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'SEX' सीरीज वाली स्कूटी से लड़की का परिवार परेशान, जानें- नंबर प्लेट बदलेगी या नहीं?

इस मामले को लेकर जब दिल्ली के एक आरटीओ अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि करीब 10 हजार गाड़ियों को इस सीरीज के नंबर अलॉट हुए हैं. लेकिन अब एक लड़की को इस सीरीज के नंबर अलॉट होने पर मामला तूल पकड़ रहा है.

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नंबर प्लेट को विवाद
नंबर प्लेट को विवाद
स्टोरी हाइलाइट्स
  • DL 3 SEX सीरीज के नंबर को लेकर विवाद
  • दिल्ली RTO ने कहा- इस तरह का यह पहला मामला

देश की राजधानी दिल्ली में RTO द्वारा एक टू-व्हीलर (Scooty) को ऐसा नंबर जारी किया गया है, जिससे एक परिवार परेशान है. ये वो परिवार है, जिसके नए स्कूटर को यह नंबर मिला है. 

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दरअसल साउथ दिल्ली (South District) RTO की ओर से वाहनों के DL3C और DL3S सीरीज के नंबर जारी किए जाते हैं. इसी कड़ी में पिछले महीने DL 3 SEX सीरीज के नए नंबर अलॉट हुए हैं. लेकिन अब यही सीरीज वाहनों खरीदारों के लिए संकट बन रहा है. क्योंकि इस सीरीज के तहत जो अल्फाबेट्स दिए जा रहे हैं, वो अटपटा है. सीरीज के अल्टाबेट्स DL 3 'SEX'.... (सेक्स) जैसे वर्ड बन जा रहे हैं.

स्कूटर के नंबर से परिवार परेशान 

इस मामले को लेकर जब दिल्ली के एक आरटीओ अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि करीब 10 हजार गाड़ियों को इस सीरीज के नंबर अलॉट हुए हैं. लेकिन अब एक लड़की को इस सीरीज के नंबर अलॉट होने पर मामला तुल पकड़ रहा है. क्योंकि लड़की की स्कूटी को आरटीओ की तरफ से जो नंबर मिला है, उसके बीच के अंकों में S.E.X अल्फाबेट्स हैं. 

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अब लड़की का परिवार अपने स्कूटी के नंबर को बदलवाना चाहता है. लेकिन सवाल ये है कि क्या ऐसा मुमकिन है? इसका जवाब जानने के लिए हमने कमिश्नर ऑफ दिल्ली ट्रांसपोर्ट के.के दहिया से बात की तो उन्होंने बताया, 'एक बार गाड़ी का नंबर अलॉट होने के बाद उसे बदलवाने का अब तक कोई प्रावधान नहीं है, क्योंकि ये सारी प्रक्रिया एक सेट पैटर्न पर चलती है.

इस तरह का पहला मामला

वहीं हमने इस मामले को लेकर साउथ दिल्ली आरटीओ के एक अधिकारी से बात की, उन्होंने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि इस तरह का यह पहला मामला है. अभी जो नियम है, उसके मुताबिक नंबर नहीं बदलता है. लेकिन अगर किसी को अपने वाहन के नंबर की वजह से परेशानी हो रही हो, खासकर वो लड़की है तो फिर ऐसे मामले को लेकर सीनियर अथॉरिटी से बात की जाएगी, और हल निकालने की कोशिश की जाएगी. 

उन्होंने बताया कि जिस सीरीज को लेकर विवाद हो रहा है, वो पिछले महीने ही जारी की गई है. लेकिन अब इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, जिस पर गौर किया जाएगा. लेकिन सवाल उठता है कि क्यों नहीं इस सीरीज को जारी करने से पहले आरटीओ के किसी अधिकारी या कर्मचारी की नजर इस पर गई?  

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गौरतलब है कि इस मामले को देखते हुए तो यही कहा जा सकता है कि परिवहन विभाग को भी नंबर अलॉट करने से पहले ऐसे मामलों पर गौर करना चाहिए, ताकि किसी के लिए परेशानी का सबब न बने. 


 

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