन यह इतना आसान नहीं था.
नारीवाद के लिए चित्रकला एक क्रांतिकारी मीडियम रहा है और इसने रंगों के सहारे पितृसत्तात्मक समाज की जटिल संरचनाओं को चुनौती दी. ऐसा नहीं है कि सिर्फ आधुनिक समाज में ही स्त्री परक विषय को खुलकर जगह मिली है, बल्कि सुविख्यात चित्रकार राजा रवि वर्मा भी जब 150 साल पहले भारतीय चित्रकला की नई पौध तैयार कर रहे थे, तब भी उन्होंने स्त्री रूपकों को सहजता के साथ अपनी रंगत दी है.
द स्टेनलेस गैलरी में 22 फरवरी से 25 फरवरी 2025 तक 'क्रोमालॉग: कलर्स एंड कन्वर्सेशंस' कला प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है. 'द आर्ट एक्सचेंज प्रोजेक्ट' की ओर से आयोजित इस सातवें सामूहिक प्रदर्शन में 15 कलाकारों की कृतियां प्रदर्शित की जा रही हैं.
जिस तरह प्राचीन भारत में अन्य कलाओं (नाट्य, गीत-संगीत, लेखन) का विकास हुआ है चित्रकला का विकास भी इनके साथ ही साथ हुआ है. पुराण कथाओं में कहानियों के सहारे कहीं न कहीं इस कला का होने वाला जिक्र इसकी मौजूदगी की कहानी कहता है. कई कथाएं तो ऐसी रही हैं कि जिनमें चित्रकला एक किरदार की तरह शामिल हुई है और इसने कहानियों को आगे बढ़ाया है.