कोरोना की मार देश की कार कंपनियों पर पड़ी है. मई में देश के अलग-अलग हिस्सों में लगे लॉकडाउन से कार की सेल बहुत गिरी है. मारुति की सेल मात्र एक महीने में यानी अप्रैल के मुकाबले मई में 71% गिर गई है.
(File Photo : Aajtak)
मारुति सुजुकी ने अप्रैल में 1,59,691 कारों की बिक्री की थी. उस समय देश में कोरोना की दूसरी लहर ने असर दिखाना शुरू किया था, लेकिन अप्रैल के मध्य तक आते-आते देश के अधिकतर इलाकों में लॉकडाउन की घोषणा हो गई थी जिसके बाद मई में कंपनी की बिक्री तेजी से गिरी.
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मई में मारुति की बिक्री 50,000 के आंकड़े को भी नहीं छू सकी. इस दौरान कंपनी ने मात्र 46,555 कारों की बिक्री की. पिछले साल मई में कंपनी ने 13,888 कारों की बिक्री की थी, हालांकि कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि पिछले साल के आंकड़ों की तुलना इस साल मई के आंकड़ों से नहीं की जा सकती है.
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कंपनी की डोमेस्टिक मार्केट में सेल मई में 75% गिरी है. घरेलू बाजार में कंपनी ने इस दौरान मात्र 35,293 कारों की बिक्री की. जबकि अप्रैल में ये 1,42,454 यूनिट थी.
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कंपनी की छोटी कार ऑल्टो और एस-प्रेसो की टोटल सेल मई में 81% गिरी है. मई में इन दोनों की मिलाकर मात्र 4,760 यूनिट बिकी जबकि अप्रैल में ये आंकड़ा 25,041 यूनिट का था.
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कॉम्पैक्ट व्हीकल सेगमेंट में भी कंपनी की सेल मई में तेजी से गिरी है. स्विफ्ट, सेलेरियो, इग्निस, बलेनो और डिजायर को मिलाकर कंपनी की सेल 72% कम रही. मई में इस सेगमेंट की मात्र 20,343 कार की सेल इुई. अप्रैल में ये सेल 72,318 यूनिट थी.
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कंपनी की सेडान कार सियाज की सेल मई में मात्र 349 रही, जो अप्रैल में 1,567 यूनिट थी. इसी तरह विटारा ब्रेजा, एस-क्रॉस और अर्टिगा जैसे यूटिलिटी व्हीकल की सेल 6,355 यूनिट रही. ये इनकी अप्रैल की 25,484 यूनिट की सेल से 75% कम है.
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मई में मारुति का कारखाना भी 1 मई से 16 मई तक बंद रहा. इस दौरान कंपनी ने अपने द्विवार्षिक मेंटिनेंस के काम को पूरा किया. हालांकि ये मेंटिनेंस का काम पहले जून में होना तय था, देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की भारी कमी को देखते हुए कंपनी ने मेंटिनेंस के काम को पहले करने का निर्णय किया. वहीं सरकार ने भी ऑक्सीजन के औद्योगिक उपयोग पर रोक लगाई थी जिससे कलपुर्जे बनाने वाली कंपनियों का उत्पादन बंद हो गया था.
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कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि बीते साल मई में देशभर में लगे लॉकडाउन की वजह से उसके उत्पादन में बाधा आई थी.इसलिए इस साल मई के आंकड़ों की तुलना पिछले साल से नहीं की जा सकती.
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