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चलती CNG कार में लगी आग... 4 लोगों की मौत! जानलेवा बनती जा रही हैं ये गलतियां

CNG Car Fire: बीते रविवार को मेरठ जिले में भी हुई. जहां सड़क पर चलती एक CNG कार में अचानक से आग लग गई और इससे पहले कि कार सवार बाहर निकल पाते आग ने कार को पूरी तरह से अपने जद में लिया और मौके पर ही यात्रियों की मौत हो गई. सीएनजी कारों को लेकर लोग कुछ लापरवाही कर रहे हैं जिनके चलते इस तरह की घटनाएं हो रही हैं-

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CNG Car Fire
CNG Car Fire

देश में भीषण गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. इस बढ़ती गर्मी के साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों में आगजनी की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं.  ख़ासकर CNG कारों में आग लगने के मामले तेजी से आ रहे हैं. ऐसी ही एक घटना बीते रविवार को मेरठ जिले में भी हुई. जहां सड़क पर चलती एक CNG कार में अचानक से आग लग गई और इससे पहले कि कार सवार बाहर निकल पाते आग ने कार को पूरी तरह से अपने जद में लिया और मौके पर ही यात्रियों की मौत हो गई.

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क्या है मामला: 

बीते कल मेरठ जिले के जानी थाना क्षेत्र में गाजियाबाद से हरिद्वार जा रही एक चलती कार में आग लग गई. थोड़ी ही देर में आग इस कदर भड़की कि, कार में सवार यात्रियों को जान बचाने तक का मौका नहीं मिला और कार में सवार सभी यात्रियों की झुलसने से मौत हो गई. बताया जा रहा है कि, ये एक CNG हैचबैक कार थी. 

अपर पुलिस अधीक्षक मेरठ (रूरल एरिया) कमलेश बहादुर ने आज तक से बातचीत में बताया कि, ये हादसा बीते रविवार को रात में तकरीबन 9 बजे कांवड़ मार्ग पर हुआ. स्थानीय लोगों ने कार में आग लगने की सूचना पुलिस को दी थी. सूचना पाकर मौके पर पहुंची दमकल की टीम बड़े ही मशक्कत से कार में लगी आग को बुझाया. लेकिन तब तक कार में सवार सभी चार यात्रियों की जलकर मौत हो चुकी थी. पुलिस ने मृतकों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. 

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कैसे लगी आग: 

ASP कमलेश बहादुर का कहना है कि, "फिलहाल कार में आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है. लेकिन प्रथम दृष्टया ये शॉर्ट सर्किट का मामला लग रहा है. उन्होनें ये कहा कि, ये एक पुरानी सीएनजी कार थी जिसमें संभवत: मैनुअली (आफ्टर मार्केट) CNG किट लगाया गया था. आग कार के इंजन सेक्शन में पहले लगी और उसके बाद आग ने पूरी कार को अपने ज़द में ले लिया."

Car Fire

सांकेतिक तस्वीर:

CNG कारों में क्यों लगती है आग- 

कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) एक बेहद ही ज्वलनशील गैस होती है. इसकी जरा सी लीकेज भी एक बड़े हादसे का रूप ले लेती है. आमतौर पर कंपनी फिटेड CNG कारों में वाहन निर्माता कंपनियां सभी मानकों को ध्यान में रखते हुए वाहनों का निर्माण करती हैं. लेकिन जिन कारों में बाजार से CNG फीटिंग कराया जाता है वो उतना सुरक्षित नहीं होता है. आमतौर पर CNG कार में लगने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन यहां पर हम कुछ मुख्य बिंदुओं पर बात करेंगे- 

मेंटनेंस की कमी:

किसी भी सीएनजी कार में आग लगने के सबसे प्रमुख कारणों में से एक ये होता है कि, ज्यादातर लोग कार के मेंटनेंस पर ध्यान नहीं देते हैं. कंपनी द्वारा निर्देशित समयानुसार वाहन की समय-समय पर जांच करना बेहद जरूरी होता है. पुरानी कारों में वायरिंग और अन्य पार्ट्स के पुराने हो जाने पर शॉर्ट सर्किट और लीकेज की समस्या बढ़ जाती है. कई बार ऐसे में मामलों में आग भी लगने का डर होता है.

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मालिक की ओर से लापरवाही: 

कार में धूम्रपान करना, ज्वलनशील पदार्थ ले जाना, अपनी कार के पास पटाखे फोड़ना, हीटर का लंबे समय तक इस्तेमाल करना जैसी कुछ ऐसी गतिविधियाँ हैं जो जोखिम भरी हो सकती हैं. CNG कार का इस्तलेमाल करते हुए ख़ासा सावधान रहने की जरूरत होती है. क्योंकि आप कार में भारी मात्रा में CNG गैस लेकर ट्रैवेल कर रहे होते हैं. किसी भी सीएनजी कार का इग्निशन तापमान 540 डिग्री सेल्सियस तक होता है, जो कि काफी रिस्की है.

