देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों का प्रबंधन देखने वाले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) का कहना कि बीते सप्ताह में टोल नाकाओं पर प्रतिदिन 100 करोड़ रुपये से अधिक टोल कलेक्शन FASTag से हुआ है. 25 फरवरी को FASTag से होने वाला कलेक्शन 103.94 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया.
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देशभर में कई लोगों को टोल नाकों पर गलत टोल कटने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. उनके लिए विशेषकर ट्रक मालिकों के लिए इसकी शिकायत करना एक पेचीदा काम है. कई बार या तो उनके पास जानकारी नहीं होती कि शिकायत कहां और कैसे करें? देश में अधिकतर कमर्शियल वाहनों को FASTag जारी करने वाली WheelsEye Technologies की एक रिपोर्ट के अनुसार FASTag से होने वाले हर 5 में से 1 लेनदेन में गलत राशि काट ली जाती है.
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अधिकतर ट्रक चालकों के बीच FASTag के वर्गीकरण को लेकर जानकारी की कमी देखने को मिली है. कई बार उनके वाहन और FASTag की श्रेणी मैच नहीं करती और इस कारण टोल नाका पर उन्हें गलत टोल कटने के लिए परेशान होना पड़ता है.
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WheelsEye ने टोल नाकाओं पर FASTag से होने वाले 10 लाख से अधिक लेनदेन का विश्लेषण किया. तब उसे चालकों की इन दो प्रमुख समस्याओं का पता चला. इसके अलावा FASTag को लेकर जारी करने वाले बैंकों के अलग-अलग नियम भी उनके लिए एक बड़ी परेशानी हैं.
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भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने FASTag जारी करने वाले विभिन्न बैंकों के हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. ऐसे में लोग और ट्रक मालिक यहां अपनी शिकायत करा सकते हैं. यदि उन्हें ये नंबर याद रखने में दिक्कत है तो उनके FASTag पर भी कस्टमर केयर का नंबर होता है जहां कॉल करके शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.
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FASTag से जुड़ी शिकायतों के लिए उसके पोर्टल और ऐप पर भी ‘डिस्प्यूट’ कॉलम के अंदर शिकायत करने की सुविधा दी गई है. चालक इस पर जाकर भी अपनी ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं. इस पर रजिस्ट्रेशन भी OTP के आधार पर होता है. इसके अलावा WheelsEye ने उसके द्वारा जारी FASTag यूजर्स के लिए ‘ऑटो रिफंड’ फीचर शुरू किया है. यह फीचर लोगों गलत टोल कटने की सूचना देगा और उनका पैसा भी खुद ब खुद वापस आ जाएगा.
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