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ऑटो न्यूज़

बदल गए सड़क हादसे से जुड़े कानून, मौत पर कंपनी देगी जुर्माना, मददगार को राहत

सड़क हादसे से जुड़ा नियम
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देश की सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक अहम कानून बनाया है. इसके तहत अब सड़क हादसे में किसी की मौत पर रोड़ बनाने वाली कंपनी को दोषी माना जाएगा. इसके साथ ही निर्माण कंपनी-ठेकेदार पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लिया जाएगा. 

नियम किसके लिए
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हादसे में संबंधित इंजीनियर, कंसल्टेंट, हितधारकों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. आपको बता दें कि मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2020 के सेक्शन 198-ए में इसका प्रावधान किया गया है. हालांकि, ये नियम फिलहाल नेशनल हाईवे के लिए है. 
 

मदद करने वालों को राहत
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इसके अलावा सड़क किनारे दुर्घटना होने पर मदद करने वालों को राहत दी गई है. सरकार ने ऐसे ‘नेक आदमी’ के संरक्षण के नियम बना दिए हैं. इसके चलते पुलिस अब ऐसे लोगों पर पहचान जाहिर करने का दबाव नहीं बना सकेगी. सरकार ने मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम-2019 में एक नई धारा 134 (ए) को जोड़ा है. यह धारा सड़क हादसों के दौरान पीड़ितों की मदद के लिए आगे आने वाले ‘नेक आदमी’ को संरक्षण प्रदान करती है. 
 

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स्वैच्छिक आधार पर दे सकता है जानकारी
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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ऐसे लोगों के साथ सम्मानजनक व्यवहार होना चाहिए.  उनके साथ धर्म, राष्ट्रीयता, जाति और लिंग को लेकर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए.  बयान के मुताबिक, ‘‘कोई भी पुलिस अधिकारी या अन्य व्यक्ति ऐसे मददगार पर उनकी पहचान, पता या अन्य निजी जानकारी साझा करने का दबाव नहीं बना सकेगा. हालांकि, यदि व्यक्ति चाहे तो स्वैच्छिक आधार पर जानकारी दे सकता है. ’’ 
 

वेबसाइट पर देनी होगी जानकारी
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इसके अलावा हर सरकारी और निजी अस्पताल को ऐसे ‘मददगार’ के संरक्षण से जुड़े अधिकारों को अपनी वेबसाइट, परिसर के प्रवेश द्वार और अन्य स्थानों पर प्रदर्शित करना होगा. उनके अधिकार हिंदी, अंग्रेजी या अन्य स्थानीय भाषाओं में प्रदर्शित करने होंगे. इतना ही नहीं यदि सड़क दुर्घटना के किसी मामले में मदद करने वाला व्यक्ति स्वैच्छिक रूप से गवाह बनना चाहता है तो उसके बयान इत्यादि इन्हीं नियमों के आधार पर दर्ज करने होंगे.
 

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