रोहित सरदाना, भारत के सबसे ज़्यादा पसंद किए जाने वाले, ऊर्जावान एंकर. रोहित ने डेढ़ दशक के अपने करियर में ऑल इंडिया रेडियो में बतौर उद्घोषक पहले अपनी आवाज़ को घर घर पहुंचाया तो ईटीवी, सहारा और ज़ी न्यूज़ में अपने विशेष तेवरों वाली एंकरिंग से हिंदुस्तान के कोने कोने में अपने नाम का परचम लहराया. रोहित सरदाना देश के उन गिने-चुने एंकर्स में से थे जिनके सवाल इतने सीधे और नुकीले होते कि कई बार बहस के लिए जुटे शो के मेहमानों को पसीना आ जाता.
बयानों से ख़बरों की हेडलाइन्स बन जाती और सोशल मीडिया में हलचल मच जाती. लाखों लोग ट्वीट का इंतज़ार करते. हज़ारों लोग रीट्वीट करने को बेताब रहते.रोहित की कई ऐसी स्टोरीज रहीं जिन्होनें देश की खबरों का एजेंडा सेट किया, जिनमें से ख़ास रहीं जेएनयू में देश विरोधी नारे, कश्मीर में हुर्रियत नेताओं का पाकिस्तान का फंड कनेक्शन, पं. बंगाल के मालदा और धूलागढ़ की सांप्रदायिक हिंसा, कैराना के पलायन का सच और तीन तलाक के खिलाफ़ एक सामाजिक आंदोलन की शुरुआत.
2014 में लोकसभा चुनावों के पहले सांसदों का लेखाजोखा कार्यक्रम बनाया जो मील का पत्थर है. आम चुनाव हों या राज्यों के चुनाव हर राज्य में घूम-घूम कर स्पष्ट और सटीक रिपोर्टिंग के साथ लोगों के मन की बात जानी.हिसार, हरियाणा से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रोहित के नाम बेस्ट एंकर के NT Award और ENBA Award के साथ-साथ हिंदी पत्रकारिता का प्रतिष्ठित गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार भी है. रोहित सरदाना का 30 अप्रैल 2021 को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया.