टाटा मोटर्स ने चिप की कमी से निपटने के लिए नया प्लान तैयार किया है. कंपनी ने कहा कि प्रोडक्शन गतिविधियों और बिक्री पर सेमीकंडक्टर की कमी के प्रभाव को कम करने के लिए स्टॉकिस्टों से सीधी खरीद और उत्पाद विन्यास (Configurations) में बदलाव सहित विभिन्न उपायों पर विचार कर रही है. (Photo: Getty Images)
घरेलू बाजार में नेक्सॉन, हैरियर और सफारी सहित कई मॉडल बेचने वाली प्रमुख वाहन कंपनी अलग-अलग तरह के चिप पर भी विचार कर रही है, जिनका उपयोग उन घटकों में किया जा सकता है, जहां आपूर्ति की स्थिति गंभीर है. कंपनी को उम्मीद है कि चालू तिमाही में स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी रहेगी और वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आपूर्ति में कुछ सुधार होगा. (Photo: File)
टाटा मोटर्स की यात्री वाहन व्यापार इकाई (पीवीबीयू) के अध्यक्ष शैलेश चंद्र से जब पूछा गया कि क्या कंपनी सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से अपनी उत्पादन गतिविधियों में दिक्कतों का सामना कर रही है. इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'आपूर्ति की अनिश्चितता के कारण हम निश्चित रूप से प्रभावित हुए हैं, लेकिन अब तक हम किसी तरह स्थिति को संभाला है.' (Photo: Getty Images)
बड़ा नुकसान का अनुमान
उन्होंने कहा कि कंपनी उत्पादन के नुकसान को कम करने के लिए कुछ मॉडल पर दोबारा काम करने को लेकर विचार कर रही है. दरअसल पिछले दिनों टाटा मोटर्स ने जानकारी दी थी कि चिप की कमी से वाहनों के निर्माण पर असर पड़ सकता है. सेमीकंडक्टर की कमी पिछले दिसंबर से शुरू हुई थी. परामर्श फर्म एलिक्स पार्टनर्स ने मई में अनुमान लगाया था कि चिप संकट की वजह से कार उद्योग की बिक्री में करीब 110 अरब डॉलर की कमी आ सकती है. (Photo: Getty Images)
JLR के प्रोडक्शन पर पड़ेगा असर
दरअसल, चिप की कमी सबसे ज्यादा असर जगुआर लैंड रोवर पर पड़ने वाली है. जून में समाप्त हुए तीन महीनों में जगुआर लैंड रोवर की रिटेल सेल्स बढ़ी थी, जिससे डिमांड में रिकवरी होने का संकेत मिले थे. लेकिन अब जेएलआर ने कहा कि दूसरी तिमाही में चिप की अधिक किल्लत रहेगी, जिससे थोक उत्पादन में 50 फीसदी की कमी आ सकती है.
चिप की कमी नया संकट
दुनिया की तमाम बड़ी ऑटो कंपनियां सेमी-कंडक्टर (Semi Conductor) की कमी की परेशानी से जूझ रही हैं. यह एक छोटी-सी चिप है, जिसका कारों में इस्तेमाल किया जाता है. हाईटेक वाहनों में कई तरह के चिप का इस्तेमाल होता है. सेफ्टी फीचर्स में भी चिप का इस्तेमाल होता है. एक तरह से सेमीकंडक्टर को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का 'दिमाग' कहा जाता है. (Photo: Getty Images)
चिप का क्या काम?
चिप एक पोर्ट डिवाइस है, इसका उपयोग डाटा रखने में होता है. आसान शब्दों में कहें तो ऑटोमोबाइल्स इंडस्ट्री से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां तक चिप की कमी से जूझ रही हैं. इंफोटेनमेंट सिस्टम, पावर स्टीयरिंग और ब्रेक को ऑपरेट करने के लिए सेमीकंडक्टर चिप्स का इस्तेमाल होता है. नए वाहनों के लिए यह चिप बेहद जरूरी है. (Photo: Getty Images)
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी संकट
यही नहीं, ऑटो कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों पर फोकस कर रही हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों में आम वाहनों के मुकाबले ज्यादा चिप लगते हैं. इसलिए चिप की सप्लाई में कमी से इलेक्ट्रिक वाहनों को भी झटका लग सकता है. इसलिए चिप की डिमांड बढ़ने का अनुमान है, लेकिन सप्लाई अगले 6 महीने तक प्रभावित रहने की आशंका है.