लोकल CNG किट्स:

थोड़े से पैसों की बचत के लिए लोग आफ्टर मार्केट बाजार से सीएनजी किट लगवा लेते हैं. आजकल किसी भी कार को सीएनजी में कन्वर्ट कर दिया जा रहा है जो कि बड़ा खतरा है. वाहन निर्माता कंपनियां जिन कारों में सीएनजी फीटिंग करती हैं, वो उन्हें पूरे रिसर्च के साथ तैयार करती हैं. इसके अलावा कार में जो कंपोनेंट्स और पार्ट्स इस्तेमाल किए जाते हैं वो भी जांचे-परखे हुए होते हैं. इसके उलट, बाजार में मिलने वाली CNG Kits को लगाने वाले वर्कशॉप इतनी सावधानी नहीं बरतते हैं. वहीं किट्स को कार में इंस्टॉल करने वाले मैकेनिक उतने एक्सपर्ट हों ये भी जरूरी नहीं है. लोकल सीएनजी किट्स में लीकेज और आग लगने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं.

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CNG Car Fire

आफ्टर मार्केट एक्सेसरीज: 

आज-कल कारों में मॉडिफिकेशन का क्रेज बढ़ता रहा है. ज्यादातर लोग कारों में आफ्टर मार्केट एक्सेसरीज और पार्ट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. जो न केवल वाहन के वांरटी को खत्म करता है बल्कि उसके परफॉर्मेंस को प्रभावित करते हुए रिस्क को भी बढ़ाता है. किसी भी वाहन में हमेशा कंपनी द्वारा निर्देशित और आधिकारिक एक्सेसरीज का ही इस्तेमाल करना चाहिए, भले ही आपकी कार कंपनी फिटेड CNG किट से ही लैस क्यों न हो. ओरिजनल इक्यूपमेंट से छेड़-छाड़ शॉर्ट सर्किट जैसे रिस्क को बढ़ा देता है.
 
गैस लीकेज:

कार में सीएनजी लीकेज के कई कारणों से हो सकते हैं, जैसे ज्यादा फ्यूल भरना, अनुचित फिटिंग इत्यादि. इसके अलावा CNG कार के सिलिंडर में दिया जाने वाला वॉल्व (Valve) में खराबी आने के चलते भी लीकेज होने की संभावना होती है. जितनी बार आप सीएनजी रिफिलिंग करवाते हैं उतनी बार सीएनजी पंप का नॉजिल वॉल्व से होते हुए भीतर जाता है. जो कि धीमें-धीमें वॉल्व से घर्षण करता है. इससे वॉल्वा के लूज होने या डैमेज होने का रिस्क बढ़ जाता है. इसलिए जैसे आपको कार में सीएनजी की गंध मिले तत्काल इसे अधिकृत सर्विस सेंटर पर जांच के लिए ले जाएं.

एक्सीडेंट:

एक्सीडेंट या टक्कर के दौरान CNG वाहनों में आग लगने का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा तेज झटका लगने से सिलिंडर या फिर सीएनजी किट के पार्ट्स के लूज होने का भी खतरा होता है, जिससे लीकेज की संभावना होती है. ज्यादातर कारों में सीएनजी सिलिंडर कार के पिछले हिस्से में दिए जाते हैं. यदि कार के पीछे से टक्कर होती है तो ये भी एक बड़ा रिस्क साबित होता है.

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कैसे रहें सुरक्षित:

देश की प्रमुख केंप्रेस्ड नेचुरल गैस वितरक कंपनियों में से एक इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने सीएनजी चालित वाहनों में दुर्घटनाओं की संभावना को कम करने के लिए कुछ तरीके बताए हैं. जो कि इस प्रकार हैं-

  • हमेशा सुनिश्चित करें कि वाहन में लगे CNG सिलिंडर की जांच समयानुसार हो. 
  • CNG सिलिंडर का हाइड्रो टेस्ट हर 3 साल बाद किया जाना चाहिए.
  • किसी भी परिस्थिति में 200 Bars से ज्यादा प्रेशर वाली सीएनजी न भरवाएं.
  • वाहन में किसी भी अनधिकृत रोड साइड के कन्वर्जन वर्कशॉट/आउटलेट से कभी भी सीएनजी किट/सिलिंडर न लगवाएं.
  • केवल स्वीकृत ब्रांड और मानकों के अनुसार निर्मित नए सीएनजी सिलिंडर का उपयोग करें.
  • वाहन को सीएनजी में कन्वर्ट कराने के बाद सीएनजी लाइसेंसधारी/रेट्रोफिटर से सीएनजी सिलिंडर टेस्ट सर्टिफिकेट जरूर लें.
  • लीकेज की स्थिति में, वाहन में आग लगने के किसी भी स्रोत से 6 मीटर के भीतर पार्क न करें.
  • यदि वाहन की रिपेयरिंग हो रही है मसलन वेल्डिंग इत्यादि तो पहले CNG सिलिंडर खाली कर दें.
  • सीएनजी सिलेंडर की जगह एलपीजी, प्रोपेन या कोई अन्य सिलिंडर न लगाएं. यह अवैध और असुरक्षित है.
  • यूजर को सीएनजी सिस्टम के सिलिंडर वाल्व, मास्टर शट-ऑफ वाल्व और बर्स्ट डिस्क के ऑपरेशन के बारे में जानकारी होनी चाहिए.
  • वाहन में लगी सीएनजी किट का बीमा वाहन के एक्सेसरीज के साथ ही कराया जाना चाहिए. इसके लिए बीमा कंपनी को सूचित करें.
  • वाहन चालकों को अतिरिक्त सीएनजी किट सिस्टम के लिए बीमा कवर लेना चाहिए, जिसके लिए बीमा कंपनी अतिरिक्त प्रीमियम ले सकती है.
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