इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स में लागत का एक बड़ा हिस्सा उसमें लगने वाली बैटरी होती है. अभी बाजार में मौजूद अधिकतर इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर्स की बैटरी 2 साल में खराब हो जाती है या सही चार्जिंग और माइलेज नहीं देती. ऐसे में बैटरी बदलने से लोगों के लिए इसकी लागत बढ़ती है.
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इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की क्वालिटी को लेकर ग्राहकों को अभी भी भरोसा कम है. इसकी वजह ई-वाहन बनाने वाली कंपनियों में एक दो ब्रांड को छोड़कर अधिकतर स्टार्टअप कंपनियों का होना है. हालांकि हाल में टीवीएस, बजाज और ओला जैसे ब्रांड ने इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स बनाने की बात कही है.
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स्टीलबर्ड इंटरनेशनल के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर मानव कपूर के मुताबिक अभी बाजार में इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर की ज्यादा मांग नहीं है. इसकी वजह से ऐसी गाड़ियों को खरीदने के लिए लोगों को सही लोन या फाइनेंस ऑप्शन नहीं मिल पाता है. हालांकि केंद्र और कई राज्य सरकारों ने इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के लिए सब्सिडी देनी शुरू दी है.
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इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर को बढ़ावा देने की राह में सबसे कमजोर कड़ी लोगों की धारणा है. मानव कपूर का कहना है कि अभी भी अधिकतर ग्राहक पेट्रोल से चलने वाले वाहनों की जगह पर इलेक्ट्रिक वाहन लेने से कतराते हैं.
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अक्सर देखा गया है कि बड़े शहरों में लोग कार लेना ज्यादा पसंद करते हैं, लेकिन छोटे शहरों और गांव देहातों में 2-व्हीलर ही उनकी पहली पसंद होती है. इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर्स को बड़े पैमाने पर नहीं अपनाने की एक बड़ी वजह छोटे शहरों में चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का कमजोर होना भी है. हालांकि इसे लेकर सरकार तेजी से प्रयास कर रही है.
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