रोड सेफ्टी को और बेहतर करने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले से सड़क पर दौड़ने वाली हर कार में पैसेंजर को अतिरिक्त सुरक्षा मिलेगी. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी है.
हर कार में होंगे 6 एयरबैग
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (MoRTH) नितिन गडकरी ने ट्वीट कर कहा कि कारों में 6 एयरबैग को अनिवार्य करने के लिए उन्होंने अधिसूचना के मसौदे को मंजूरी दे दी है. इससे सभी सेगमेंट की कारों में पैसेंजर की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी. कार की कीमत और वैरिएंट का इससे कोई लेना-देना नहीं होगा.
In order to enhance the safety of the occupants in motor vehicles carrying upto 8 passengers, I have now approved a Draft GSR Notification to make a minimum of 6 Airbags compulsory. #RoadSafety #SadakSurakshaJeevanRaksha
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) January 14, 2022
आम आदमी की कार बनेगी सुरक्षित
गडकरी ने कहा कि ये फैसला M1 कैटेगरी की कारों के लिए किया गया है. M1 कैटेगरी में 5 से 8-सीटर कारें शामिल होती हैं. इस तरह अब मिड-रेंज की भी सभी कारों में 6 एयरबैग (Airbags) अनिवार्य होंगे. इस नए फैसले के बाद कार में दो साइड एयर बैग और दो साइड करटेन भी लगेंगे जिससे कार में पीछे बैठे यात्रियों की भी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी.
This will ultimately ensure the safety of passengers across all segments, irrespective of the cost/variant of the vehicle. #RoadSafety #SadakSurakshaJeevanRaksha
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) January 14, 2022
सरकार ने इससे पहले ड्राइवर सीट के लिए एयरबैग को अनिवार्य किया था, इस साल 1 जनवरी 2022 से सभी कारों में ड्राइवर के साथ-साथ को-पैसेंजर की सुरक्षा के लिए हर कार में दो एयरबैग अनिवार्य कर दिए गए हैं.
इतनी महंगी हो सकती हैं कारें...
सरकार के इस फैसले के बाद निश्चित तौर पर कार कंपनियों की लागत बढ़ेगी. एक एयरबैग की कीमत 1800 से 2000 रुपये के बीच बैठती है. ऐसे में 6 एयरबैग लगाने की कुल लागत 10 से 12 हजार रुपये के बीच आ सकती है. हालांकि सरकार का अनुमान है कि एयरबैग की डिमांड बढ़ने से इसकी लागत नीचे आएगी.
सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वालों के मामले में भारत दुनिया के शीर्ष देशों में शुमार है. नितिन गडकरी अलग-अलग मंच से इसमें कमी लाने की बात कहते रहे हैं. सरकार के इस कदम को इसी से जोड़कर देखा जा सकता है.
(चेतन भूटानी की रिपोर्ट)
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