देश में फेस्टिव सीजन (Festive Season) की शुरुआत हो चुकी है. फेस्टिव सीजन कई सेक्टर्स के लिए काफी फायदे वाला होता है, क्योंकि इस दौरान लोगों का उपभोग बढ़ जाता है. खासकर ऑटो सेक्टर (Auto Sector) के लिए तो त्योहारी महीने वरदान बनकर आते हैं. इस बार भी ट्रेंड में कोई बदलाव नहीं होने वाला है. शुरुआती आंकड़े ऑटो सेक्टर के लिए शानदार फेस्टिव सीजन का संकेत दे रहे हैं. त्योहारी खरीदारी को ध्यान में रखते हुए कार डीलर्स अपना स्टॉक बढ़ाने लग गए हैं, ताकि वे आने वाली डिमांड को पूरी कर सकें. इस कारण अगस्त महीने में यात्री कारों की थोक बिक्री (Car Sale August 2022) में करीब 30 फीसदी का इजाफा हुआ है.
फेस्टिव डिमांड को लेकर डीलरों की तैयारी
ऑटो इंडस्ट्री के अनुमानों के अनुसार, अगस्त महीने में यात्री कारों की थोक बिक्री 29-31 फीसदी बढ़कर 3.35 लाख से 3.40 लाख यूनिट तक पहुंच गई है. सिर्फ एक मई महीने को छोड़ दें तो यह पिछले एक साल में किसी एक महीने के दौरान थोक बिक्री में आई सबसे बड़ी तेजी है. मई महीने के दौरान ऑटो सेक्टर को पिछले साल के लो बेस के कारण तेज ग्रोथ दर्ज करने में मदद मिली थी. इससे पहले जुलाई महीने में यात्री कारों की थोक बिक्री 3.41 लाख यूनिट रही थी. अगस्त पांचवां ऐसा महीना है, जब फैक्ट्रियों से 3 लाख से ज्यादा कारें डिस्पैच की गई हैं.
कंपनियों के पास लाखों बुकिंग पेंडिंग
इंडस्ट्री डेटा के अनुसार, पिछले 12 महीने के दौरान फैक्ट्रियों ने औसतन 2,56,868 कारें हर महीने डिस्पैच कीं. भारत में ऑटो कंपनियां आम तौर पर फैक्ट्रियों से डीलरों को डिस्पैच की गई कारों के ही आंकड़े जारी करती हैं. अगस्त महीने में डीलरों की डिमांड देखकर ऑटो इंडस्ट्री में उत्साह का माहौल है. फेस्टिव सीजन में डिमांड बंपर रहने का अंदाजा इस बात से भी लगा सकते हैं कि कार कंपनियों के पास पहले से ही लाखों यूनिट की बुकिंग पेंडिंग है. कार कंपनियों को इसे फेस्टिव सीजन में क्लियर करना है.
महाामरी के बाद सुधर रहे हालात
आपको बता दें कि कोरोना महामारी ने ऑटो सेक्टर पर काफी बुरा असर डाला था. साल 2020 में यात्री कारों की बिक्री महामारी के कारण कम होकर महज 24.3 लाख यूनिट रह गई थी. हालांकि उसके बाद से डिमांड में तेजी से सुधार देखने को मिला है. इस बीच ऑटो सेक्टर को सप्लाई चेन की दिक्कतें और सेमीकंडक्टर की कमी जैसे संकटों का भी सामना करना पड़ा है. पिछले कुछ महीनों से सेमीकंडक्टर की उपलब्धता सुधरी है, जिससे कार कंपनियों को प्रोडक्शन बढ़ाने और पेंडिंग बुकिंग को क्लीयर करने में मदद मिल रही है.