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ऑटो न्यूज़

आ गया CNG ट्रैक्टर, किसानों के लिए इसमें ये 5 फायदे की बात!

CNG ट्रैक्टर के फायदे
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केंद्र सरकार ने साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है. खेती आसान हो और उस पर लागत कम हो, इसको लेकर कई कदम उठाए जा रहे हैं. जुताई से लेकर कई और कामों में किसान ट्रैक्टर का इस्तेमाल करते हैं. सरकार का दावा है कि जब किसान डीजल ट्रैक्टर छोड़कर सीएनजी ट्रैक्टर को इस्तेमाल में लाएंगे तो सालाना कम से कम 1.5 लाख रुपये की बचत होगी. 

नितिन गडकरी ने किया CNG ट्रैक्टर लॉन्च
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दरअसल, 12 फरवरी को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने CNG ट्रैक्टर से पर्दा उठाया. उन्होंने CNG ट्रैक्टर के कई फायदे गिनाए. सरकार का दावा है कि CNG ट्रैक्टर से किसानों को अपनी आजीविका में सुधार करने में भी मदद मिलेगी. डीजल ट्रैक्टर के मुकाबले रेट्रोफिटेड सीएनजी ट्रैक्टर के रख रखाव पर बहुत कम खर्च आएगा, और ईंधन में काफी बचत होगी. 
 

 ईंधन की लागत में काफी कमी
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1. नितिन गडकरी के दावे के मुताबिक हर साल एक किसान डीजल पर 3 लाख से 3.5 लाख रुपये तक खर्च करता है. ऐसे में सीएनजी ट्रैक्टर का इस्तेमाल करके वह सालाना 1.5 लाख रुपये तक की बचत कर सकता है. क्योंकि इससे ईंधन की लागत में काफी कमी आएगी. नितिन गडकरी ने कहा कि सीएनजी किट को मेक इन इंडिया के तहत बनाया जाएगा.

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 पराली एक बड़ी समस्या
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2. देश में पराली एक बड़ी समस्या है. लेकिन सरकार का कहना है कि इसी में किसानों की आमदनी भी छुपी है. पराली से बायो-सीएनजी का उत्पादन संभव है, और इससे किसान बायो सीएनजी प्रोडक्ट्स की यूनिट्स को बेचकर पैसे कमा सकते हैं. इस ट्रैक्टर को रावमैट टेक्नो सॉल्यूशन्स और टॉमासेटो ऐशिल इंडिया की साझेदारी में बनाया गया है. 

 प्रदूषण पर CNG ट्रैक्टर से लगाम संभव
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3. सबसे ज्यादा बढ़ते प्रदूषण पर CNG ट्रैक्टर से लगाम संभव है. कुछ राज्यों बड़े पैमाने पर खेती होती है. जहां खेतों में दिन-रात ट्रैक्टर चलते रहे हैं. डीजल इंजन होने की वजह से प्रदूषण भी वहां ज्यादा होता है. सीएनजी चालित ट्रैक्टर से प्रदूषण के स्तर में भारी गिरावट दर्ज करवाई जा सकती है. डीजल के मुकाबले सीएनजी में कार्बन उत्सर्जन में 70 फीसदी की कमी होती है. 
 

 रख-रखाव में बेहद कम खर्च
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4. डीजल ट्रैक्टर के मुकाबले CNG ट्रैक्टर के रख-रखाव में बेहद कम खर्च आएंगे. डीजल ट्रैक्टर में कार्बन डाईऑक्साइड की वजह से कई तरह की दिक्क्तें आती हैं, जिन्हें ठीक करवाने किसानों को बार-बार मोटी रकम खर्च करने पड़ते हैं. लेकिन सीएनजी ट्रैक्टर में ऐसी समस्या नहीं आएगी. 

रेट्रोफिटेड सीएनजी ट्रैक्टर की लाइफ ज्यादा होगी
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5. सबसे बड़ी बात डीजल इंजन ट्रैक्टर के मुकाबले रेट्रोफिटेड सीएनजी ट्रैक्टर की लाइफ ज्यादा होगी. यानी अगर किसान CNG ट्रैक्टर खरीदते हैं तो फिर वह डीजल ट्रैक्टर के मुकाबले ज्यादा दिन तक साथ देगा. ऐसे में ट्रैक्टर की लाइफ बढ़ जाने से किसानों को बड़ी बचत हो सकेगी. 
 

 स्टार्ट करने के लिए डीजल की होगी जरूरत
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एक और अहम बात इस CNG ट्रैक्टर को स्टार्ट करने के लिए डीजल की ही जरूरत होगी, यानी ट्रैक्टर में डीजल इंजन भी होंगे. लेकिन स्टार्ट होने के बाद ट्रैक्टर का फ्यूल सोर्स बदलकर सीएनजी पर शिफ्ट हो जाएगा, जिससे किसान अपना खेती का खर्च कम कर पाएंगे. 

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