अगर आप दिल्ली-एनसीआर (Delhi NCR) में रहते हैं, तो फिर अपनी 10 साल पुरानी डीजल गाड़ी या फिर 15 पुरानी बाइक और पेट्रोल कार लेकर बिल्कुल सड़कों पर न उतरें. दिल्ली परिवहन विभाग (Delhi Transport Department) ने साफ शब्दों में कह दिया है कि अगर 10 साल पुराना डीजल वाहन या 15 साल से पुराना पेट्रोल वाहन सड़कों पर दौड़ता हुआ पाया जाता है तो उसे जब्त कर स्क्रैपिंग (Scrapping) के लिए भेज दिया जाएगा.
दरअसल, दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण (Pollution) को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) बिल्कुल सख्त है. ऐसे में अगर आपने नियम को नजरअंदाज कर 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल कार लेकर सड़क पर निकलते हैं तो फिर उसे जब्त कर सीधे स्क्रैपिंग के लिए भेज दिया जाएगा.
दिल्ली परिवहन विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि 1 जनवरी 2022 तक जिन गाड़ियों की समय सीमा खत्म हो गई है, उनका रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा रहा है. NGT के आदेश पर साल के पहले दिन 1 जनवरी को करीब 1 लाख से अधिक डीजल वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया, ये सभी वाहन 10 साल पुराने थे.
यही नहीं, आने वाले चंद दिनों में 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों का भी रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा. दिल्ली परिवहन विभाग के मुताबिक 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों की संख्या 43 लाख से अधिक है, जिसमें 32 लाख टू-व्हीलर और 11 लाख कारें शामिल हैं.
लेकिन अगर आपकी कार की कंडीशंस ठीक है, और आप उसे कबाड़ में नहीं बदलना चाहते हैं तो फिर आपके पास दो विकल्प हैं. आप उसमें इलेक्ट्रिक किट फिट करवाकर चला सकते हैं. इसके अलावा आप परिवहन विभाग से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लेकर उसे दूसरे राज्यों में बेच सकते हैं. (Photo: File)
पहला विकल्प-
दूसरे राज्यों में बेचने के लिए दिल्ली परिवहन विभाग एक अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) जारी करेगी. इसके आधार पर इन गाड़ियों को दूसरे राज्यों में फिर रजिस्टर कराया जा सकता है. हालांकि जिन राज्यों में इनके दोबारा रजिस्ट्रेशन पर प्रतिबंध है, उनके लिए ये एनओसी जारी नहीं की जाएगी.
आप दिल्ली परिवहन विभाग से NOC लेकर राजस्थान और मेघालय के सभी जिलों में अपनी पुरानी कार बेच सकते हैं. बिहार के 18 जिलों में यह नियम मान्य रहेगा. वहीं उत्तर प्रदेश के 33 जिलों दिल्ली की पुरानी गाड़ियां रजिस्ट्रेशन हो सकती हैं. महाराष्ट्र के 26 निगमों/जिलों के लिए भी एनओसी ली जा सकती है.
दूसरा विकल्प-
सरकार ने अपने आदेश में इन गाड़ियों को इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट कराने का ऑप्शन दिया है. किसी भी डीजल या पेट्रोल गाड़ी को इलेक्ट्रिक गाड़ी में बदलने के लिए आपको एक इलेक्ट्रिक मोटर या इलेक्ट्रिक कंट्रोलर यूनिट (ECU) चाहिए. बाजार में कई कंपनियां इस तरह की रेट्रोफिट इलेक्ट्रिक कंट्रोलर यूनिट देती हैं. किसी पुरानी डीजल या पेट्रोल गाड़ी को इलेक्ट्रिक में बदलने का खर्च नई गाड़ी के 15% के बराबर तक पड़ता है. मारुति ऑल्टो जैसी छोटी कार को इलेक्ट्रिक गाड़ी में बदलने का खर्च करीब दो लाख रुपये तक होता है. बड़ी गाड़ी के लिए ज्यादा खर्च आएगा.