काशी हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान और ओड़िशा स्टेट ओपेन युनिवर्सिटी से हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर. काशी विद्यापीठ से पत्रकारिता स्नातक. 'भारत में आतंकवाद की राजनीति' विषय पर तीन साल का शोध- पत्रकारिता जुनून के चलते अधूरा. पहली प्रकाशित रचना एक कविता, 17 वर्ष की उम्र में 1984 में दैनिक आज में. पत्रकारिता/लेखन की अब तक की यात्रा दैनिक गांडीव, स्वतंत्र भारत, दैनिक जागरण, दैनिक इनदिनों के साथ. दिल्ली प्रेस पत्रिका समूह में विशेष संवाददाता, सहयोगी संपादक और प्रकाशकीय संपादक रहे. कई बड़े अखबारों, पत्रिकाओं में स्तंभ लेखन. हजार से अधिक लेख प्रकाशित, साथ ही 1100 से अधिक पुस्तकों पर राय प्रसारित. ऐसे पत्रकार जिनके लेखों पर के. आर. नारायणन और ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जैसे अकादमिक और वैज्ञानिक राष्ट्रपति ने प्रतिक्रिया दी. विश्वविद्यालयों में व्याख्यान, अकादमिक शोध-पत्र प्रकाशित. एक रचना 'हिंदी ने जिनकी ज़िंदगी बदल दी- मारिया नेज्यैशी' वर्ष 2008 से एन.सी.ई.आर.टी. कक्षा 8 की पाठ्य-पुस्तक दुर्वा (भाग-3) का हिस्सा. वर्तमान में साहित्य आजतक और साहित्य तक से संबद्ध. पुस्तक समीक्षा के दैनिक कार्यक्रम 'बुक कैफे'; साहित्यकारों के जीवन-कर्म पर आधारित साप्ताहिक साक्षात्कार कार्यक्रम 'बातें-मुलाकातें'; और लेखकों से पुस्तक केंद्रित संवाद 'शब्द-रथी' के प्रस्तोता.