खबरों की दुनिया से वास्ता 20 बरस पहले हुआ था. जहां नदियां मिलती हैं, इतिहास बोलता है और आस्था की लहरें बहती हैं. समय के साथ बहते, और अपनी जड़ों को थामकर रखे प्रयागराज ने मुझे प्रवाह दिया और उस दिल्ली ने ठिकाना जहां हर गली में सपनों की गूंज दिखाई देती है. पत्रकार के तौर पर फिलहाल आज तक के साथ हूं.