भारत में सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं. जब आप आंकड़े देखेंगे तो हैरान हो जाएंगे. सरकार की ओर से सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि सभी हितधारकों को सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों में कमी लाने के लिए कोशिश करनी चाहिए. (Photo: File)
नितिन गडकरी ने कहा कि 2025 तक सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों में 50 फीसदी तक लाने के लिए काम किया जा रहा है, लेकिन ये सुनिश्चित तभी हो पाएगा, जब सब मिलकर कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के कारण खतरनाक स्थिति बन रही है और भारत सड़क दुर्घटना के मामले में पहले स्थान पर, अमेरिका और चीन से आगे है. गड़करी ने सड़क सुरक्षा को लेकर एक कार्यक्रम में ये बातें कहीं. (Photo: File)
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 1.5 लाख लोग मारे जाते हैं, और 4.5 लाख से अधिक लोग इन दुर्घटनाओं में घायल होते हैं. भारत में सड़क दुर्घटनाओं में प्रति दिन 415 लोग मारे जाते हैं. सड़क हादसे में 70 फीसदी मौतें 18 से 45 वर्ष की आयु वर्ग में होती हैं. (Photo: File)
नितिन गडकरी ने बताया कि सड़क दुर्घटना से अर्थव्यवस्था को भी नुकसान होता है. उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं के चलते सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.14 प्रतिशत के बराबर सामाजिक-आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है .सड़क हादसों पर लगाम के लिए परिवहन मंत्रालय की ओर से इंजीनियरिंग, शिक्षा, प्रवर्तन और बेहतर आपातकालीन देखभाल सेवाएं जैसे कदम उठाए गए हैं. (Photo: File)
सरकार की मानें तो देश में 5 हजार ऐसी जगहों की पहचान की गई हैं, जहां अधिक दुर्घटनाएं होती हैं. मंत्रालय राजमार्ग नेटवर्क पर पहचाने गए 5,000 से अधिक दुर्घटना वाले स्थानों को सही करने पर काम कर रहा है, और सुरक्षा के लिए 40,000 किलोमीटर से अधिक सड़क मार्ग का परीक्षण किया जा रहा है. (Photo: File)
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सहायता कार्यक्रम का प्रस्ताव किया है, जिसके लिए केंद्र सरकार राज्यों को सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए 14,000 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान कर रही है. वर्तमान में भारत में सड़क सुरक्षा माह मनाया जा रहा है, ताकि सड़क सुरक्षा के मुद्दों पर जागरूकता पैदा की जा सके. (Photo: File)